नीमकाथाना: टोडा ग्राम के रामल्यास में पिछले 15 दिनों लोग से पैंथर के गांव में आने से दशहत में है। अब तो खौफ इतना ज्यादा हो गया है कि लोग पहरा देने लगे हैं। यहां पैंथर ने तक़रीबन डेढ़ दर्जन बकरियों को अपना शिकार बना लिया है। ऐसे में ग्रामीण इलाके में दहशत का माहौल बनता जा रहा है।
ग्रामीणों के अनुसार पहाड़ी की तलहटी में बसे गांव रामल्यास में पैंथर ने अपना आतंक मचा रखा है। पैंथर ने मुकेश कुमार, रामकुमारसिंह, जयसिंह, भींवाराम, लीलाराम बलाई, सहित कई लोगों की करीब डेढ़ दर्जन बकरियों को अपना शिकार बना डाला।
पैंथर रात को करीब आठ बजे के बाद आता है। ऐसे में रात के समय लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। मामले से वन विभाग को अवगत कराया गया है। जिन्होंने पदचिह्नों केआधार पर पैंथर होने की पुष्टि की है।
रामकुमारसिंह ने बताया कि दो बकरियाँ तो पेड़ पर टंगी मिली थी। अब तो गांव के बकरी चरवाहो को भी पहाड़ी इलाके में जाने से डर लगने लगा है। पैंथर के आबादी में आने से ग्रामीण दशहत के माहौल में जी रहे हैं। जिसके कारण लोग रात को पहरा देकर अपने जानवरो की रक्षा कर रहे हैं। वहीं महिलाएं रात को समूह में घरों से बाहर निकलती हैं।
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ग्रामीणों के अनुसार पहाड़ी की तलहटी में बसे गांव रामल्यास में पैंथर ने अपना आतंक मचा रखा है। पैंथर ने मुकेश कुमार, रामकुमारसिंह, जयसिंह, भींवाराम, लीलाराम बलाई, सहित कई लोगों की करीब डेढ़ दर्जन बकरियों को अपना शिकार बना डाला।
पैंथर रात को करीब आठ बजे के बाद आता है। ऐसे में रात के समय लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। मामले से वन विभाग को अवगत कराया गया है। जिन्होंने पदचिह्नों केआधार पर पैंथर होने की पुष्टि की है।
रामकुमारसिंह ने बताया कि दो बकरियाँ तो पेड़ पर टंगी मिली थी। अब तो गांव के बकरी चरवाहो को भी पहाड़ी इलाके में जाने से डर लगने लगा है। पैंथर के आबादी में आने से ग्रामीण दशहत के माहौल में जी रहे हैं। जिसके कारण लोग रात को पहरा देकर अपने जानवरो की रक्षा कर रहे हैं। वहीं महिलाएं रात को समूह में घरों से बाहर निकलती हैं।