क्या आपको पता है कि दोस्तों के साथ हर वक्त जोड़े रखने वाली फेसबुक आपकी जिंदगी में जहर घोल सकती है? जी हाँ फेसबुक पर कई ऐसे असामाजिक तत्व बैठे है जो आपकी खुशनुमा जिंदगीडिप्रेशन में डाल देते है। वे कई बार आपको टारगेट करके या आपके नाम से अकाउंट बना कर आपत्तिजनक तस्वीर, वीडियो और कमैंट्स अपलोड करते रहते है। इनकी वजह से कई लोग एक ही तरीका अपनाते हैं। वो उस अकाउंट को ब्लॉक करते हैं। ये कोई प्रॉपर सोलुशन नहीं है। और अब ऐसा करने की कतई जरुरत नहीं है।
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फेसबुक पर किसी का इंपॉस्टर अकाउंट न सिर्फ पर्सनल लाइफ बल्कि प्रफेशन लाइफ को भी गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है।अब इसका तोड़ आ गया है। निचे पोस्ट में हम इसे विस्तार से बता रहें हैं।
अक्सर फेसबुक पर परेशानी झेलने वाले इंपॉस्टर का शिकार होते हैं। आखिर क्या है इंपॉस्टर? इसका मतलब फेसबुक के ऐसे अकाउंट्स से है जो असल में अपनी जो पहचान बता रहे हैं, वह नहीं हैं। यह गुमनाम फेसबुक अकाउंट्स से इस लिहाज से अलग होते हैं कि उनमें कोई पहचान नहीं होती। इंपॉस्टर में बाकायदा नाम पता और फोन नंबर तक होता है। इसके जरिए किसी खास इंसान की पहचान के साथ से खुद को पेश करने की कोशिश की जाती है।
क्यों बनते हैं फेसबुक के ऐसे अकाउंट्स?
ऐसे में दिमाग में पहला सवाल यही आता है कि क्या कोई भी किसी के नाम का फेक अकाउंट इतना आसानी से बना सकता है? इसका जवाब है, हां। फेसबुक पर इंपॉस्टर अकाउंट बनाने वाले को कुछ मामले जानकारियां चाहिए होती हैं।
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क्या है सिक्यॉरिटी ऑथेंटिकेशन
इस ऑथेंटिकेशन के जरिए कई रजिस्ट्रड टेक्नॉलजी कंपनियां यह सुनिश्चित करती हैं, कि जो व्यक्ति अकाउंट बना रहा है वह असल में स्वयं ही है जो जानकारी दे रहा है। इसके सबसे आसान तरीके के रूप में एक मोबाइल नंबर देने का ऑप्शन दिया जाता है। जैसे ही वैलिड मोबाइल नंबर दिया जाता है कंपनी 'वन टाइम पासवर्ड' (OTP) बताए गए मोबाइल नंबर पर भेजती है। सिर्फ चंद मिनटों तक ही वैलिड रहने वाले इस पासवर्ड को डालने के बाद ही अकाउंट एक्टिवेट होता है। फिलहाल फेसबुक पर इस तरह के ऑथेंटिकेशन का प्रावधान नहीं है। इससे इंपॉस्टर अकाउंट्स बनाना न सिर्फ आसान हो जाता है बल्कि इन्हें ट्रेस करना भी मुश्किल हो जाता है।
ऐसे बच सकते हैं इंपॉस्टर से
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फेसबुक पर किसी का इंपॉस्टर अकाउंट न सिर्फ पर्सनल लाइफ बल्कि प्रफेशन लाइफ को भी गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है।अब इसका तोड़ आ गया है। निचे पोस्ट में हम इसे विस्तार से बता रहें हैं।
अक्सर फेसबुक पर परेशानी झेलने वाले इंपॉस्टर का शिकार होते हैं। आखिर क्या है इंपॉस्टर? इसका मतलब फेसबुक के ऐसे अकाउंट्स से है जो असल में अपनी जो पहचान बता रहे हैं, वह नहीं हैं। यह गुमनाम फेसबुक अकाउंट्स से इस लिहाज से अलग होते हैं कि उनमें कोई पहचान नहीं होती। इंपॉस्टर में बाकायदा नाम पता और फोन नंबर तक होता है। इसके जरिए किसी खास इंसान की पहचान के साथ से खुद को पेश करने की कोशिश की जाती है।
क्यों बनते हैं फेसबुक के ऐसे अकाउंट्स?
ऐसे में दिमाग में पहला सवाल यही आता है कि क्या कोई भी किसी के नाम का फेक अकाउंट इतना आसानी से बना सकता है? इसका जवाब है, हां। फेसबुक पर इंपॉस्टर अकाउंट बनाने वाले को कुछ मामले जानकारियां चाहिए होती हैं।
- नाम, पते और फोन नंबर जैसी सामान्य चीजें
- एक ईमेल अड्रेस (कुछ भी रखा जा सकता है, इसे ट्रेस करना मुश्किल हो जाता है)
- जिसका अकाउंट बनाना है उसकी तस्वीर (किसी को भी सोशल मीडिया अकाउंट से कॉपी हो सकता है)
बस इतनी सी सही-गलत जानकारी देते ही एक फेसबुक का इंपॉस्टर अकाउंट तैयार हो जाता है। इस पूरे प्रॉसेस में जो सबसे बड़ा झोल है वह है सिक्यॉरिटी ऑथेंटिकेशन का न होना।
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क्या है सिक्यॉरिटी ऑथेंटिकेशन
इस ऑथेंटिकेशन के जरिए कई रजिस्ट्रड टेक्नॉलजी कंपनियां यह सुनिश्चित करती हैं, कि जो व्यक्ति अकाउंट बना रहा है वह असल में स्वयं ही है जो जानकारी दे रहा है। इसके सबसे आसान तरीके के रूप में एक मोबाइल नंबर देने का ऑप्शन दिया जाता है। जैसे ही वैलिड मोबाइल नंबर दिया जाता है कंपनी 'वन टाइम पासवर्ड' (OTP) बताए गए मोबाइल नंबर पर भेजती है। सिर्फ चंद मिनटों तक ही वैलिड रहने वाले इस पासवर्ड को डालने के बाद ही अकाउंट एक्टिवेट होता है। फिलहाल फेसबुक पर इस तरह के ऑथेंटिकेशन का प्रावधान नहीं है। इससे इंपॉस्टर अकाउंट्स बनाना न सिर्फ आसान हो जाता है बल्कि इन्हें ट्रेस करना भी मुश्किल हो जाता है।
ऐसे बच सकते हैं इंपॉस्टर से
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- फेसबुक यूजर अपने बॉयफ्रेंड/गर्लफ्रेंड/के साथ तस्वीरें अपलोड करते है। जिन्हें बाद में इंपॉस्टर बड़ी ही चतुराई से इस्तेमाल करते हैं। ऐसा करने से बचें। अगर फोटो अपलोड भी करें तो उसकी कस्टमाइज्ड सेटिंग्स कर दें। इससे तस्वीर आपके चुने हुए लोगों को ही दिखेगी।
- अपने बारे में कोई पर्सनल जानकारी फेसबुक पर न दें। अगर दें भी तो 'only me' की सेटिंग्स का चुनाव करें।
- अक्सर लोग अपने घर परिवार के लोगों के बारे में और फैमिली ग्रुप को भी सबके देखने के लिए ओपन रखते हैं। ऐसा बिलकुल भी न करें। अपने फ्रेंड और फ़ैमिली को हाइड कर लें।
- ऐसा भी देखने को मिलता है कि अक्सर इंपॉस्टर करने वाला करीबी रिश्तेदार या दोस्त ही होता है। बेहतर होगा कि सतर्क रहें और फेसबुक को असल दुनिया का विकल्प न बनने दें।
- फेसबुक अपनी पॉलिसी में भी कहता है कि उन लोगों के ही फ्रेंड बनाए जिन्हें आप असल जिंदगी में जानते हों। ऐसे में अनजान लोगों से जितना दूर रहा जाए उतना रिस्क कम हो जाता है।
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