स्पेशल रिपोर्ट: जहाँ देश के प्रधानमंत्री देश को डिजिटल बनाने में लगे है। देश के निवासियों को आदर्श ग्राम के नाम पर सारी सुविधाएँ मुहैया करवाने के दावे किये जा रहें है। वहीं कुछ गाँव आज भी इन मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। उनमें शामिल है नीमकाथाना शहर की एक छोटा सा गांव कालाखेत (सिरोही) जहाँ आज भी लोग रास्ते के लिए प्रशासन का मुँह ताक़ रहें है।
SDM को कई बार दे चुके हैं ज्ञापन
प्रधानमंत्री से अपील-पत्र
बड़े अफ़सोस की बात तो ये है कि आज भी इस गाँव के लोग रास्ता ना होने के कारण बीमार व्यक्ति को चारपाई के साथ उठाकर मुख्य सड़क तक लाते है। बाद में कहीं साधन से हॉस्पिटल ले जाया जाता है।
कालाखेत गांव की 200 की आबादी में आज 23 राजकीय व केंद्रीय कर्मचारी हैं। इनमें से ज्यादातर सीमा पर फ़ौज में देश की सुरक्षा कर रहें है। लेकिन जब बात इनके परिवार की सुरक्षा की आती है तो प्रशासन अपने पावं पीछे खिसका लेता है। देश की सेवा में लगे इन लोगो का जब कोई भी परिवारजन बीमार होता है तो बड़ी समस्या होती है।
प्रशासन नहीं तो फिर कौन दिलाएगा इनको मुलभुत आवश्यकता
प्रशासन नहीं तो फिर कौन दिलाएगा इनको मुलभुत आवश्यकता
कालाखेत गांव से कुछ दुरी पर सड़क होने के बावजूद भी ये आज तक रास्ते से अछूता है। गांव में जाने के लिए एक छोटी पगडंडी है जो बरसात के समय में आधी बार तो खराब रहती है। रास्ते को लेकर गाँव के लोगो ने इसके लिए सरपंच सहित तहसील के एस.डी.एम तक को तलब करने के बावजूद भी आज गांव के लोग 18 वीं सदी में जी रहें हैं। रास्ते को लेकर जवाब किसी के पास नहीं है। क्या इनको इनकी मूलभूत आवश्यकता जो कि इनका हक़ है कभी मिल पायेगा ?
स्थानीय प्रशासन के नहीं जागने पर अब प्रधानमंत्री से अपील
स्थानीय प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही ना करने पर अब प्रधानमंत्री से इस बाबत अपील की गई है। अब आगे से ऑर्डर आने पर शायद स्थानीय प्रशासन की तन्द्रा भंग हो जाए।
स्थानीय प्रशासन के नहीं जागने पर अब प्रधानमंत्री से अपील
स्थानीय प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही ना करने पर अब प्रधानमंत्री से इस बाबत अपील की गई है। अब आगे से ऑर्डर आने पर शायद स्थानीय प्रशासन की तन्द्रा भंग हो जाए।
SDM को कई बार दे चुके हैं ज्ञापन
गाँव के लोग ने जो आवश्यक कागजात चाहिए थे वो सभी इकठ्ठा कर कार्यवाही की माँग को लेकर ज्ञापन भी दिया लेकिन सिर्फ कार्यवाही के झूठे आश्वाशन के सिवाय उनको कुछ ना मिल सका।
SDM को इस बाबत कई बार अवगत करवाया जा चूका है। जिनमे गाँव के सुवालाल, श्योपाल, प्रकाश, फूलचंद, कैलाश, लालचंद, रोहिताश, प्रेमप्रकाश, अनिल मौजूद रहे।
गौरतलब है कि यहाँ पहले से कच्चा रास्ता प्रस्तावित है। लेकिन रास्ते की भूमि को चिन्हित नहीं करने के कारण रास्ते में अतिक्रमण कर रखा हैं। रास्ते के लिए सरपंच और पटवारी भी अपना कार्य केवल रिपोर्ट बनाने तक सीमित रखते है आगे की कार्यवाही आज तक उन्होंने नहीं की।
वहीँ अब सब्र की सारी हदें पार हो चुकी हैं रास्ते की समस्या को लेकर झूझ रहें लोगो के सब्र का बांध अब जवाब देने लगा है। इससे गाँव के लोगो में काफी आक्रोश है।
जमाबंदी की रिपोर्ट
SDM को दिया गया ज्ञापन
SDM को इस बाबत कई बार अवगत करवाया जा चूका है। जिनमे गाँव के सुवालाल, श्योपाल, प्रकाश, फूलचंद, कैलाश, लालचंद, रोहिताश, प्रेमप्रकाश, अनिल मौजूद रहे।
गौरतलब है कि यहाँ पहले से कच्चा रास्ता प्रस्तावित है। लेकिन रास्ते की भूमि को चिन्हित नहीं करने के कारण रास्ते में अतिक्रमण कर रखा हैं। रास्ते के लिए सरपंच और पटवारी भी अपना कार्य केवल रिपोर्ट बनाने तक सीमित रखते है आगे की कार्यवाही आज तक उन्होंने नहीं की।
सरपंच की रिपोर्ट
वहीँ अब सब्र की सारी हदें पार हो चुकी हैं रास्ते की समस्या को लेकर झूझ रहें लोगो के सब्र का बांध अब जवाब देने लगा है। इससे गाँव के लोगो में काफी आक्रोश है।