नीमकाथाना: इन दिनों कपिल अस्पताल में तेजी से फ़ैल रहे स्वाइन फ्लू के संदिग्ध मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। अब अस्पताल में इस मामले में पांच मरीज भर्ती है। जिनका इलाज चल रहा है। मंगलवार को आउटडोर के एक दर्जन से अधिक संदिग्ध मरीजों को स्वाइन फ्लू की दवा दी गई।
स्वाइन फ्लू मामले में डॉक्टरों का कहना है कि इन दिनों अस्पताल का आउटडोर बढ़ा है। कई ऐसे मरीजों को प्राथमिक उपचार दिया गया है जिनमें स्वाइन फ्लू के शुरुवाती लक्षण दिखे। ज्यादातर मरीज सर्दी जुकाम व बुखार की बीमारी से पीड़ित आ रहे है।
जानकारी के मुताबिक दीपावास निवासी कालीदेवी(35), पथवारी मोहल्ले की 60 वर्षीय श्रवणीदेवी, खेतड़ी की मन्नी (32), कांवट की राजूदेवी, गणेश्वर निवासी मिथलेश(16) का कपिल अस्पताल में इलाज चल रहा है। इनके अलावा मंगलवार को कई मरीजों को जांच में स्वाइन फ्लू संदिग्ध पाने पर दवा दी गई है।
सात महीने में 69 स्वाइन फ्लू के संदिग्ध मरीज
कपिल अस्पताल में इस वर्ष करीब 69 लोग स्वाइन फ्लू संदिग्ध मरीज पाए गए। जिनका कपिल अस्पताल में उपचार किया गया। स्वाइन फ्लू को गंभीरता से लेते हुए अस्पताल में स्वाइन फ्लू मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाया गया है।
डॉ जीएस तंवर ने नीमकाथाना न्यूज़.इन को बताया कि हालांकि स्वाइन फ्लू की पुष्टि नहीं है। सप्ताहभर से आउटडोर मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। सर्दी, बुखार, बदन दर्द के ज्यादा मरीज आ रहे है।
स्वाइन फ्लू के लक्षण
जब लोग स्वाइन फ्लू के वायरस से संक्रमित होते हैं, तो उनके लक्षण आमतौर पर मौसमी इन्फ्लूएंजा के लोगों के समान ही होते हैं। इसमें बुखार, तेज ठंड लगना, गला खराब हो जाना, मांसपेशियों में दर्द होना, तेज सिरदर्द होना, खाँसी आना, कमजोरी महसूस करना आदि लक्षण शामिल हैं। कुछ लोगों को उल्टी और दस्त भी हो सकते हैं । बहरहाल, कई मामलों में इन्फ्लूएंजा ए (H1N1) के लक्षण हल्के रहे हैं और अधिकाँश लोग पूरी तरह ठीक भी हुए हैं।
स्वाइन फ्लू के समय क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए
सामान्य स्वाइन फ्लू के दौरान अगर सावधानी बरती जाये तो ये वायरस कम प्रभावी होता है। स्वाइन फ्लू के दौरान बार-बार अपने हाथों को साबुन से धोएं नाक और मुँह को हमेशा मॉस्क पहन ढक कर रखें। इसके अलावा जब जरूरत हो तभी आम जगहों पर जाना चाहिए ताकि संक्रमण ना फैल सके।
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स्वाइन फ्लू मामले में डॉक्टरों का कहना है कि इन दिनों अस्पताल का आउटडोर बढ़ा है। कई ऐसे मरीजों को प्राथमिक उपचार दिया गया है जिनमें स्वाइन फ्लू के शुरुवाती लक्षण दिखे। ज्यादातर मरीज सर्दी जुकाम व बुखार की बीमारी से पीड़ित आ रहे है।
जानकारी के मुताबिक दीपावास निवासी कालीदेवी(35), पथवारी मोहल्ले की 60 वर्षीय श्रवणीदेवी, खेतड़ी की मन्नी (32), कांवट की राजूदेवी, गणेश्वर निवासी मिथलेश(16) का कपिल अस्पताल में इलाज चल रहा है। इनके अलावा मंगलवार को कई मरीजों को जांच में स्वाइन फ्लू संदिग्ध पाने पर दवा दी गई है।
सात महीने में 69 स्वाइन फ्लू के संदिग्ध मरीज
कपिल अस्पताल में इस वर्ष करीब 69 लोग स्वाइन फ्लू संदिग्ध मरीज पाए गए। जिनका कपिल अस्पताल में उपचार किया गया। स्वाइन फ्लू को गंभीरता से लेते हुए अस्पताल में स्वाइन फ्लू मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाया गया है।
डॉ जीएस तंवर ने नीमकाथाना न्यूज़.इन को बताया कि हालांकि स्वाइन फ्लू की पुष्टि नहीं है। सप्ताहभर से आउटडोर मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। सर्दी, बुखार, बदन दर्द के ज्यादा मरीज आ रहे है।
स्वाइन फ्लू के लक्षण
जब लोग स्वाइन फ्लू के वायरस से संक्रमित होते हैं, तो उनके लक्षण आमतौर पर मौसमी इन्फ्लूएंजा के लोगों के समान ही होते हैं। इसमें बुखार, तेज ठंड लगना, गला खराब हो जाना, मांसपेशियों में दर्द होना, तेज सिरदर्द होना, खाँसी आना, कमजोरी महसूस करना आदि लक्षण शामिल हैं। कुछ लोगों को उल्टी और दस्त भी हो सकते हैं । बहरहाल, कई मामलों में इन्फ्लूएंजा ए (H1N1) के लक्षण हल्के रहे हैं और अधिकाँश लोग पूरी तरह ठीक भी हुए हैं।
स्वाइन फ्लू के समय क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए
सामान्य स्वाइन फ्लू के दौरान अगर सावधानी बरती जाये तो ये वायरस कम प्रभावी होता है। स्वाइन फ्लू के दौरान बार-बार अपने हाथों को साबुन से धोएं नाक और मुँह को हमेशा मॉस्क पहन ढक कर रखें। इसके अलावा जब जरूरत हो तभी आम जगहों पर जाना चाहिए ताकि संक्रमण ना फैल सके।