आज भारत की हर कागजी मुद्रा पर गांधीजी की तस्वीर है। लेकिन शोसियल मीडिया पर वायरल न्यूज़ के मुताबिक भारत के आजाद होने पर रुपया छपा तो उस पर एकमात्र महात्मा गांधी की ही तस्वीर नहीं थी। बल्कि देश के एक वीर स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस का चेहरा भी भारतीय नोटों पर हुआ करता था।
देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सुभाष चंद्र के चेहरे वाले इस नोट को बंद करवा दिया। अब इन दिनों नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर वाला ये 10 रुपये का नोट सोशल मीडिया पर खूब ट्रेंड कर रहा है।
तो अब प्रश्न चिन्ह खड़ा होता है कि क्या सही में कभी नेताजी की तस्वीर वाला नोट छपा था? अगर नहीं तो ये 10 रुपये वाली तस्वीर आई कहाँ से ? आइए इसकी तहकीकात करते हैं।
भारतीय मुद्रा के 10 रूपये वाले नोट की छपाई बिलकुल ही अलग है। ये नोट भारतीय नोटों की छपाई के इतिहास में बिल्कुल ही अलग नोट है। इसकी वजह है इस पर छपी हुई तस्वीर। इस नोट पर सबसे ऊपर लिखा है हिंदुस्तान जय हिंद इसके साथ ऊपर कोने में 1947 लिखा है। दाईं तरफ नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर भी है। 1947 साल की बात करें तो यह भारत की आजादी का साल था।
इस वायरल तस्वीर के साथ एक मेसेज भी भेजा गया है. इसमें लिखा है, 'नेता जी सुभाष चंद्र की तस्वीर वाला 10 का नोट जिसे नेहरू ने बंद करवा दिया था ताकि भारतीय सच्चे स्वतंत्रता सेना नायक और बलिदानी को भूल जाएं। इसे इतना शेयर करो कि ये वापस शुरू होना चाहिए.'
आइये आपको इस मैसेज के हकीकत से रूबरू करवाते हैं। 21 अक्टूबर 1943 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अंडमान निकोबार में अर्जी-हुकूमत-ए-आजाद हिंद नाम से आजाद भारत की पहली अंतरिम सरकार बनाई थी। सरकार के संचालन के लिए तब के बर्मा (म्यांमार) की राजधानी रंगून में 1944 में आजाद हिंद बैंक की स्थापना की गई थी। बैंक ने 10, 100, 1000 रुपये जैसे कई मूल्य के नोट छापे थे।
इन नोटों पर नेताजी के साथ-साथ महात्मा गांधी और आजाद हिंद फौज की महिला रेजीमेंट की कैप्टन रहीं लक्ष्मी सहगल की भी तस्वीर थी। वायरल नोट पर 1947 का साल लिखा है, लेकिन उस वक्त तक आजाद हिंद सरकार का वजूद करीब-करीब खत्म हो गया था और भारत के आजाद होने पर नोट को किसी तरह की सरकारी मान्यता नहीं थी क्योंकि भारत सरकार ने ये नोट नहीं छपवाया था।
भारत में आजादी के बाद नए नोट छपे जिनपर गांधीजी की फोटो का प्रिंट दिया गया। तब से लेकर आज तक भारतीय कागजी मुद्रा पर गांधी जी की तस्वीर ही छपती आ रही है। पिछले वर्ष भारत में भारतीय मुद्रा में चलन नोटों के बदले जाने पर भी गांधी जी की फोटो यथावत रखी गई।
source- google images
देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सुभाष चंद्र के चेहरे वाले इस नोट को बंद करवा दिया। अब इन दिनों नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर वाला ये 10 रुपये का नोट सोशल मीडिया पर खूब ट्रेंड कर रहा है।
तो अब प्रश्न चिन्ह खड़ा होता है कि क्या सही में कभी नेताजी की तस्वीर वाला नोट छपा था? अगर नहीं तो ये 10 रुपये वाली तस्वीर आई कहाँ से ? आइए इसकी तहकीकात करते हैं।
भारतीय मुद्रा के 10 रूपये वाले नोट की छपाई बिलकुल ही अलग है। ये नोट भारतीय नोटों की छपाई के इतिहास में बिल्कुल ही अलग नोट है। इसकी वजह है इस पर छपी हुई तस्वीर। इस नोट पर सबसे ऊपर लिखा है हिंदुस्तान जय हिंद इसके साथ ऊपर कोने में 1947 लिखा है। दाईं तरफ नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर भी है। 1947 साल की बात करें तो यह भारत की आजादी का साल था।
इस वायरल तस्वीर के साथ एक मेसेज भी भेजा गया है. इसमें लिखा है, 'नेता जी सुभाष चंद्र की तस्वीर वाला 10 का नोट जिसे नेहरू ने बंद करवा दिया था ताकि भारतीय सच्चे स्वतंत्रता सेना नायक और बलिदानी को भूल जाएं। इसे इतना शेयर करो कि ये वापस शुरू होना चाहिए.'
आइये आपको इस मैसेज के हकीकत से रूबरू करवाते हैं। 21 अक्टूबर 1943 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अंडमान निकोबार में अर्जी-हुकूमत-ए-आजाद हिंद नाम से आजाद भारत की पहली अंतरिम सरकार बनाई थी। सरकार के संचालन के लिए तब के बर्मा (म्यांमार) की राजधानी रंगून में 1944 में आजाद हिंद बैंक की स्थापना की गई थी। बैंक ने 10, 100, 1000 रुपये जैसे कई मूल्य के नोट छापे थे।
इन नोटों पर नेताजी के साथ-साथ महात्मा गांधी और आजाद हिंद फौज की महिला रेजीमेंट की कैप्टन रहीं लक्ष्मी सहगल की भी तस्वीर थी। वायरल नोट पर 1947 का साल लिखा है, लेकिन उस वक्त तक आजाद हिंद सरकार का वजूद करीब-करीब खत्म हो गया था और भारत के आजाद होने पर नोट को किसी तरह की सरकारी मान्यता नहीं थी क्योंकि भारत सरकार ने ये नोट नहीं छपवाया था।
भारत में आजादी के बाद नए नोट छपे जिनपर गांधीजी की फोटो का प्रिंट दिया गया। तब से लेकर आज तक भारतीय कागजी मुद्रा पर गांधी जी की तस्वीर ही छपती आ रही है। पिछले वर्ष भारत में भारतीय मुद्रा में चलन नोटों के बदले जाने पर भी गांधी जी की फोटो यथावत रखी गई।