पुलिस द्वारा किये गए एनकाउंटर में 19 दिन पहले मारे गए का आखिरकार 14 जुलाई को जिला नागौर के सांवराद गांव में गैंगस्टर आनन्दपाल अंतिम संस्कार हो गया। आनंदपाल के अंतिम संस्कार में लोगों के शामिल होने के लिए कर्फ्यू में एक तक़रीबन घंटे की ढील दी गई और इसके बाद फिर कर्फ्यू लगा दिया गया।
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पुलिस प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा के बीच आंनदपाल का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इससे पहले आनंदपाल एनकाउंटर की सीबीआई मांग पर अड़े राजपूत समाज के लोगों ने जमकर हंगामा किया।
बुधवार देर रात को कई वाहनों में आगजनी भी की गई थी। आनंदपाल के गांव और आस-पास के इलाके में भारी पुलिस बल तैनात है। जानकारी मिली है कि पुलिस प्रशासन ने आनंदपाल सिंह के परिवार को एक नोटिस देकर कहा था, कि अगर उन्होंने उसके शव का अंतिम संस्कार नहीं किया तो मजबूरी में यह काम पुलिस प्रशासन करेगा।
इस चेतावनी के बाद गुरुवार को मुक्तिधाम में बीस दिनों बाद राजस्थान पुलिस ने गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का जबरन अंतिम संस्कार कर दिया।
पुलिस ने शाम को पुलिस ने घरवालों को कहा कि अंतिम संस्कार करना होगा और आनंदपाल के बेटे को साथ चलने को कहा मगर बेटा नहीं माना तो पुलिस जबरन उसे साथ ले गई। पुलिस ने गांव के पांच लोगों को भी साथ लिया और उन्हें अंतिम संस्कार में ले आई। इसके िश तरह से आनंदपाल के अंतिम संस्कार की कार्रवाई पूरी की गई।
दिन में ढाई बजे पुलिस ने आनंदपाल के घर पर मानवाधिकार आयोग का नोटिस घर पर सूचित किया गया था कि आप 24 घंटे के अंदर दाह संस्कार कीजिए। इसके लिए मानवाधिकार ने आनंदपाल के लाश के मानवाधिकार और उसकी प्रतिष्ठा का सवाल बनाया था। मगर महज चार घंटे बाद ही दाह संस्कार कर दिया गया।
राजस्थान पुलिस के अनुसार गांव में एक घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई थी और दाह संस्कार के लिए एक जगह एकत्रित होने के लिए कहा गया था।
तनाव को देखते हुए सुरक्षा के लिहाज से आनंदपाल की शव यात्रा में भारी सुरक्षा बल का जाब्ता तैनात किया गया था। नागौर में अंतिम संस्कार के बाद भी हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। ज्ञातव्य है कि इससे पहले बुधवार की रात राजपूतों की गुस्साई भीड़ ने नागौर में पुलिस पर हमला कर दिया था।
गौरतलब है कि आनन्दपाल के परिजन व राजपूत समाज एनकाउंटर को फर्जी बता रहा है और सीबीआई जांच की मांग को लेकर बुधवार को हुई हिंसा में रोहतक निवासी लालचंद की मौत और 18 पुलिसकर्मियों के सहित तीन दर्जन लोग घायल हो गए थे।
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पुलिस प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा के बीच आंनदपाल का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इससे पहले आनंदपाल एनकाउंटर की सीबीआई मांग पर अड़े राजपूत समाज के लोगों ने जमकर हंगामा किया।
बुधवार देर रात को कई वाहनों में आगजनी भी की गई थी। आनंदपाल के गांव और आस-पास के इलाके में भारी पुलिस बल तैनात है। जानकारी मिली है कि पुलिस प्रशासन ने आनंदपाल सिंह के परिवार को एक नोटिस देकर कहा था, कि अगर उन्होंने उसके शव का अंतिम संस्कार नहीं किया तो मजबूरी में यह काम पुलिस प्रशासन करेगा।
इस चेतावनी के बाद गुरुवार को मुक्तिधाम में बीस दिनों बाद राजस्थान पुलिस ने गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का जबरन अंतिम संस्कार कर दिया।
पुलिस ने शाम को पुलिस ने घरवालों को कहा कि अंतिम संस्कार करना होगा और आनंदपाल के बेटे को साथ चलने को कहा मगर बेटा नहीं माना तो पुलिस जबरन उसे साथ ले गई। पुलिस ने गांव के पांच लोगों को भी साथ लिया और उन्हें अंतिम संस्कार में ले आई। इसके िश तरह से आनंदपाल के अंतिम संस्कार की कार्रवाई पूरी की गई।
दिन में ढाई बजे पुलिस ने आनंदपाल के घर पर मानवाधिकार आयोग का नोटिस घर पर सूचित किया गया था कि आप 24 घंटे के अंदर दाह संस्कार कीजिए। इसके लिए मानवाधिकार ने आनंदपाल के लाश के मानवाधिकार और उसकी प्रतिष्ठा का सवाल बनाया था। मगर महज चार घंटे बाद ही दाह संस्कार कर दिया गया।
राजस्थान पुलिस के अनुसार गांव में एक घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई थी और दाह संस्कार के लिए एक जगह एकत्रित होने के लिए कहा गया था।
तनाव को देखते हुए सुरक्षा के लिहाज से आनंदपाल की शव यात्रा में भारी सुरक्षा बल का जाब्ता तैनात किया गया था। नागौर में अंतिम संस्कार के बाद भी हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। ज्ञातव्य है कि इससे पहले बुधवार की रात राजपूतों की गुस्साई भीड़ ने नागौर में पुलिस पर हमला कर दिया था।
गौरतलब है कि आनन्दपाल के परिजन व राजपूत समाज एनकाउंटर को फर्जी बता रहा है और सीबीआई जांच की मांग को लेकर बुधवार को हुई हिंसा में रोहतक निवासी लालचंद की मौत और 18 पुलिसकर्मियों के सहित तीन दर्जन लोग घायल हो गए थे।