संसद का मानसून सत्र चल रहा है। गोरक्षा के नाम पर लोगों को पीट-पीट कर मारे जाने मुद्दे को लेकर सदन में विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। हंगामे के दौरान कागजात फाड़कर स्पीकर अध्यक्ष के आसन की तरफ फेंके हंगामा शून्यकाल में विपक्षी सदस्यों के हंगामा करने और कागजात फाड़कर अध्यक्ष के आसन की तरफ फेंके। जब हंगामा बढ़ गया तो सदन की कार्यवाही कुछ समय तक के लिए स्थगित कर दी गई ।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने शून्यकाल के दौरान अशोभनीय व्यवहार करने पर कांग्रेस के छह सदस्यों अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई, एम के राघवन, के सुरेश, सुष्मिता देव और रंजीत रंजन को सदन से पांच दिन के लिए निलम्बित कर दिया।
उसके बाद सदन में कार्यवाही शुरू होते ही महाजन ने सदस्यों के इस बर्ताव पर गहरा क्षोभ और चिंता जताते हुए कहा कि सदस्यों का यह आचरण सदन की मर्यादा और गरिमा के विपरीत है। इसलिए उन्हें सदन की कार्यवाही से पांच दिन के लिए निलम्बित किया जाता है।
उन्होंने कहा कि शून्यकाल के दौरान मल्लिकार्जुन खडगे और कुछ अन्य सदस्य दलितों पर हो रहे अत्याचार के समक्ष चर्चा कराना चाह रहे थे। जिस पर उन्होंने चर्चा कराए जाने का आश्वासन भी दिया था और संसदीय कार्यमंत्री अनन्त कुमार ने भी इस संबंध में आश्वासन दिया था लेकिन कुछ सदस्यों ने आसन के निकट आकर हंगामा शुरू कर दिया।
इससे पहले कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि भीड़ के हमले से हत्या की मामले लगातार बढ़ रहे हैं, पीएम ने तीन बार इस मुद्दे पर कहा है, लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है। जब तक एक्शन नहीं होगा, ये घटनाएं रुकने वाली नहीं हैं। अनंत कुमार ने कहा कि पूरे देश के लिए गाय मां जैसी है। हम सभी को मिलकर गाय की रक्षा करनी चाहिए। गाय की रक्षा करना हमें हमारा संविधान भी सिखाता है, लेकिन गाय के नाम पर कोई भी हिंसा सहनीय नहीं है।
विपक्षी सदस्यों से अपनी सीटों पर जाने का बार बार अनुरोध भी किया गया लेकिन गोगोई ने आसन के पास मेज से कागज उठाए, उन्हें लहराया और फिर आसन की तरफ फेंक दिया।
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लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने शून्यकाल के दौरान अशोभनीय व्यवहार करने पर कांग्रेस के छह सदस्यों अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई, एम के राघवन, के सुरेश, सुष्मिता देव और रंजीत रंजन को सदन से पांच दिन के लिए निलम्बित कर दिया।
उसके बाद सदन में कार्यवाही शुरू होते ही महाजन ने सदस्यों के इस बर्ताव पर गहरा क्षोभ और चिंता जताते हुए कहा कि सदस्यों का यह आचरण सदन की मर्यादा और गरिमा के विपरीत है। इसलिए उन्हें सदन की कार्यवाही से पांच दिन के लिए निलम्बित किया जाता है।
उन्होंने कहा कि शून्यकाल के दौरान मल्लिकार्जुन खडगे और कुछ अन्य सदस्य दलितों पर हो रहे अत्याचार के समक्ष चर्चा कराना चाह रहे थे। जिस पर उन्होंने चर्चा कराए जाने का आश्वासन भी दिया था और संसदीय कार्यमंत्री अनन्त कुमार ने भी इस संबंध में आश्वासन दिया था लेकिन कुछ सदस्यों ने आसन के निकट आकर हंगामा शुरू कर दिया।
इससे पहले कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि भीड़ के हमले से हत्या की मामले लगातार बढ़ रहे हैं, पीएम ने तीन बार इस मुद्दे पर कहा है, लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है। जब तक एक्शन नहीं होगा, ये घटनाएं रुकने वाली नहीं हैं। अनंत कुमार ने कहा कि पूरे देश के लिए गाय मां जैसी है। हम सभी को मिलकर गाय की रक्षा करनी चाहिए। गाय की रक्षा करना हमें हमारा संविधान भी सिखाता है, लेकिन गाय के नाम पर कोई भी हिंसा सहनीय नहीं है।
विपक्षी सदस्यों से अपनी सीटों पर जाने का बार बार अनुरोध भी किया गया लेकिन गोगोई ने आसन के पास मेज से कागज उठाए, उन्हें लहराया और फिर आसन की तरफ फेंक दिया।