रक्षाबंधन का महत्व, रक्षाबंधन पर निबंध, कहानी उपहार बधाई सन्देश शुभकामनाएं हिंदी में
रक्षाबंधन भाई बहिन का पर्व है जो समूचे भारत में बड़े ही हर्सोउल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर लम्बी उम्र की कामना करती है। साथ ही भाई भी अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देता है। यह पर्व प्रत्येक वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।
source- google images
रक्षाबंधन का अर्थ (Raksha Bandhan Kaa Arth)
रक्षाबंधन का अर्थ है (रक्षा+बंधन) अर्थात किसी को अपनी रक्षा के लिए बांध लेना। इसीलिए इस पर्व पर राखी बांधते समय बहन कहती है 'हे भैया! मैं तुम्हारी शरण में हूँ, मेरी सब प्रकार से रक्षा करना।' आज के दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और उन्हें मिठाई खिलाती है। फलस्वरूप भाई भी अपनी बहन को जीवनपर्यन्त रक्षा करने का वचन देते हैं। रक्षाबंधन भाई-बहन स्नेह का वह अमूल्य बंधन है जिसका बदला धन तो क्या सर्वस्व देकर भी नहीं चुकाया जा सकता।रक्षाबंधन के बारे में (Raksha Bandhan Ke Baare Me)
रक्षाबंधन हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है जो श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। यह भाई-बहन को स्नेह की डोर से बांधने वाला त्योहार है। यह त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है।रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है (Raksha Bandhan Kyun Manaya Jaata Hai)
भारतीय परम्परा में विश्वास का बन्धन ही प्रमुख है और रक्षाबन्धन इसी विश्वास का बन्धन है। इस पर्व पर बहिन के राखी बांधने पर मात्र रक्षा का वचन ही नहीं देता वरन् प्रेम, समर्पण, निष्ठा व संकल्प के जरिए हृदयों को बाँधने का भी वचन देता है। पहले रक्षाबन्धन बहन-भाई तक ही सीमित नहीं था, अपितु आपत्ति आने पर अपनी रक्षा के लिए अथवा किसी की आयु और आरोग्य की वृद्धि के लिये किसी को भी रक्षा-सूत्र (राखी) बांधा या भेजा जाता था।भगवान कृष्ण ने भी गीता में कहा है कि- ‘मयि सर्वमिदं प्रोतं सूत्रे मणिगणा इव’- अर्थात ‘सूत्र’ अविच्छिन्नता का प्रतीक है, क्योंकि सूत्र (धागा) बिखरे हुए मोतियों को अपने में पिरोकर एक माला के रूप में एकाकार बनाता है।
माला के सूत्र की तरह रक्षा-सूत्र (राखी) भी लोगों को जोड़ता है।
गीता में भी लिखा गया है कि जब संसार में नैतिक मूल्यों में कमी आने लगती है, तब ज्योतिर्लिंगम भगवान शिव प्रजापति ब्रह्मा द्वारा धरती पर पवित्र धागे भेजते हैं, जिन्हें बहनें मंगलकामना करते हुए भाइयों की कलाई पर बाँधती हैं और भगवान शिव उन्हें नकारात्मक विचारों से दूर रखते हुए दु:ख और पीड़ा से निजात दिलाते हैं।
Happy Raksha Bandhan Photos
रक्षाबंधन फोटो (Raksha Bandhan Photo)
रक्षाबंधन फोटोज (Raksha Bandhan Photos)
रक्षाबंधन वालपेपर (Raksha Bandhan Wallpaper)
रक्षाबंधन राखी फोटो (Raksha Bandhan Rakhi Photo)
All Images source- google
रक्षाबंधन बधाई सन्देश (Raksha Bandhan Message)
त्योहारों का त्यौहार, राखी का त्यौहार,
जिसमें झलकता है भाई-बहन का प्यार,
हैप्पी रक्षा बंधन का त्यौहार।
रक्षा बंधन का हार्दिक शुभकामनाये
रक्षा-बंधन का त्योहार है,
हर तरफ खुशियों की बौछार है,
बँधा एक धागे में
भाई-बहन का प्यार है।
रक्षा-बंधन का हार्दिक अभिनन्दन.
चंदन की लकड़ी फूलों का हार,
अगस्त का महीना सावन की फुहार,
भैया की कलाई बहन का प्यार,
मुबारक हो आपको रक्षा-बंधन का त्यौहार।
रक्षाबंधन शुभकामना (Raksha Bandhan Shubhkaamna)
जन्मों का ये बंधन है,
स्नेह और विश्वास का..
और भी गहरा हो जाता है ये रिश्ता..
जब बंधता है धागा रक्षाबंधन के प्यार का…
रक्षा बंधन की शुभ कामनाएं
रिश्ता हैं जन्मो का हमारा,
भरोसे का और प्यार भरा!
चलो इसे बांधे भैया,
राखी के अटूट बंधन में!!
रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामना..
ये लम्हा कुछ ख़ास हैं,
बहन के हाथों में भाई का हाथ है ,
ओ बहना तेरे लिए मेरे पास कुछ खास ह,
तेरे सुकून की खातिर मेरी बहना,
तेरा भाई हमेशा तेरे साथ हैं…
रक्षाबंधन शायरी (Raksha Bandhan Shyari)
रंग बिरंगे मौसम में, सावन की घटा छाई !खुशियों की सौगात लेकर बहना राखी बाँधने आई !!
बहनों के हाथों से सजा आज भाई की कलाई !
सभी देश वासियों को रक्षाबंधन की बधाई…!!
आसमान पर सितारे है जितने, उतनी जिंदगी हो तेरी,
किसी की नज़र न लगे, दुनिया की हर ख़ुशी हो तेरी,
रक्षाबंधन के दिन भगवान से बस यह दुआ है, मेरी!
रक्षा बंधन का हार्दिक अभिनन्दन!
याद है हमें वो हमारा बचपन,
वो लड़ना, वो झगड़ना और वो मना लेना,
यही होता है भाई बहन का प्यार,
और इसी प्यार को बढ़ाने आया है,
रक्षा बंधन का त्यौहार।
हे इश्वर मैं तुझसे बहुत प्यार करता हूँ,
तुझपर मैं अपना सबकुछ न्योछाबर करता हूँ!
पर मैं अपनी बहना पर तुझसे भी ज्याद विश्वास करता हूँ!!
रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामना दीदी..
याद आता है अक्सर वो गुजरा ज़माना,
तेरी मीठी सी आवाज में भैया कहकर बुलाना,
वो स्कूल के लिए सुबह मुझको जगाना,
आई है राखी लेकर दीदी, यही है भाई-बहन के प्यार का तराना।
source- google images
रक्षाबंधन उपहार (Raksha Bandhan Uphaar)
- घर की सजावट वाले सामान
अगर आपकी बहन को घर सजाने का बड़ा ही शौक है तो उसे रक्षाबंधन वाले दिन फोटो फ्रेम, वॉल डेकोर और लैंप आदि जैसी खूबसूरत चीज़ें भेंट कर सकते हैं।
- ब्रांडेड हैंड बैग या क्लच
- एक सुंदर सा ज्वैलरी का सेट
रक्षाबंधन के महत्व पर निबंध हिंदी में (Raksha Bandhan Ke Mahtav Par Nibandh Hindi Me)
भारत विभिन्न त्योहारों का देश है । यहाँ पर लोग अनेक प्रकार के त्योहार मनाते हैं । हर त्योहार अपना एक विशेष महत्त्व रखता है । रक्षाबंधन भी भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है । रक्षाबंधन का त्योहार हर साल श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है । बहिने महीने पूर्व से ही इस पर्व का इन्तजार करने लग जाती हैं। इस अवसर पर विवाहित बहिनें ससुराल से मायके जाती हैं और भाई के माथे पर तिलक लगाकर, राखी बांधती है और उनका मुँह मीठा कराती हैं। भाई प्रसन्न होकर बहन को कुछ उपहार और रक्षा करने का वचन देता है।
source- google images
रक्षाबंधन पर परिवार में खुशी का दृश्य होता है । हर भाई के हाथों में रक्षा-सूत्र बंधे नजर आते हैं । घर में विशेष पकवान बनाए जाते हैं । रक्षाबंधन के अवसर पर की रौनक बढ़ जाती है। रंग-बिरंगी राखियों से दुकाने सज जाती हैं और बाजार में विशेष चहल-पहल देखने को मिलती है। हलवाई की दुकान पर बहुत भीड़ होती है, पकवानो से बाजार में अलग ही महक होती है। लोग उपहार देने तथा घर में प्रयोग के लिए मिठाइयों के पैकेट खरीदकर ले जाते हैं ।
रक्षाबंधन पारिवारिक समागम और मेल-मिलाप बढ़ाने वाला त्योहार है । बालक-बालिकाएँ नए वस्त्र पहने घर-आँगन में खेल-कूद करते हैं । बहन भाई की कलाई में राखी बाँधकर उससे अपनी रक्षा का वचन लेती है । भाई इस वचन का पालन करता है । इस तरह पारिवारिक संबंधों में प्रगाढ़ता आती है ।
लोग पिछली कडुवाहटों को भूलकर आपसी प्रेम को महत्त्व देने लगते हैं ।इसमें हमें देश की प्राचीन संस्कृति की झलक देखने को मिलती है ।
source- google images
रक्षाबंधन पर कहानी (Raksha Bandhan Par Kahaani)
यदि इसकी शुरुआत के बारे में देखें तो यह भाई-बहन का त्यौहार नहीं बल्कि विजय प्राप्ति के किया गया रक्षा बंधन है। भविष्य पुराण के अनुसार जो कथा मिलती है वह इस प्रकार है।बहुत समय पहले की बाद है देवताओं और असुरों में भयंकर युद्ध छिड़ा हुआ था। लगातार 12 साल तक युद्ध चलता रहा और अंतत: असुरों ने देवताओं पर विजय प्राप्त कर ली। इतना ही नहीं देवराज इंद्र के सिंहासन सहित तीनों लोकों को भी जीत लिया। इसके बाद इंद्र देवताओं के गुरु, ग्रह बृहस्पति के पास के गये और सलाह मांगी।
source- google images
बृहस्पति ने इन्हें मंत्रोच्चारण के साथ रक्षा विधान करने को कहा। श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन गुरू बृहस्पति ने रक्षा विधान संस्कार आरंभ किया। इस रक्षा विधान के दौरान मंत्रोच्चारण से रक्षा पोटली को मजबूत किया गया। पूजा के बाद इस पोटली को देवराज इंद्र की पत्नी शचि जिन्हें इंद्राणी भी कहा जाता है ने इस रक्षा पोटली के देवराज इंद्र के दाहिने हाथ पर बांधा। इसकी ताकत से ही देवराज इंद्र असुरों को हराने और अपना खोया राज्य वापस पाने में कामयाब हुए।
वर्तमान में यह त्यौहार बहन-भाई के प्यार का पर्याय बन चुका है, एक ओर जहां भाई-बहन के प्रति अपने दायित्व निभाने का वचन बहन को देता है, तो दूसरी ओर बहन भी भाई की लंबी उम्र के लिये उपवास रखती है। इस दिन भाई की कलाई पर जो राखी बहन बांधती है वह सिर्फ रेशम की डोर या धागा मात्र नहीं होती बल्कि वह बहन-भाई के अटूट और पवित्र प्रेम का बंधन और रक्षा पोटली जैसी शक्ति भी उस साधारण से नजर आने वाले धागे में निहित होती है।
source- google images
रक्षाबंधन उत्सव (Raksha Bandhan Utsav)
रक्षाबंधन उत्सव पर श्रावण महीने में आता है इसलिए पूर्णिमा के दिन मंदिरों में विशेष पूजा- अर्चना की जाती है । लोग गंगाजल लेकर मीलों चलते हुए शिवजी को जल चढ़ाने आते हैं । काँधे पर काँवर लेकर चलने का दृश्य बड़ा ही अनुपम होता है । इस यात्रा में कावड़ियों को एक अलग ही आननद की अनुभूति होती है। कई तीर्थस्थलों पर श्रावणी मेला लगता है ।घर में पूजा-पाठ और हवन के कार्यक्रम होते हैं । रक्षाबंधन के दिन दान का विशेष महत्त्व माना गया है । इससे प्रभूत पुण्य की प्राप्ति होती है, ऐसा कहा जाता है । लोग कंगलों को खाना खिलाते हैं तथा उन्हें नए वस्त्र देते हैं । पंडित पुराहितों को भोजन कराया जाता है तथा दान-दक्षिणा दी जाती है।
यह भी पढ़ें - रक्षाबंधन की तारीख पूजन विधि और शुभ महूर्त 2017