नींद में चलने की बीमारी कितनी खतरनाक हो सकती है ये आप सोच भी नहीं सकते। सीकर रहने वाला नीमकाथाना का लड़का रात को शहर के पिपराली रोड से नींद में चलते हुए घर से निकल कर पैदल ही पलसाना तक पहुंच गया। बाद में सुबह जब छात्र को चेत हुआ तो उसने राहगीरों से मोबाइल मांग कर अपने परिजनों से सम्पर्क करने का प्रयास किया।
किसी के मोबाइल नहीं दिए जाने पर घबराया छात्र पैदल ही वापस सीकर स्टेशन आ गया। जहां बाद में रेलवे स्टेशन के पास छात्र परिजनों को मिल गया।
नीमकाथाना का विराट अपने बड़े भाई के साथ सीकर में पिपराली रोड पर 12 वीं कक्षा की पढ़ाई कर रहा है। विराट के पिता नीमकाथाना में रहते है। विराट को नींद में चलने की आदत है और वो पहले भी कई दफा नींद में चल कर कमरे में खड़ा हो जाता था। एक बार विराट पहले भी कमरे में नींद में चलने के कारण स्टूल से टकरा कर उसका हाथ टूट गया था।
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किसी के मोबाइल नहीं दिए जाने पर घबराया छात्र पैदल ही वापस सीकर स्टेशन आ गया। जहां बाद में रेलवे स्टेशन के पास छात्र परिजनों को मिल गया।
नीमकाथाना का विराट अपने बड़े भाई के साथ सीकर में पिपराली रोड पर 12 वीं कक्षा की पढ़ाई कर रहा है। विराट के पिता नीमकाथाना में रहते है। विराट को नींद में चलने की आदत है और वो पहले भी कई दफा नींद में चल कर कमरे में खड़ा हो जाता था। एक बार विराट पहले भी कमरे में नींद में चलने के कारण स्टूल से टकरा कर उसका हाथ टूट गया था।