हाल ही में कश्मीर में बढ़ती आतंकवादी गतिविधियों में सक्रिय आतंकवादियों में आधे से ज्यादा पाकिस्तान के नागरिक हैं। गृह मंत्रालय ने खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों के हवाले से माना है कि राज्य में सक्रिय आतंकवादियों में पाकिस्तानियों की बहुलता है। कश्मीर में प्रायोजित आतंकवादी घटनाओ के पीछे पकिस्तान का हाथ रहा है। इन दिनों इसकी संख्या में इजाफा हुआ है। कश्मीर में महबूबा मुफ़्ती और केंद्र सरकार की गठबंधन निति कुछ हद तक इन्हे रोकने में नाकामयाब सी रही है।
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कश्मीर में 220 सक्रिय आतंकवादियों की पहचान
मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों ने 220 सक्रिय आतंकवादियों की पहचान की है। इनमें 50 प्रतिशत से ज्यादा आतंकवादी पाकिस्तान के हैं। अधिकारी ने ये भी बताया कि इस संख्या में इजाफा पिछले पांच महीनों में घुसपैठ में हुई वृद्धि के बाद हुआ है। इन सभी बातो से सरकार सकते में है। पाकिस्तानियो के हस्तक्षेप के कारण आतंकवाद एक चिंता का विषय बना हुया है।
इस साल घुसपैठ की 120 वारदात हुईं
उन्होंने बताया कि इस साल मई से लेकर अब तक घुसपैठ की 120 वारदातों को अंजाम दिया गया है।और इनमें 30 पाकिस्तानी आतंकवादी घुसने में कामयाब रहे। इससे पहले साल 2016 में घुसपैठ की 370 घटनायें हुई थीं. इनमें 119 आतंकवादी घुसपैठ में कामयाब रहे। गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 88 कश्मीरी युवा आतंकवादी संगठनों से जुड़े।
आतंकवाद एक गंभीर मुद्दा है जिसको केंद्र सरकार और विपक्ष दोनों की एक सहमति से सुलझाने की जरुरत है। कश्मीर की सरकार को भी इस क्षेत्र में विशेष कदम उठाने की जरुरत है। आतंकवाद को अब जड़ से मिटाने की बारी आ गई है। भारत के लोगो की भी सरकार से ये ही उपेक्षा है इसके खिलाफ कठोर कदम उठाये और रोज रोज शहीद का सिलसिला ख़तम करे।
source - Zee News
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कश्मीर में 220 सक्रिय आतंकवादियों की पहचान
मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों ने 220 सक्रिय आतंकवादियों की पहचान की है। इनमें 50 प्रतिशत से ज्यादा आतंकवादी पाकिस्तान के हैं। अधिकारी ने ये भी बताया कि इस संख्या में इजाफा पिछले पांच महीनों में घुसपैठ में हुई वृद्धि के बाद हुआ है। इन सभी बातो से सरकार सकते में है। पाकिस्तानियो के हस्तक्षेप के कारण आतंकवाद एक चिंता का विषय बना हुया है।
इस साल घुसपैठ की 120 वारदात हुईं
उन्होंने बताया कि इस साल मई से लेकर अब तक घुसपैठ की 120 वारदातों को अंजाम दिया गया है।और इनमें 30 पाकिस्तानी आतंकवादी घुसने में कामयाब रहे। इससे पहले साल 2016 में घुसपैठ की 370 घटनायें हुई थीं. इनमें 119 आतंकवादी घुसपैठ में कामयाब रहे। गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 88 कश्मीरी युवा आतंकवादी संगठनों से जुड़े।
आतंकवाद एक गंभीर मुद्दा है जिसको केंद्र सरकार और विपक्ष दोनों की एक सहमति से सुलझाने की जरुरत है। कश्मीर की सरकार को भी इस क्षेत्र में विशेष कदम उठाने की जरुरत है। आतंकवाद को अब जड़ से मिटाने की बारी आ गई है। भारत के लोगो की भी सरकार से ये ही उपेक्षा है इसके खिलाफ कठोर कदम उठाये और रोज रोज शहीद का सिलसिला ख़तम करे।
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