पेड़ का सरंक्षण करना अच्छी बात है। लेकिन किसी पेड़ को VVIP का दर्जा देना अपने आप में चकित कर देने वाली बात है। जी हाँ आज हम बात कर रहें है। उस पेड़ की जिसे VVIP का दर्जा मिला हुआ है, और इसकी सुरक्षा में बॉडीगार्ड भी लगे हुए हैं। आपको जानकार हैरानी होगी कि इस पेड़ पर सरकार प्रतिवर्ष लाखों रूपए खर्च करती है। यह पेड़ आजकल चर्चा का विषय बना हुआ है। जिसको सोशियल पर काफी शेयर किया जा रहा है। आप भी जानिये आखिर इस पेड़ को VVIP का दर्जा देने पे पीछे क्या कारण है।
source- google images
आपको हम बता दें कि यह पेड़ पीपल का है जो कि भोपाल तथा विदिशा के बीच स्थित सलामतपुर की पहाड़ी पर लगा हुआ है। इसकी सुरक्षा के लिए यहां पर 24 घंटे पुलिस वाले पहरा देते हैं, तथा साथ ही इस पेड़ के लिए सरकार काफी पैसा खर्च करती है। इसमें पानी देने के लिए स्पेशल टैंकर मंगवाए जाते है। इस वीवीआईपी पेड़ को “बोधि वृक्ष” कहा जाता है। गौरतलब है कि इसी स्थान पर 21 सितंबर, 2012 को श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंद्रा राजपक्षे आये थे। उन्होंने इस पेड़ को अपने हाथों से छुआ भी था।
source- google images
वीवीआईपी पेड़ का दर्जा देने का कारण।
यह वीवीआईपी पेड़ उसी पेड़ की शाखा से लगाया गया है जिसको सम्राट अशोक ने भारत से श्रीलंका के अनुराधापुरम में लगाया था। इसलिए ही इस पेड़ का अपना ऐतिहासिक महत्त्व भी है। यह एक पीपल का पेड़ है और इसी पीपल के पेड़ के नीचे महात्मा बुद्ध को बोधि प्राप्त हुई थी। अतः पीपल के पेड़ का बौद्ध धर्म में अपना धार्मिक स्थान भी है। रतलाम के जिस स्थान पर यह वीवीआईपी पेड़ लगा हुआ है उस स्थान को मध्य प्रदेश सरकार ने “बौद्ध विश्वविद्यालय” के लिए आवंटित किया हुआ है। एसडीएम वरूण अवस्थी ने इस पेड़ के बारे में बताते हुए कहा है कि “इस पेड़ की सुरक्षा के लिए 4 गॉर्ड लगाए गए हैं तथा पेड़ की सिचाई के लिए एक वॉटर टैंकर भी लगाया हुआ है। इस क्षेत्र को बुद्धिस्ट सर्किट के रूप में विकसित किया जा रहा है।”
source- google images
आपको हम बता दें कि यह पेड़ पीपल का है जो कि भोपाल तथा विदिशा के बीच स्थित सलामतपुर की पहाड़ी पर लगा हुआ है। इसकी सुरक्षा के लिए यहां पर 24 घंटे पुलिस वाले पहरा देते हैं, तथा साथ ही इस पेड़ के लिए सरकार काफी पैसा खर्च करती है। इसमें पानी देने के लिए स्पेशल टैंकर मंगवाए जाते है। इस वीवीआईपी पेड़ को “बोधि वृक्ष” कहा जाता है। गौरतलब है कि इसी स्थान पर 21 सितंबर, 2012 को श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंद्रा राजपक्षे आये थे। उन्होंने इस पेड़ को अपने हाथों से छुआ भी था।
source- google images
वीवीआईपी पेड़ का दर्जा देने का कारण।
यह वीवीआईपी पेड़ उसी पेड़ की शाखा से लगाया गया है जिसको सम्राट अशोक ने भारत से श्रीलंका के अनुराधापुरम में लगाया था। इसलिए ही इस पेड़ का अपना ऐतिहासिक महत्त्व भी है। यह एक पीपल का पेड़ है और इसी पीपल के पेड़ के नीचे महात्मा बुद्ध को बोधि प्राप्त हुई थी। अतः पीपल के पेड़ का बौद्ध धर्म में अपना धार्मिक स्थान भी है। रतलाम के जिस स्थान पर यह वीवीआईपी पेड़ लगा हुआ है उस स्थान को मध्य प्रदेश सरकार ने “बौद्ध विश्वविद्यालय” के लिए आवंटित किया हुआ है। एसडीएम वरूण अवस्थी ने इस पेड़ के बारे में बताते हुए कहा है कि “इस पेड़ की सुरक्षा के लिए 4 गॉर्ड लगाए गए हैं तथा पेड़ की सिचाई के लिए एक वॉटर टैंकर भी लगाया हुआ है। इस क्षेत्र को बुद्धिस्ट सर्किट के रूप में विकसित किया जा रहा है।”