उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 15 अगस्त को राज्य के के कुल 8000 मदरसों की वीडियोग्राफी करवाने का फैसला लिया है। इस संबंध में आदित्य नाथ ने आदेश जारी कर वीडियोग्राफी का फैसला सुनिश्चित किया है। 15 अगस्त को हर हाल में UP के सभी मदरसों में शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाए और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए।
दरअसल उत्तर प्रदेश मदरसा परिषद बोर्ड की ओर से जिला अल्पसंख्यक अधिकारी को एक पत्र भेज कर अवगत कराया गया है कि स्वतंत्रता दिवस पर सुबह 8 बजे झंडारोहण एवं राष्ट्रगान का कार्यक्रम आयोजित होगा। सुबह 8:10 पर अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी।
पदरसा परिषद द्वारा अल्पसंख्यक आयोग को भेजा गया पत्र
15 अगस्त को इन सभी कार्यक्रमों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराकर जिले के अल्पसंख्यक अधिकारी को सौंपने का भी निर्देश भी दे दिया गया है। उत्तर प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब इस तरह से वीडियोग्राफी करवाकर मदरसों पर नजर रखी जाएगी।
यहाँ हम आपको बता दें कि वर्तमान में लगभग 8000 मदरसे संचालित हैं। ये सभी मदरसा परिषद के तहत आते हैं, और इनमें से कुल 560 मदरसे ऐसे हैं जो पूरी तरह से सराकर से मिली वित्तीय सहायता पर चलते हैं। अर्थात 560 मदरसों का खर्चा सरकार वहन करती है।
मुसलमानों ने जताया विरोध
योगी सरकार के इस कड़े फैसले पर कुछ मुस्लिम संगठनों ने ऐतराज जताया है। मदरसा प्रबंधक हाजी सैयद तहव्वर हुसैन ने कहा कि जब देश में आजादी की जंग छिड़ी हुई थी तब इस जंग में देश के लिए मदरसों ने खूब लड़ाईयां लड़ कर अपना योगदान दिया हैं, उसके बाद भी योगी सरकार उन्हें शक भरी निगाहों से देख रही है।
source- google images
दरअसल उत्तर प्रदेश मदरसा परिषद बोर्ड की ओर से जिला अल्पसंख्यक अधिकारी को एक पत्र भेज कर अवगत कराया गया है कि स्वतंत्रता दिवस पर सुबह 8 बजे झंडारोहण एवं राष्ट्रगान का कार्यक्रम आयोजित होगा। सुबह 8:10 पर अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी।
पदरसा परिषद द्वारा अल्पसंख्यक आयोग को भेजा गया पत्र
15 अगस्त को इन सभी कार्यक्रमों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराकर जिले के अल्पसंख्यक अधिकारी को सौंपने का भी निर्देश भी दे दिया गया है। उत्तर प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब इस तरह से वीडियोग्राफी करवाकर मदरसों पर नजर रखी जाएगी।
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यहाँ हम आपको बता दें कि वर्तमान में लगभग 8000 मदरसे संचालित हैं। ये सभी मदरसा परिषद के तहत आते हैं, और इनमें से कुल 560 मदरसे ऐसे हैं जो पूरी तरह से सराकर से मिली वित्तीय सहायता पर चलते हैं। अर्थात 560 मदरसों का खर्चा सरकार वहन करती है।
मुसलमानों ने जताया विरोध
योगी सरकार के इस कड़े फैसले पर कुछ मुस्लिम संगठनों ने ऐतराज जताया है। मदरसा प्रबंधक हाजी सैयद तहव्वर हुसैन ने कहा कि जब देश में आजादी की जंग छिड़ी हुई थी तब इस जंग में देश के लिए मदरसों ने खूब लड़ाईयां लड़ कर अपना योगदान दिया हैं, उसके बाद भी योगी सरकार उन्हें शक भरी निगाहों से देख रही है।