बंता की होशियारी!
बंता मछलियाँ पकड़ने में काफी माहिर था और बड़ी बड़ी मछलियाँ पकड़ने के लिए मशहूर था, एक दिन वो बड़ी सी मछली पकड़कर टोकरी में लेकर घर की तरफ आ रहा था तभी मत्स्य अधिकारी ने उसे रोका और पूछा क्या तुम्हारे पास मछली पकड़ने का लाइसेंस है!
बंता ने जवाब दिया: लाइसेंस? कैसा लाइसेंस? लाइसेंस की तो कोई जरुरत ही नहीं है ये तो मेरी पालतू मछली है!
पालतू मछली? मत्स्य अधिकारी ने पूछा!
बंता ने जवाब दिया: जी हाँ सर 'पालतू' हर रात को मैं इसे इस झील में डाल देता हूँ और थोड़ी देर के बाद मैं एक सीटी बजाता हूँ और ये कूदकर झील के किनारे पर आ जाती हैं और टोकरी में डालकर घर ले जाता हूँ!
ये तो तुम मेरा सरेआम बेवकूफ बना रहे हो मछली ऐसा कर ही नहीं सकती!
बंता ने अधिकारी से कहा: आप ये चाहते हैं कि मैं आपको ये सब करके दिखाऊँ!
मत्स्य अधिकारी ने उत्सुकता से कहा: बिल्कुल जरुर देखना चाहूँगा!
बंता ने मछली को पानी में डुबो दिया और वहीँ खड़ा हो गया थोड़ी देर वहीँ रुकने के बाद मत्स्य अधिकारी ने बंता से कहा: फिर?
बंता: फिर क्या?
अधिकारी ने पूछा: तो तुम अपनी मछली को वापिस नहीं बुला रहे हो!
बंता ने कहा: मछली?... कौन सी मछली?