रामनाथ कोविंद का जीवन परिचय: जीवन
भारत के 14वें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का जन्म उत्तरप्रदेश में कानपूर के डेरापुर के एक छोटे से गाँव परौंख में 1 अक्टूबर 1945 को हुआ था। इनके पिता का नाम मैकूलाल और माता का नाम श्रीमती फूलमती है। कोविंद अपने पांच भाइयों में सबसे छोटे श्री कोविंद जी का विवाह 30 मई 1974 को हुआ था। इनकी पत्नी का नाम सरिता देवी है जो जो टेलीफोन विभाग में कार्यरत है।
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रामनाथ कोविंद की प्रारंभिक शिक्षा :
रामनाथ कोविंद जी की प्रारंभिक शिक्षा संदलपुर के गाँव खानपुर परिषदीय प्रारंभिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय से हुई। इसके बाद वह कानपुर पढाई करने के लिए गए जहाँ उन्होंने कानपुर के BNSD Inter College चुन्नीगंज से हाईस्कूल व इंटर की पढाई पूरी की। जिसके बाद कोविंद जी ने DAV college से बी.कॉम किया। बीकॉम करने के बाद डीसी लॉ कॉलेज से वकालत की पढाई करने के बाद दिल्ली पढाई करने चले गए। दिल्ली में रह कर सिविल सर्विसेज के तीसरे प्रयास में ही आईएस की परीक्षा पास की लेकिन मुख्य सेवा के बजाये एलायड सेवा में चयन होने पर नौकरी छोड़ दी।
करियर की शुरुआत :
कोविंद जी ने अपने करियर की शुरुआत जून 1975 में दिल्ली हाईकोर्ट में वकालत से की। 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद रामनाथ कोविंद तत्कालीन प्रधान मंत्री श्री मोरार जी देसाई के निजी सचिव बने।
राजनैतिक करियर की शुरुआत :
कोविंद जी मोरार जी देसाई के निजी सचिव बनने के बाद वह भाजपा नेतृत्व के संपर्क में आये। श्री कोविंद को भारतीय जनता पार्टी ने 1990 में घाटमपुर लोकसभा का टिकट दिया लेकिन वह चुनाव हार गए। 1993 व 1997 में पार्टी ने उन्हें प्रदेश से दो बार राज्यसभा भेजा। इसके बाद 2007 में कानपुर देहात की भोगनीपुर लोकसभा से चुनाव लड़े लेकिन हार गए। रामनाथ कोविंद इसके पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी के साथ महामंत्री भी रह चुके है।
सांसद के तौर पर : साल 1994 के अप्रैल के महीने में इन्हें उत्तरप्रदेश से राज्यसभा सांसद नियुक्त किया गया. अपनी कुशल कार्यक्षमता के बल पर इन्होने इस साल लगातार 2 बार राज्यसभा सांसद का पद हासिल किया. इस तरह राज्यसभा में इनका कार्यकाल 12 वर्ष का यानि साल 2006 तक का रहा।
रामनाथ कोविंद द्वारा किये गये कार्य
राज्यसभा सांसद पद में कार्यरत रहने के दौरान इन्होने राज्यसभा के जिन विशिष्ट पदों पर काम किया वे निम्न है।
रामनाथ कोविंद जी के जीवन के महत्वपूर्ण क्षण :
रामनाथ कोविंद के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण क्षण अगस्त 2015 को आया जब वह बिहार के राज्यपाल घोषित किये गए। वे बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता, बीजेपी के दलित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अखिल भारतीय कोरी समाज के अध्यक्ष भी रहे है।
रामनाथ कोविंद सामाजिक गतिविधियाँ
इन्होने समाज के पिछले तबके के लोगों के लिए बहुत काम किया. मुख्यतौर पर कुछ इस प्रकार हैं
भारत के 14वें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का जन्म उत्तरप्रदेश में कानपूर के डेरापुर के एक छोटे से गाँव परौंख में 1 अक्टूबर 1945 को हुआ था। इनके पिता का नाम मैकूलाल और माता का नाम श्रीमती फूलमती है। कोविंद अपने पांच भाइयों में सबसे छोटे श्री कोविंद जी का विवाह 30 मई 1974 को हुआ था। इनकी पत्नी का नाम सरिता देवी है जो जो टेलीफोन विभाग में कार्यरत है।
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रामनाथ कोविंद की प्रारंभिक शिक्षा :
रामनाथ कोविंद जी की प्रारंभिक शिक्षा संदलपुर के गाँव खानपुर परिषदीय प्रारंभिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय से हुई। इसके बाद वह कानपुर पढाई करने के लिए गए जहाँ उन्होंने कानपुर के BNSD Inter College चुन्नीगंज से हाईस्कूल व इंटर की पढाई पूरी की। जिसके बाद कोविंद जी ने DAV college से बी.कॉम किया। बीकॉम करने के बाद डीसी लॉ कॉलेज से वकालत की पढाई करने के बाद दिल्ली पढाई करने चले गए। दिल्ली में रह कर सिविल सर्विसेज के तीसरे प्रयास में ही आईएस की परीक्षा पास की लेकिन मुख्य सेवा के बजाये एलायड सेवा में चयन होने पर नौकरी छोड़ दी।
करियर की शुरुआत :
कोविंद जी ने अपने करियर की शुरुआत जून 1975 में दिल्ली हाईकोर्ट में वकालत से की। 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद रामनाथ कोविंद तत्कालीन प्रधान मंत्री श्री मोरार जी देसाई के निजी सचिव बने।
राजनैतिक करियर की शुरुआत :
कोविंद जी मोरार जी देसाई के निजी सचिव बनने के बाद वह भाजपा नेतृत्व के संपर्क में आये। श्री कोविंद को भारतीय जनता पार्टी ने 1990 में घाटमपुर लोकसभा का टिकट दिया लेकिन वह चुनाव हार गए। 1993 व 1997 में पार्टी ने उन्हें प्रदेश से दो बार राज्यसभा भेजा। इसके बाद 2007 में कानपुर देहात की भोगनीपुर लोकसभा से चुनाव लड़े लेकिन हार गए। रामनाथ कोविंद इसके पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी के साथ महामंत्री भी रह चुके है।
सांसद के तौर पर : साल 1994 के अप्रैल के महीने में इन्हें उत्तरप्रदेश से राज्यसभा सांसद नियुक्त किया गया. अपनी कुशल कार्यक्षमता के बल पर इन्होने इस साल लगातार 2 बार राज्यसभा सांसद का पद हासिल किया. इस तरह राज्यसभा में इनका कार्यकाल 12 वर्ष का यानि साल 2006 तक का रहा।
रामनाथ कोविंद द्वारा किये गये कार्य
- होम अफेयर्स पार्लियामेंट्री कमेटी
- अनुसूचित जाति और जनजाति पार्लियामेंट्री कमेटी.
- पेट्रोलियम और नेचुरल गैस पर्लिंन्ट्री कमिटी
- लॉ और जस्टिस पार्लियामेंट्री कमिटी
राज्यसभा चेयरमैन - सोशल जस्टिस और एम्पोवेर्मेंट पार्लियामेंट्री कमिटी
रामनाथ कोविंद के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण क्षण अगस्त 2015 को आया जब वह बिहार के राज्यपाल घोषित किये गए। वे बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता, बीजेपी के दलित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अखिल भारतीय कोरी समाज के अध्यक्ष भी रहे है।
रामनाथ कोविंद सामाजिक गतिविधियाँ
इन्होने समाज के पिछले तबके के लोगों के लिए बहुत काम किया. मुख्यतौर पर कुछ इस प्रकार हैं
- समाज में शिक्षा फैलाने के लिए कई बड़े कदम उठाये. अपने 12 वर्ष के राज्यसभा के सांसद के तौर पर कार्यरत रहते हुए इन्होने पिछले तबकों में शिक्षा फैलाने पर विशेष जोर दिया।
- इन्होने अनुसूचित जाति- जनजाति, अल्पसंख्यक, महिलाओं के लिए अपने कॉलेज के दिनों से ही काम करना शुरू कर दिया था।
- अपने छात्र काल से ही लोक सेवा करने की वजह से इन्हें कई लोगों ने बहुत जल्द समझ लिया।
वकालत के दौरान अनुसूचित जाति- जनजाति और महिलाओं के लिए क़ानूनी रूप से मिलने वाली कई मुफ्त सुविधाओं को पहुँचाया। इनके प्रयासों से ही दिल्ली में ‘फ्री लीगल ऐड सोसाइटी’ जैसी संस्था अस्तित्व में आ सकी. इन्होने इनका कानपुर का पुश्तैनी मकान अपने गाँव वालों को दान कर दिया, जो अब बारातघर के रूप में प्रयोग किया जाता है। - इस तरह श्री रामनाथ कोविंद ने अपने तमाम पदों पर काम करते हुए देश के उन तबकों को नहीं भुला, जो अभी तक सही तौर पर विकास मार्ग पर नहीं आ पाए है।