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चिंताजनक यह है कि एक माह में तीन बच्चियों की मौत हो गई लेकिन विभाग अभी तक मौत का कारण ही पता नहीं कर पाया। ऐसे में विभाग के पास कोई एक्शन प्लान भी नहीं है। जब मौत का अकड़ा ३ पर पहुंचा तो विभाग के हाथ पाव हिले।
बुखार से तीन बच्चियों की मौत होने से शनिवार शाम को स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया। आलाधिकारी खंडेला रामपुरा गांव पहुंचे। गांव में स्वास्थ्य कैंप शुरू कराया। कैंप में 3 डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई। इसके अलावा बुखार पीड़ितों की पहचान के लिए सर्वे शुरू कराया है।
एहतियातन 108 एंबुलेंस को भी अलर्ट में रखा है। देर रात तक सीएमएचओ डॉ. विष्णु मीणा, डिप्टी सीएमएचओ डॉ. सीपी ओला और बीसीएमओ मौके पर थे। मामले में सीएमएचओ डाॅ. विष्णु मीणा का कहना है कि खंडेला के रामपुरा गांव में शनिवार को एक बच्ची की मौत की सूचना मिली थी। इसके बाद 12 सितंबर और 14 अगस्त को भी एक- एक बच्ची की मौत होने की जानकारी मिली।
फिलहाल तीन बच्चियों की मौत किस बीमारी से हुई कहना मुश्किल है। प्रारंभिक जांच में तीनों को बुखार होने की जानकारी मिली है। फिलहाल गांव में कैंप शुरू कर दिया।
तीनों बच्चियां एक ही स्कूल की, स्कूल की टंकी से लिए गए पानी के सैंपल
तीनों बच्चियां विद्या निकेतन माध्यमिक विद्यालय में पढ़ती थी। इसलिए स्वास्थ्य विभाग स्कूल की टंकी से पानी के सैंपल भी लिए है। स्कूल प्रबंधन से भी जानकारी जुटाई जा रही है। क्योंकि विभाग को शक है कि स्कूल टंकी की सफाई न होने से पानी दूषित हो सकता है।
मामले में प्रधानाचार्य मुकेश सैनी का कहना है कि टंकी में पानी टैंकर से डलवाते है। टंकी की सफाई एक सप्ताह पहले ही करवाई थी। काजल 10 सितंबर के बाद अनुपस्थित चल रही थी। वह 13 तारीख को एक दिन के लिए स्कूल आई थी। उस दिन वह बुखार से पीड़ित थी। काजल के परिवार में 8 जने वायरल से पीड़ित है।
इन बच्चियों की तबियत बिगड़ने से हुई मौत
जानकारी के मुताबिक रामपुरा गांव की काजल (13) पुत्री बन्नालाल मीणा की 8 दिन से तबीयत खराब थी। वह बुखार से पीड़ित थी। हालत बिगड़ने पर परिजन सुबह सीएचसी पर लेकर आए। उसे सीकर रैफर कर दिया। रास्ते में काजल की मौत हो गई। काजल की दो बहनों रेखा-प्रियंका, मां कमलीदेवी और पिता बन्नालाल को भी गंभीर हालत में जयपुर रैफर किया गया है।
इसके अलावा गांव के सुरेश कुमावत की बेटी तन्नू (13) की 12 सितंबर को जयपुर के जेके लोन अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। तन्नू भी बुखार से पीड़ित थी। इसके अलावा लीलाधर की 9 साल की बेटी शशिकांता की 14 अगस्त को बुखार के चलते मौत हो गई।
शशिकांता का जयपुर में इलाज चला था। मरने वाली तीन बच्चियां एक ही स्कूल की छात्रा थी। शनिवार शाम को बुखार के चलते तीसरी बच्ची की मौत की सूचना पर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। सीएमएचओ, डिप्टी सीएमएचओ, बीसीएमओ मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने स्थानीय स्तर पर स्थिति को लेकर जानकारी जुटाई।