फतेहपुर: किशनपुरा गांव में एक नवयुवक मंडल ने आगे आकर अपने गांव के दो साल पहले बंद होने की कगार पर पहुंचे सरकारी स्कूल को बंद होने से बचा लिया। यह सरकारी स्कुल आज दूसरों के लिए मॉडल बना हुआ है। इसके पीछे कहानी भी काफी रुचिकर और संघर्ष से भरी हुई है।
पिछले साल जिला शिक्षा अधिकारी ने राउप्रावि में निरीक्षण पर आए तो उन्होंने महज 16 बच्चों का नामांकन देखकर दो शिक्षकों को बाहर भेजते हुए स्कूल बंद करने की हिदायत दे डाली। ये बात गांव के नवयुवक मंडल को नागवार गुजरी।
इसको लेकर स्कूल को बचाने के लिए नवयुवक मंडल आगे आया। सामूहिक रूप से फैसला लिया गया कि गांव में आठवीं तक कोई छात्र निजी स्कूल में नहीं जाएगा। नतीजन नामांकन 31 से बढ़कर 121 पर पहुंच गया। 62 बच्चों ने निजी स्कूल से अपनी टीसी कटवाकर सरकारी स्कूल में प्रवेश ले लिया।
स्कूल में हो रहे हैं ये अनुप्रयोग
आज यह सरकारी स्कूल प्रयोगों की पाठशाला बना हुआ है। प्रथमतया ग्रामीणों के सामने सबसे बड़ी समस्या थी कि बदइंतजामी से गुजर रही स्कूल में बच्चों का नामांकन बढ़ाना। क्योंकि स्कूल गड्ढे में होने के कारण बारिश में यहां जलभराव और गंदगी की समस्या आम थी। व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए नवयुवक मंडल और गांव के लोगो ने साहस जुटाया और सरपंच सोहनलाल सैन व मदन आदि ने पंचायत के सहयोग से रास्ता ठीक करवाया, भवन की मरम्मत करवाई गई। ग्रामीणों ने श्रमदान कर सफाई व्यवस्था को ठीक किया गया।
प्रधानाध्यापक ज्वालाप्रसाद मीणा के मुताबिक 62 बच्चों ने इस साल निजी स्कूल से टीसी कटवाकर इस स्कूल में दाखिला लिया। एक साल में ही नामांकन 267 फीसदी बढ़कर 31 से 116 पहुंच गया। गांव से सिर्फ तीन बच्चे ही इंग्लिश मीडियम स्कूल में जा रहे हैं। ब्लॉक शिक्षा अधिकारी नरेंद्र शर्मा ने बताया कि ग्रामीणों के प्रयास से स्कूल बंद होने से बच गया। नामांकन बढ़ जाने पर दो शिक्षक लगाए गए हैं। जल्द ही खाली पद भी भर दिए जाएंगे।
सालभर फ्री पढ़ाया, अब ग्रामीण देंगे हर महीने पैसा
गांव के युवा सुभाष शर्मा पूरे दिन स्कूल में रहकर बच्चों को पढ़ाते हैं। अगले माह से ग्रामीण मिलकर सुभाष को वेतन देंगे। मामराज पूनिया निजी स्कूल में पढ़ाने बाद यहां क्लास लेते हैं। गांव के युवाओं को स्कूल से जोड़े रखने के लिए यहां प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी का केंद्र भी शुरू किया गया है
शिक्षक के छुट्टी पर होने की सूचना भी वाॅट्सएप ग्रुप पर
जब कोई शिक्षक छुट्टी पर होता है तो उसकी जानकारी वाट्सएप ग्रुप भी डाल दी जाती है। ऐसे में दूसरे युवा क्लास लेते हैं। गर्मी की छुटि्टयों में भी क्लास लगाई जाती है।इसके अलावा खेल को प्रोत्साहन देने, एक्सट्रा क्लास व कंप्यूटर कक्षाएं शुरू करने की योजना बनाई गई है।
फाइल फोटो- नीमकाथाना भास्कर
पिछले साल जिला शिक्षा अधिकारी ने राउप्रावि में निरीक्षण पर आए तो उन्होंने महज 16 बच्चों का नामांकन देखकर दो शिक्षकों को बाहर भेजते हुए स्कूल बंद करने की हिदायत दे डाली। ये बात गांव के नवयुवक मंडल को नागवार गुजरी।
इसको लेकर स्कूल को बचाने के लिए नवयुवक मंडल आगे आया। सामूहिक रूप से फैसला लिया गया कि गांव में आठवीं तक कोई छात्र निजी स्कूल में नहीं जाएगा। नतीजन नामांकन 31 से बढ़कर 121 पर पहुंच गया। 62 बच्चों ने निजी स्कूल से अपनी टीसी कटवाकर सरकारी स्कूल में प्रवेश ले लिया।
स्कूल में हो रहे हैं ये अनुप्रयोग
आज यह सरकारी स्कूल प्रयोगों की पाठशाला बना हुआ है। प्रथमतया ग्रामीणों के सामने सबसे बड़ी समस्या थी कि बदइंतजामी से गुजर रही स्कूल में बच्चों का नामांकन बढ़ाना। क्योंकि स्कूल गड्ढे में होने के कारण बारिश में यहां जलभराव और गंदगी की समस्या आम थी। व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए नवयुवक मंडल और गांव के लोगो ने साहस जुटाया और सरपंच सोहनलाल सैन व मदन आदि ने पंचायत के सहयोग से रास्ता ठीक करवाया, भवन की मरम्मत करवाई गई। ग्रामीणों ने श्रमदान कर सफाई व्यवस्था को ठीक किया गया।
प्रधानाध्यापक ज्वालाप्रसाद मीणा के मुताबिक 62 बच्चों ने इस साल निजी स्कूल से टीसी कटवाकर इस स्कूल में दाखिला लिया। एक साल में ही नामांकन 267 फीसदी बढ़कर 31 से 116 पहुंच गया। गांव से सिर्फ तीन बच्चे ही इंग्लिश मीडियम स्कूल में जा रहे हैं। ब्लॉक शिक्षा अधिकारी नरेंद्र शर्मा ने बताया कि ग्रामीणों के प्रयास से स्कूल बंद होने से बच गया। नामांकन बढ़ जाने पर दो शिक्षक लगाए गए हैं। जल्द ही खाली पद भी भर दिए जाएंगे।
सालभर फ्री पढ़ाया, अब ग्रामीण देंगे हर महीने पैसा
गांव के युवा सुभाष शर्मा पूरे दिन स्कूल में रहकर बच्चों को पढ़ाते हैं। अगले माह से ग्रामीण मिलकर सुभाष को वेतन देंगे। मामराज पूनिया निजी स्कूल में पढ़ाने बाद यहां क्लास लेते हैं। गांव के युवाओं को स्कूल से जोड़े रखने के लिए यहां प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी का केंद्र भी शुरू किया गया है
शिक्षक के छुट्टी पर होने की सूचना भी वाॅट्सएप ग्रुप पर
जब कोई शिक्षक छुट्टी पर होता है तो उसकी जानकारी वाट्सएप ग्रुप भी डाल दी जाती है। ऐसे में दूसरे युवा क्लास लेते हैं। गर्मी की छुटि्टयों में भी क्लास लगाई जाती है।इसके अलावा खेल को प्रोत्साहन देने, एक्सट्रा क्लास व कंप्यूटर कक्षाएं शुरू करने की योजना बनाई गई है।