गुरु ब्रह्मा, गुरु विष्णु गुरु देवो महेश्वर, गुरु साक्षात् परमं ब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नम: अर्थात- गुरु ही ब्रह्मा है, गुरु ही विष्णु है और गुरु ही भगवान शंकर है. गुरु ही साक्षात परब्रह्म है. ऐसे गुरु को मैं प्रणाम करता हु! हमारे भारत देश में गुरूजी को भगवान से भी ऊपर माना गया है। इसके पीछे का तर्क है कि शिक्षक ही होता है जो सबसे पहले बालक को भगवान के बारे में बताता है। गरूकुल में सुबह पहले प्रार्थना कर भगवान को याद किया जाता था। हमारे हिन्दू धर्म में अब स्कूलों में धीरे-धीरे सुबह होने वाली प्रार्थना खत्म हो रही है। इसके साथ साथ ही शिक्षक का स्तर भी गिरता जा रहा है।
शिक्षक बालक के व्यक्तित्व को सँवारने का काम करता है। बिगड़े हुए लोगों के जीवन को शिक्षा देकर बेहतर बनाता है। बच्चे हों या बड़े जीवन में शिक्षक की आवश्यकता सबको पड़ती है। और हाँ ये जरुरी नहीं है कि जो स्कूल में पढ़ाता है, वही शिक्षक है । कोई भी इंसान जो हमें अच्छी शिक्षा देता है वो ही हमारा गुरु कहलाता है। लेकिन जो जो हमे पढाता हें, सत्मार्ग पर चलने की शिक्षा देकर जीवन को सवाँरता है वो हमारे जीवन का सबसे बड़ा गुरु होता है।
हाल ही में एक शिक्षक ने मानवता को शर्मसार कर अपने शिक्षक होने नाम पर कलंक लगा लिया है। इस शिक्षक के बारे में जानकर यक़ीनन आपका रोम-रोम गुस्से से भर जायेगा।
यह खबर उत्तराखंड की है। लढौरा कस्बे के एक पब्लिक स्कूल इस शिक्षक ने इंसानियत को दरकिनार कर स्कूली छात्राओं के अंदरूनी कपड़ो सहित सभी कपड़े उतरवा दिए। दरअसल शिक्षक ने कक्षा 6 की दो छात्राओं के टेस्ट में कम नंबर आने की वजह से उनके कपड़े उतरवा दिए। जो कि एक बेहद ही निहायती घटिया किस्म का कदम था।
जब पीड़ित छात्राओं ने शिक्षक की शिकायत स्कूल के प्रिंसिपल से की तो उन्होंने भी इस मामले पर कोई खास गौर ना कर उल्टा छात्राओं को ही हड़काया कि यह बात अपने परिजनों को बिलकुल ना बताएं। वरना उन्हें क्लास में फ़ैल कर दिया जाएगा।
मामला तो तब उजागर हुआ जब साथी टीचर ने इसकी तस्वीर खींच कर अपने फ्रेंडस के साथ शेयर कर दी। फोटो के वायरल होते ही बात परिजनों तक पहुंची।
परिजनों ने स्कूल पहुँच जमकर किया हंगामा !
जब शिक्षक की इस नापाक हरकत के बारे में घरवालों को पता चला तो वे आग बबूला हो गए और स्कूल पहुँचकर खूब हंगामा किया। परिजनों द्वारा किये जा रहे हंगामे की सुचना स्कूल प्रशासन द्वारा पुलिस को दे दी गयी। मौके पर पहुँची पुलिस ने हंगामे को शांत करवाने का प्रयास किया।
जब पुलिस ने परिजनों को शांत करवा कर FIR दर्ज की। जब यह मामला जॉइंट मजिस्ट्रेट मयूर दीक्षित के पास पहुँचा तो उन्होंने मामले की जाँच करके एक रिपोर्ट तलब की। मयूर दीक्षित ने बताया कि इस मामले में उनके द्वारा एक रिपोर्ट तलब की गयी है। रिपोर्ट के तथ्यों के आधार पर जो भी दोषी पाया जायेगा उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाई की जाएगी।
Source- Google Images |
हाल ही में एक शिक्षक ने मानवता को शर्मसार कर अपने शिक्षक होने नाम पर कलंक लगा लिया है। इस शिक्षक के बारे में जानकर यक़ीनन आपका रोम-रोम गुस्से से भर जायेगा।
यह खबर उत्तराखंड की है। लढौरा कस्बे के एक पब्लिक स्कूल इस शिक्षक ने इंसानियत को दरकिनार कर स्कूली छात्राओं के अंदरूनी कपड़ो सहित सभी कपड़े उतरवा दिए। दरअसल शिक्षक ने कक्षा 6 की दो छात्राओं के टेस्ट में कम नंबर आने की वजह से उनके कपड़े उतरवा दिए। जो कि एक बेहद ही निहायती घटिया किस्म का कदम था।
जब पीड़ित छात्राओं ने शिक्षक की शिकायत स्कूल के प्रिंसिपल से की तो उन्होंने भी इस मामले पर कोई खास गौर ना कर उल्टा छात्राओं को ही हड़काया कि यह बात अपने परिजनों को बिलकुल ना बताएं। वरना उन्हें क्लास में फ़ैल कर दिया जाएगा।
परिजनों ने स्कूल पहुँच जमकर किया हंगामा !
जब शिक्षक की इस नापाक हरकत के बारे में घरवालों को पता चला तो वे आग बबूला हो गए और स्कूल पहुँचकर खूब हंगामा किया। परिजनों द्वारा किये जा रहे हंगामे की सुचना स्कूल प्रशासन द्वारा पुलिस को दे दी गयी। मौके पर पहुँची पुलिस ने हंगामे को शांत करवाने का प्रयास किया।
जब पुलिस ने परिजनों को शांत करवा कर FIR दर्ज की। जब यह मामला जॉइंट मजिस्ट्रेट मयूर दीक्षित के पास पहुँचा तो उन्होंने मामले की जाँच करके एक रिपोर्ट तलब की। मयूर दीक्षित ने बताया कि इस मामले में उनके द्वारा एक रिपोर्ट तलब की गयी है। रिपोर्ट के तथ्यों के आधार पर जो भी दोषी पाया जायेगा उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाई की जाएगी।