इंद्र देव की कृपा इस श्रावण राजस्थान पर भी खूब बरस रही है। मंगलवार सुबह से ही राजस्थान के माउंटआबू समेत कई जिलों बारिश हो रही है। वहीं बांसवाड़ा में भी देर रात से ही लगातार बारिश हो रही है। यहाँ के हालत बहुत गंभीर बने हुए है। अब पल टूटने की चिंता स्थानीय निवासियो को सता रही है। इसके साथ प्रदेश के कई इलाकों में बाढ़ के हालात पैदा हो गए है। मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटे राजस्थान में ऐसे हालात बने रहने की संभावना है। मौके की नजाकत देखते हुए एनडीआरएफ की टीम तैनात कर दी गई है।
जालौर में भी बाढ़ के हालात बने हुए हैं। यहां गांव धानसा में अभी भी पेड़ों पर चढ़े हुए है, जिनके रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ ने हेलीकॉप्टर भेजा है। सांचोर में पानी के तेज बहाव के कारण नेशनल हाइवे 15 पर धमाना के पास रास्ता बंद हो गया है। यहां के मेन बाजार की दुकानों में भी पानी भर गया है। लोगों तक खाने पीने का समान नहीं पहुंचने से परेशानी उठानी पड़ रही है।
केरिय क्रॉस बांध भी लबालब भर गया है। यहां के लोगों को प्रशासन ने गांव खाली करने की चेतावनी दी है।
हालात का जायजा लेने पहुंचे पंचायती राज मंत्री
पाली के ढोला गांव में आई बाढ़ के बाद बचाव कार्य का जायजा लेने व स्थाथी का जायजा लेने पंचायतीराज मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री राजेन्द राठौड़ भी पहुंचे। राठौड़ ने कहा कि "प्रकति पर किसी का जोर नही लेकिन दुख की घड़ी में सरकार आपके साथ है।"
आबू में टुटा 100 साल का रिकॉर्ड तोड़ा
बता दें कि माउंटआबू में बारिश ने 100 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। यहां 24 घंटे में करीब 800 मिमी (32 इंच) यानी ढाई फुट बारिश दर्ज की गई। प्रदेश में इससे पहले सबसे ज्यादा बारिश होने का रिकॉर्ड भी माउन्ट आबू के ही नाम था। ज्ञातव्य है कि यहां 1992 में 26 इंच बारिश हुई थी। आबू में इस सीजन में अब तक 1100 मिमी बारिश हो चुकी है। गौरतलब है कि राजस्थान में पूरे मानसून सीजन में सामान्य बारिश 530.08 मिमी है।
प्रदेश के बारिश के इतिहास में यह पहला मौका है, जब पूरे सीजन की राज्यभर की बारिश से डेढ़ गुना पानी एक ही दिन में बरस पड़ा। राज्य के तीन जिलों में सेना तैनात कर दी गई है।
कहाँ पर बने हैं बाढ़ जैसे हालात
पिछले छह दिनों से हो रही लगातार बारिश ने पाली, जालोर सिरोही, बाड़मेर और जोधपुर में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। पाली के गावँ ढोला में 8 फीट तक पानी चढ़ गया है। एनडीआरएफ वायुसेना का हेलिकॉप्टर बचाव कार्यों में जुटा है।
जालोर बाड़मेर का प्रदेश से के अन्य जिलों से सड़क संपर्क कटा। बाड़मेर के उत्तरलाई एयरफोर्स स्टेशन में भी पानी घुसा। वहीँ मौसम विभाग ने बाड़मेर जोधपुर में भारी बारिश की चेतावनी दी है।
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जालौर में भी बाढ़ के हालात बने हुए हैं। यहां गांव धानसा में अभी भी पेड़ों पर चढ़े हुए है, जिनके रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ ने हेलीकॉप्टर भेजा है। सांचोर में पानी के तेज बहाव के कारण नेशनल हाइवे 15 पर धमाना के पास रास्ता बंद हो गया है। यहां के मेन बाजार की दुकानों में भी पानी भर गया है। लोगों तक खाने पीने का समान नहीं पहुंचने से परेशानी उठानी पड़ रही है।
केरिय क्रॉस बांध भी लबालब भर गया है। यहां के लोगों को प्रशासन ने गांव खाली करने की चेतावनी दी है।
हालात का जायजा लेने पहुंचे पंचायती राज मंत्री
पाली के ढोला गांव में आई बाढ़ के बाद बचाव कार्य का जायजा लेने व स्थाथी का जायजा लेने पंचायतीराज मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री राजेन्द राठौड़ भी पहुंचे। राठौड़ ने कहा कि "प्रकति पर किसी का जोर नही लेकिन दुख की घड़ी में सरकार आपके साथ है।"
आबू में टुटा 100 साल का रिकॉर्ड तोड़ा
बता दें कि माउंटआबू में बारिश ने 100 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। यहां 24 घंटे में करीब 800 मिमी (32 इंच) यानी ढाई फुट बारिश दर्ज की गई। प्रदेश में इससे पहले सबसे ज्यादा बारिश होने का रिकॉर्ड भी माउन्ट आबू के ही नाम था। ज्ञातव्य है कि यहां 1992 में 26 इंच बारिश हुई थी। आबू में इस सीजन में अब तक 1100 मिमी बारिश हो चुकी है। गौरतलब है कि राजस्थान में पूरे मानसून सीजन में सामान्य बारिश 530.08 मिमी है।
प्रदेश के बारिश के इतिहास में यह पहला मौका है, जब पूरे सीजन की राज्यभर की बारिश से डेढ़ गुना पानी एक ही दिन में बरस पड़ा। राज्य के तीन जिलों में सेना तैनात कर दी गई है।
कहाँ पर बने हैं बाढ़ जैसे हालात
पिछले छह दिनों से हो रही लगातार बारिश ने पाली, जालोर सिरोही, बाड़मेर और जोधपुर में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। पाली के गावँ ढोला में 8 फीट तक पानी चढ़ गया है। एनडीआरएफ वायुसेना का हेलिकॉप्टर बचाव कार्यों में जुटा है।
जालोर बाड़मेर का प्रदेश से के अन्य जिलों से सड़क संपर्क कटा। बाड़मेर के उत्तरलाई एयरफोर्स स्टेशन में भी पानी घुसा। वहीँ मौसम विभाग ने बाड़मेर जोधपुर में भारी बारिश की चेतावनी दी है।