लक्ष्मणगढ़: स्वाधीनता दिवस पर अन्य विधालयों में मिठाई टॉफिया और अन्य उपहार बाटें गए वही सिंगोदड़ा ग्राम के राजकीय सैकंडरी स्कूल के कनिष्ठ लिपिक ने एक छात्र को ऐसा उपहार दिया है जो इन सब उपहारों से बढ़कर है।
यह उपहार छात्र और इसके परिवार की जिंदगी में मिठास घोलने वाला है। स्कूल के कनिष्ठ लिपिक रामप्रसाद लमोरिया ने कक्षा छह के गरीब वर्ग के छात्र संदीप नायक को जो उपहार दिया है वह अनुपम है और मानवता की नई मिशाल कायम करने वाला है।
छात्र संदीप नायक के दिल में छेद है तथा पिता मजदूरी करते हैं। अन्य परिजन आर्थिक तंगी के चलते छात्र का इलाज करवाने की सोच भी नहीं सकते। स्वाधीनता समारोह पर कनिष्ठ लिपिक ने इस मासूम के ऑपरेशन का संपूर्ण खर्च वहन करने की घोषणा की।
स्कूल प्रधानाध्यापक अर्जुनलाल शर्मा के मुताबिक 10 वर्षीय बालक संदीप को चलने में परेशानी होती थी। दो कदम चलते ही उसकी सांसें फूल जाती थी। स्टाफ सदस्यों ने उसका स्वास्थ्य परीक्षण करवाया तो डॉक्टर ने उसके दिल में छेद बताया तथा शीघ्र ही ऑपरेशन की सलाह भी दी।
संदीप का पिता सुरेश कुमार मजदूरी करके अपने सात बच्चों सहित नौ सदस्यीय परिवार का पेट पालता है। बेटे के इस महंगे इलाज के बारे में वह सोच भी नहीं सकता है। लिपिक द्वारा की गई इस घोषणा से परिवारजन में ख़ुशी की लहर है।
इस समारोह पर कनिष्ठ लिपिकलमोरिया ने कहा कि ईश्वर की कृपा से उसके माध्यम से किसी मासूम का इलाज होकर उसके परिवार की खुशियां लौटाने से बढ़कर राष्ट्रीय पर्व की सार्थकता नहीं हो सकती। लमोरिया ने संदीप की प्राथमिक जांच हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर को भेज दी है। उसका इलाज जयपुर के फॉर्टिस अस्पताल या दिल्ली में करवाया जाएगा।
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यह उपहार छात्र और इसके परिवार की जिंदगी में मिठास घोलने वाला है। स्कूल के कनिष्ठ लिपिक रामप्रसाद लमोरिया ने कक्षा छह के गरीब वर्ग के छात्र संदीप नायक को जो उपहार दिया है वह अनुपम है और मानवता की नई मिशाल कायम करने वाला है।
छात्र संदीप नायक के दिल में छेद है तथा पिता मजदूरी करते हैं। अन्य परिजन आर्थिक तंगी के चलते छात्र का इलाज करवाने की सोच भी नहीं सकते। स्वाधीनता समारोह पर कनिष्ठ लिपिक ने इस मासूम के ऑपरेशन का संपूर्ण खर्च वहन करने की घोषणा की।
स्कूल प्रधानाध्यापक अर्जुनलाल शर्मा के मुताबिक 10 वर्षीय बालक संदीप को चलने में परेशानी होती थी। दो कदम चलते ही उसकी सांसें फूल जाती थी। स्टाफ सदस्यों ने उसका स्वास्थ्य परीक्षण करवाया तो डॉक्टर ने उसके दिल में छेद बताया तथा शीघ्र ही ऑपरेशन की सलाह भी दी।
संदीप का पिता सुरेश कुमार मजदूरी करके अपने सात बच्चों सहित नौ सदस्यीय परिवार का पेट पालता है। बेटे के इस महंगे इलाज के बारे में वह सोच भी नहीं सकता है। लिपिक द्वारा की गई इस घोषणा से परिवारजन में ख़ुशी की लहर है।
इस समारोह पर कनिष्ठ लिपिकलमोरिया ने कहा कि ईश्वर की कृपा से उसके माध्यम से किसी मासूम का इलाज होकर उसके परिवार की खुशियां लौटाने से बढ़कर राष्ट्रीय पर्व की सार्थकता नहीं हो सकती। लमोरिया ने संदीप की प्राथमिक जांच हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर को भेज दी है। उसका इलाज जयपुर के फॉर्टिस अस्पताल या दिल्ली में करवाया जाएगा।