सीकर: मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे रविवार को राष्ट्रीय संत मुनि तरुण सागर की पुस्तक कड़वे प्रवचन भाग 9 का विमोचन करने के लिए सीकर आई। सबसे पहले मंच पर आते ही उन्होंने वहाँ से सोफा हटवाया और वह सभी जनप्रतिनिधियों के साथ नीचे ही बैठी।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि लोगो का सवाल हैं कि मुनि हमेशा कैसे मुस्कराते रहते हैं। इसकी वजह भी साफ है, बच्चे काे हंसाने के लिए मां को भी हंसना पड़ता है। ठीक वैसे ही रोते समाज को हंसाने के लिए संत को भी हंसना पड़ता है।
साँवरवाद को भी लिया इशारे पर
आज लोगों में धैर्य ख़त्म होता जा रहा है। लोग एक दूसरे से ईर्ष्या करने लगे हैं। किसी ने कुछ कह भी दिया तो उसकी खिलाफत करने लगते हैं। सबको सिर्फ यही लगने लगा है कि अगर मैंने तो किसी की खिलाफत नहीं की, सरकार के खिलाफ धरने पर नहीं बैठा, समाज में एक से दूसरे को नहीं भड़काया तो मेरा जीवन ही व्यर्थ है।
मैं लोगों से अपील करती हूँ कि हूं क्यों सड़क पर बैठते हो। हम आपकी सेवा के लिए हैं। अगर काम जायज है तो उसे जरूरपूरा किया जाएगा। हम राजा नहीं है, लोगों में गलतफहमी है।
मुख्यमंत्री ने बताया, कि "कुछ लोगों ने मुझे कहा उदयपुर में प्रधानमंत्री की मीटिंग के कारण आप सीकर कैसे पहुंच पाएंगी। मैंने कहा, ऐसे संत का आशीर्वाद लेने का मौका कैसे छोड़ सकती हूं।"
सीएम ने महाराज को चातुर्मास के बाद घर आने दिया न्यौता
सीएम ने महाराज को चातुर्मास के बाद घर आने का न्यौता भी दिया। इस पर मुनि तरुण सागर महाराज ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से कहा, "आपके पास पूरा मंत्रीमंडल है। मेरे पास तो सिर्फ कमंडल है। लेकिन मेरा मानना है कि आपका मंत्रीमंडल और मेरा कमंडल एक हो जाए तो सीकर ही नहीं पूरे राजस्थान में परिवर्तन आ जाएगा।"
महाराज ने कहा, देश के टीचर और लीडर सुधर जाए तो देश का कायाकल्प ही पलट जाए। अंधा आदमी तो केवल खुद को ही नुकसान पहुंचाता है लेकिन राजनीतिक रूप से अंधा पूरे समाज और देश को नुकसान पहुंचाता है।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि लोगो का सवाल हैं कि मुनि हमेशा कैसे मुस्कराते रहते हैं। इसकी वजह भी साफ है, बच्चे काे हंसाने के लिए मां को भी हंसना पड़ता है। ठीक वैसे ही रोते समाज को हंसाने के लिए संत को भी हंसना पड़ता है।
साँवरवाद को भी लिया इशारे पर
आज लोगों में धैर्य ख़त्म होता जा रहा है। लोग एक दूसरे से ईर्ष्या करने लगे हैं। किसी ने कुछ कह भी दिया तो उसकी खिलाफत करने लगते हैं। सबको सिर्फ यही लगने लगा है कि अगर मैंने तो किसी की खिलाफत नहीं की, सरकार के खिलाफ धरने पर नहीं बैठा, समाज में एक से दूसरे को नहीं भड़काया तो मेरा जीवन ही व्यर्थ है।
मैं लोगों से अपील करती हूँ कि हूं क्यों सड़क पर बैठते हो। हम आपकी सेवा के लिए हैं। अगर काम जायज है तो उसे जरूरपूरा किया जाएगा। हम राजा नहीं है, लोगों में गलतफहमी है।
मुख्यमंत्री ने बताया, कि "कुछ लोगों ने मुझे कहा उदयपुर में प्रधानमंत्री की मीटिंग के कारण आप सीकर कैसे पहुंच पाएंगी। मैंने कहा, ऐसे संत का आशीर्वाद लेने का मौका कैसे छोड़ सकती हूं।"
सीएम ने महाराज को चातुर्मास के बाद घर आने दिया न्यौता
सीएम ने महाराज को चातुर्मास के बाद घर आने का न्यौता भी दिया। इस पर मुनि तरुण सागर महाराज ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से कहा, "आपके पास पूरा मंत्रीमंडल है। मेरे पास तो सिर्फ कमंडल है। लेकिन मेरा मानना है कि आपका मंत्रीमंडल और मेरा कमंडल एक हो जाए तो सीकर ही नहीं पूरे राजस्थान में परिवर्तन आ जाएगा।"
महाराज ने कहा, देश के टीचर और लीडर सुधर जाए तो देश का कायाकल्प ही पलट जाए। अंधा आदमी तो केवल खुद को ही नुकसान पहुंचाता है लेकिन राजनीतिक रूप से अंधा पूरे समाज और देश को नुकसान पहुंचाता है।