नई दिल्ली- 15 अगस्त को लालकिले की प्राचीर से स्पीच में नरेंद्र मोदी ने कश्मीर समस्या, ब्लैकमनी, तीन तलाक सहित पांच ऐसे मुद्दों का जिक्र किया, जिसमें काफी कुछ संकेत छिपे हैं। ये संकेत इस और इशारा करते हैं कि अगले दो साल में मोदी सरकार का फोकस किन मुद्दों पर रहने वाला है।
मोदी ने कहा कि न तो गाली से और न ही गोली से कश्मीर समस्या का केवल एक ही हल है, कश्मीरियों को गले लगाकर ही यह मसला सुलझाया जा सकता है।
कालेधन पर मोदी ने कहा कि 3 साल के कार्यकाल के दौरान हमने करीब सवा लाख करोड़ रुपए से ज्यादा कालाधन पकड़ा और सरेंडर करवाया। जो कालाधन छिपाया गया था, उसको मुख्यधारा मेंलेकर आये।
मोदी जी की स्पीच से मिलते हैं ये 5 संकेत...
1. क्या कश्मीर पर बदलेगी स्ट्रैटजी?
मोदी ने कश्मीर मुद्दे पर अपनी स्पीच में कहा, "हम कश्मीर को पुनः स्वर्ग के रूप में लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। जम्मू कश्मीर का विकास, उन्नति, सपनों को पूरा करने का प्रयास हो। ये जम्मू-कश्मीर की सरकार के साथ हर आदमी का काम है। कश्मीर को हम सब मिलकर फिर से स्वर्ग बनाएं, इसको लेकर सरकार प्रतिबद्ध हैं।"
"आतंकवाद के खिलाफ किसी भी प्रकार से नर्मी नहीं बरती जाएगी। बार-बार हमने अवगत कराया है कि आप मुख्य धारा में आइए। लोकतंत्र में बात करने का अधिकार है। मुख्यधारा से ही हर किसी के जीवन को नई ऊर्जा से सरोबार किया जा सकता है। हमारे सुरक्षा बलों के प्रयास से बड़ी मात्रा में नौजवानों ने सरेंडर कर मुख्यधारा से जुड़ने की कोशिश की।"
"केवल मुट्ठीभर अलगाववादी नए फैसले लेते हैं, पैंतरे करते हैं। कश्मीर समस्या न गाली से सुलझने वाली है, ना ही गोली से सुलझने वाली है, समस्या सुलझेगी तो गले लगाने से। इस संकल्प को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं।"
#Fact
कश्मीर में इस साल 132 आतंकी मारे गए। पथराव की 424 घटनाएं हुईं।
2. कालाधन अगले दो साल मुद्दा बना रहेगा?
मोदी जी के अनुसार "3 साल के भीतर करीब सवा लाख करोड़ रुपए से ज्यादा ब्लैकमनी सरकार पकड़ा और सरेंडर करवाया। नोटबंदी कड़े फैसले से जो कालाधन छिपा था, वो मुख्य धारा में आया। 2 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा कालाधन बैंकों तक आया। 1 अप्रैल से 5 अगस्त तक इनकम टैक्स दाखिल करने वालो की संख्या पिछले साल 26 लाख थी। जो कि अब बढ़कर नए लोग 56 लाख हो गए हैं। 18 लाख से ज्यादा ऐसे लोग हैं, जिनकी आय हिसाब-किताब से ज्यादा है। इस अंतर का उन्हें जवाब देना पड़ रहा है। साढ़े चार लाख करोड़ रुपए अब रास्ते पर आने की कोशिश कर रहे हैं।"
मोदी के मुताबिक, "गरीबों को लूटने वाले लोग आज भी चैन की नींद नहीं सो पा रहे हैं। गरीबों, मेहनतकशों को ईमानदारी की प्रेरणा मिल रही है। आज ईमानदारी का उत्सव मनाया जा रहा है। बेनामी संपत्ति रखने वाले, कितने सालों तक कानून लटके पड़े थे। कम समय में हमने 800 करोड़ रुपए से ज्यादा बेनामी संपत्ति सरकार ने जब्त कर ली। ये सामान्य आदमी के मन में एक विश्वास पैदा करता है कि देश ईमानदार लोगों के लिए है।"
#Fact
- नोटबंदी के बाद सरकार का फोकस बेनामी संपत्तियां जब्त करने पर है। मुमकिन है कि मोदी सरकार के अगले दो साल यह मुद्दा चर्चा में रहेगा।
3. तीन तलाक पर सरकार का स्टैंड नहीं बदलेगा?
- मोदी जी ने अपने भाषण में कहा, "जो बहनें जो तीन तलाक की वजह से पीड़ित हैं, जिन्होंने आंदोलन खड़ा किया। पूरे देश में तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाकर एक माहौल बनाया है। इस आंदोलन को चलाने वाली बहनों का हृदय से अभिनंदन करता हूं। उनकी इस लड़ाई में हिंदुस्तान पूरी मदद करेगा, वे सफल होंगी, ऐसा मुझे भरोसा है।"
#Fact
तीन तलाक के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की बेंच सुनवाई कर रही है। सुनवाई के दौरान केंद्र भी यह दलील दे चुका है कि वह तीन तलाक के खिलाफ है। बेंच तीन सवालों के जवाब ढूंढ रही है-
यहाँ पर हम आपको अवगत करा दें कि मुस्लिम महिलाओं की ओर से 7 पिटीशन्स दायर की गई हैं। इनमें अलग से दायर की गई 5 रिट पिटीशन भी हैं। इनमें दावा किया गया है कि तीन तलाक अनकॉन्स्टिट्यूशनल है।
4. युवा वोटरों पर है सरकार का फोकस?
मोदी ने कहा, "2018 को 1 जनवरी आएगी। ये सामान्य एक जनवरी नहीं है, मैं नहीं मानता। 21वीं शताब्दी में जन्म लेने वालों के लिए, नौजवानों के लिए ये निर्णायक वर्ष है। वो 18 साल के जब-जब होंगे, वे 21वीं सदी के भाग्यविधाता होंगे। मैं उनका सम्मान और अभिनंदन करता हूं। आप देश की विकास यात्रा में भागीदार बनिए, देश आपको निमंत्रण देता है।"
#Fact
2014 के लोकसभा चुनाव में 10 करोड़ नए वोटर जुड़े थे। 2019 में भी यही ट्रेंड रह सकता है।
5. आस्था के नाम पर हो रही हिंसा बर्दाश्त नहीं
- मोदी नेअभिभाषण में कहा, "कभी-कभी आस्था के नाम पर लोग ऐसा काम करते हैं जिससे देश का ताना-बाना उलझ जाता है। आपको ध्यान में रखना होगा कि ये गांधी और बुद्ध की भूमि है। सबको साथ लेकर चलना हमारी परंपरा का हिस्सा है।"
"आस्था के नाम पर हिंसा को किसी भी हाल में बल नहीं दिया जा सकता। ये हिंसा देश स्वीकार नहीं कर सकता। मैं देशवासियों से आग्रह करूंगा कि तब भारत छोड़ो नारा था, आज भारत जोड़ो नारा है। हर व्यक्ति, तबके और समाज के साथ आगे बढ़ना है।"
#Fact
मोदी यहां इशारों-इशारों में गोरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा का जिक्र कर रहे थे। गौरतलब है कि वे पहले भी यह बात कह चुके हैं।
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मोदी ने कहा कि न तो गाली से और न ही गोली से कश्मीर समस्या का केवल एक ही हल है, कश्मीरियों को गले लगाकर ही यह मसला सुलझाया जा सकता है।
कालेधन पर मोदी ने कहा कि 3 साल के कार्यकाल के दौरान हमने करीब सवा लाख करोड़ रुपए से ज्यादा कालाधन पकड़ा और सरेंडर करवाया। जो कालाधन छिपाया गया था, उसको मुख्यधारा मेंलेकर आये।
मोदी जी की स्पीच से मिलते हैं ये 5 संकेत...
1. क्या कश्मीर पर बदलेगी स्ट्रैटजी?
मोदी ने कश्मीर मुद्दे पर अपनी स्पीच में कहा, "हम कश्मीर को पुनः स्वर्ग के रूप में लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। जम्मू कश्मीर का विकास, उन्नति, सपनों को पूरा करने का प्रयास हो। ये जम्मू-कश्मीर की सरकार के साथ हर आदमी का काम है। कश्मीर को हम सब मिलकर फिर से स्वर्ग बनाएं, इसको लेकर सरकार प्रतिबद्ध हैं।"
"आतंकवाद के खिलाफ किसी भी प्रकार से नर्मी नहीं बरती जाएगी। बार-बार हमने अवगत कराया है कि आप मुख्य धारा में आइए। लोकतंत्र में बात करने का अधिकार है। मुख्यधारा से ही हर किसी के जीवन को नई ऊर्जा से सरोबार किया जा सकता है। हमारे सुरक्षा बलों के प्रयास से बड़ी मात्रा में नौजवानों ने सरेंडर कर मुख्यधारा से जुड़ने की कोशिश की।"
"केवल मुट्ठीभर अलगाववादी नए फैसले लेते हैं, पैंतरे करते हैं। कश्मीर समस्या न गाली से सुलझने वाली है, ना ही गोली से सुलझने वाली है, समस्या सुलझेगी तो गले लगाने से। इस संकल्प को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं।"
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कश्मीर में इस साल 132 आतंकी मारे गए। पथराव की 424 घटनाएं हुईं।
2. कालाधन अगले दो साल मुद्दा बना रहेगा?
मोदी जी के अनुसार "3 साल के भीतर करीब सवा लाख करोड़ रुपए से ज्यादा ब्लैकमनी सरकार पकड़ा और सरेंडर करवाया। नोटबंदी कड़े फैसले से जो कालाधन छिपा था, वो मुख्य धारा में आया। 2 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा कालाधन बैंकों तक आया। 1 अप्रैल से 5 अगस्त तक इनकम टैक्स दाखिल करने वालो की संख्या पिछले साल 26 लाख थी। जो कि अब बढ़कर नए लोग 56 लाख हो गए हैं। 18 लाख से ज्यादा ऐसे लोग हैं, जिनकी आय हिसाब-किताब से ज्यादा है। इस अंतर का उन्हें जवाब देना पड़ रहा है। साढ़े चार लाख करोड़ रुपए अब रास्ते पर आने की कोशिश कर रहे हैं।"
मोदी के मुताबिक, "गरीबों को लूटने वाले लोग आज भी चैन की नींद नहीं सो पा रहे हैं। गरीबों, मेहनतकशों को ईमानदारी की प्रेरणा मिल रही है। आज ईमानदारी का उत्सव मनाया जा रहा है। बेनामी संपत्ति रखने वाले, कितने सालों तक कानून लटके पड़े थे। कम समय में हमने 800 करोड़ रुपए से ज्यादा बेनामी संपत्ति सरकार ने जब्त कर ली। ये सामान्य आदमी के मन में एक विश्वास पैदा करता है कि देश ईमानदार लोगों के लिए है।"
#Fact
- नोटबंदी के बाद सरकार का फोकस बेनामी संपत्तियां जब्त करने पर है। मुमकिन है कि मोदी सरकार के अगले दो साल यह मुद्दा चर्चा में रहेगा।
3. तीन तलाक पर सरकार का स्टैंड नहीं बदलेगा?
- मोदी जी ने अपने भाषण में कहा, "जो बहनें जो तीन तलाक की वजह से पीड़ित हैं, जिन्होंने आंदोलन खड़ा किया। पूरे देश में तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाकर एक माहौल बनाया है। इस आंदोलन को चलाने वाली बहनों का हृदय से अभिनंदन करता हूं। उनकी इस लड़ाई में हिंदुस्तान पूरी मदद करेगा, वे सफल होंगी, ऐसा मुझे भरोसा है।"
#Fact
तीन तलाक के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की बेंच सुनवाई कर रही है। सुनवाई के दौरान केंद्र भी यह दलील दे चुका है कि वह तीन तलाक के खिलाफ है। बेंच तीन सवालों के जवाब ढूंढ रही है-
- क्या यह मुद्दा महिला का मौलिक अधिकार हैं? इस पर आदेश दे सकते हैं ?
- क्या तीन तलाक और हलाला इस्लाम के जरूरी हिस्से हैं या नहीं?
- तीन तलाक मुसलमानों के लिए माने जाने लायक मौलिक अधिकार है या नहीं?
यहाँ पर हम आपको अवगत करा दें कि मुस्लिम महिलाओं की ओर से 7 पिटीशन्स दायर की गई हैं। इनमें अलग से दायर की गई 5 रिट पिटीशन भी हैं। इनमें दावा किया गया है कि तीन तलाक अनकॉन्स्टिट्यूशनल है।
4. युवा वोटरों पर है सरकार का फोकस?
मोदी ने कहा, "2018 को 1 जनवरी आएगी। ये सामान्य एक जनवरी नहीं है, मैं नहीं मानता। 21वीं शताब्दी में जन्म लेने वालों के लिए, नौजवानों के लिए ये निर्णायक वर्ष है। वो 18 साल के जब-जब होंगे, वे 21वीं सदी के भाग्यविधाता होंगे। मैं उनका सम्मान और अभिनंदन करता हूं। आप देश की विकास यात्रा में भागीदार बनिए, देश आपको निमंत्रण देता है।"
#Fact
2014 के लोकसभा चुनाव में 10 करोड़ नए वोटर जुड़े थे। 2019 में भी यही ट्रेंड रह सकता है।
- मोदी नेअभिभाषण में कहा, "कभी-कभी आस्था के नाम पर लोग ऐसा काम करते हैं जिससे देश का ताना-बाना उलझ जाता है। आपको ध्यान में रखना होगा कि ये गांधी और बुद्ध की भूमि है। सबको साथ लेकर चलना हमारी परंपरा का हिस्सा है।"
"आस्था के नाम पर हिंसा को किसी भी हाल में बल नहीं दिया जा सकता। ये हिंसा देश स्वीकार नहीं कर सकता। मैं देशवासियों से आग्रह करूंगा कि तब भारत छोड़ो नारा था, आज भारत जोड़ो नारा है। हर व्यक्ति, तबके और समाज के साथ आगे बढ़ना है।"
#Fact
मोदी यहां इशारों-इशारों में गोरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा का जिक्र कर रहे थे। गौरतलब है कि वे पहले भी यह बात कह चुके हैं।