जम्मू एवं कश्मीर धारा 35A हटाए जाने को लेकर राजनीति का बाजार गरम है। इसकी सबसे ज्यादा फ़िक्र तो सिर्फ J&K के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को पड़ी है। अब्दुला ने बीजेपी और आरएसएस को आड़े हाथों लिया है। अब्दुला ने में इन पर आरोप लगाते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का एजेंडा शुरू से ही जम्मू-कश्मीर के स्वायत्त संरचना को खत्म करना रहा है। अगर 35A हटाया जाता है तो हम राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को पद से इस्तीफा दिलवाकर बड़ा आंदोलन करेंगे।
इतना ही नहीं अनुच्छेद 35ए के मसले पर फारुक ने कहा कि इस अनुच्छेद से प्रदेश के लोग चाहे वे जम्मू के हों, कश्मीर के हों अथवा लद्दाख के हों-इन सबकी सुरक्षा सुनिश्चित होती है। शुरुवाती समय में ही राज्य की संस्कृति को बाहरी लोगों से बचाने के लिए इसका प्रावधान किया गया था। अगर आर्टिकल 35ए को हटाने की ज़रा भी कोशिश की जायेगी तो बहुत बड़ा विद्रोह होगा।
पिछले महीने में फारूख अब्दुल्ला के मुताबिक ‘हुर्रियत को फंड केन्द्र सरकार से मिली थी और इस बात का जिक्र पूर्व रॉ प्रमुख ए एस दौलत के किताब में है। इससे पहले अबदुल्ला इसी बात को छुपाते हुए कहा था कि वे उनका नाम नहीं बताना चाहते हैं, जो हुर्रियत नेताओं को फंड मुहैया कराते हैं, लेकिन देश परिणाम भुगत रहा है।
आज़ादी के बाद से ही ये तय किया गया कि हमारे जम्मू एवं कश्मीर का कानून पुरे देश से अलग होगा। इसी वजह से कश्मीर के कानून भारत के कुछ प्रावधानो से बिलकुल अलग हैं। मगर सरकार अब इन प्रावधानों से कुछ प्रावधानों को हटाने की बात कह रही है जो कतई बर्दास्त से परे है। जम्मू एवं कश्मीर धारा 35A के मुद्दे पर फारूक अब्दुल्ला का ये बयान सुर्खियों में है।
source- google images
इतना ही नहीं अनुच्छेद 35ए के मसले पर फारुक ने कहा कि इस अनुच्छेद से प्रदेश के लोग चाहे वे जम्मू के हों, कश्मीर के हों अथवा लद्दाख के हों-इन सबकी सुरक्षा सुनिश्चित होती है। शुरुवाती समय में ही राज्य की संस्कृति को बाहरी लोगों से बचाने के लिए इसका प्रावधान किया गया था। अगर आर्टिकल 35ए को हटाने की ज़रा भी कोशिश की जायेगी तो बहुत बड़ा विद्रोह होगा।
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आज़ादी के बाद से ही ये तय किया गया कि हमारे जम्मू एवं कश्मीर का कानून पुरे देश से अलग होगा। इसी वजह से कश्मीर के कानून भारत के कुछ प्रावधानो से बिलकुल अलग हैं। मगर सरकार अब इन प्रावधानों से कुछ प्रावधानों को हटाने की बात कह रही है जो कतई बर्दास्त से परे है। जम्मू एवं कश्मीर धारा 35A के मुद्दे पर फारूक अब्दुल्ला का ये बयान सुर्खियों में है।