Neem Ka Thana- एक अक्टूबर से चिकारा कैंटीन पूर्णत कैशलेस होने के साथ ही कार्ड धारकों को अपने कैंटीन स्मार्ट कार्ड के साथ स्वयं का एटीएम कार्ड भी लाना अनिवार्य होगा। अब आपको जेब में नकदी रखने की जरुरत नहीं होगी। आपके कार्ड का गलत इस्तेमाल भी नहीं हो पाएगा। सरकार द्वारा कैशलेस को बढ़ावा देने के चलते यह नियम लागु किया गया है।
चिकारा कैंटीन प्रबंधक ऑनरेरी कैप्टन करणसिंह राठौड़ का कहना है कि कार्ड धारक इस योजना से अब अपना कार्ड किसी अन्य व्यक्ति को नहीं दे पाएंगे। यदि कार्डधारकों ने अपना कैंटीन स्मार्ट कार्ड दूसरे व्यक्ति को दे दिया तो स्मार्ट हमेशा के लिए बंद हो जाएगा। कैंटीन में जिस दिन सामान आएगा, उस दिन सामान की ब्रिक्री नहीं होगी।
चिंकारा कैंटीन का 4 दिन का अवकाश
चिकारा कैंटीन 29 सितंबर से दो अक्टूबर तक लगातार चार दिन बंद रहेगा। 29 सितंबर को पूरे महीने के स्टॉक की जांच की जाएगी। 30 को विजय दशमी, एक अक्टूबर काे रविवार तथा दो को गांधी जयंती का अवकाश रहेगा।
चिंकारा कैंटीन को कैशलेस बनाने के फायदे और नुकसान
कैंटीन को कैशलेस बनाने का फायदा:
कैशलेस व स्वयं का एटीएम अनिवार्य करने से कार्ड धारियों के जेब में पैसे नहीं भी होंगे तो भी एटीएम की मदद से सामान खरीदने में आसानी होगी। जेब में में पैसे रखने की आवश्यकता नहीं होगी इससे पैसे खोने का डर भी नहीं रहेगा।
खाते में पैसे होने के बावजूद पहले ग्राहकों को सामान खरीदने के बाद एटीएम मशीन से पैसे लेने बाहर जाना पड़ता था। ऐसे में कई बार लोगों को दुबारा कैंटीन की लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ता था। जिस कार्ड धारी का स्मार्ट कार्ड होगा, उसी का एटीएम कार्ड अनिवार्य होने से कार्ड के गलत इस्तेमाल पर अंकुश लग जाएगा।
कैंटीन को कैशलेस बनाने का नुकसान:
चिकारा कैंटीन के स्मार्ट कार्ड पूर्व सैनिकों के लिए बने हुए हैं। 40 साल से अधिक उम्र वाले इन पूर्व सैनिकों को कैंटीन तक पहुंचने तथा लाइन में लगने से परेशानी होती है। इसके चलते वह अपने परिजनों के साथ अपना कार्ड भिजवाते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। पूर्व सैनिक को खुद ही खरीदारी के लिए कैंटीन जाना पड़ेगा। हालांकि 75 साल से अधिक उम्र तथा अनफिट पूर्व सैनिकों के लिए कैंटीन कार्ड के साथ ऑथोरिटी लेटर जारी किया जाता है। लेटर जारी होने के बाद ही किसी अन्य को उनके कार्ड से सामान दिया जा सकता है।
शेखावाटी के सीकर, नीमकाथाना, चिड़ावा व झुंझुनूं में स्थित चार एक्स सर्विस मैन कैंटीनों में करीबन 49500 कार्ड धारी हैं। इन कैंटीनों में महीने में करीबन आठ करोड़ का टर्न ओवर है। सीकर में 12 हजार से ज्यादा कार्डधारियों का ढाई करोड़ का टर्न ओवर है। इसी प्रकार नीमकाथाना में 9500, झुंझुनूं में 20 हजार तथा चिड़ावा में आठ हजार के करीबन कार्डधारी हैं।
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चिकारा कैंटीन प्रबंधक ऑनरेरी कैप्टन करणसिंह राठौड़ का कहना है कि कार्ड धारक इस योजना से अब अपना कार्ड किसी अन्य व्यक्ति को नहीं दे पाएंगे। यदि कार्डधारकों ने अपना कैंटीन स्मार्ट कार्ड दूसरे व्यक्ति को दे दिया तो स्मार्ट हमेशा के लिए बंद हो जाएगा। कैंटीन में जिस दिन सामान आएगा, उस दिन सामान की ब्रिक्री नहीं होगी।
चिंकारा कैंटीन का 4 दिन का अवकाश
चिकारा कैंटीन 29 सितंबर से दो अक्टूबर तक लगातार चार दिन बंद रहेगा। 29 सितंबर को पूरे महीने के स्टॉक की जांच की जाएगी। 30 को विजय दशमी, एक अक्टूबर काे रविवार तथा दो को गांधी जयंती का अवकाश रहेगा।
चिंकारा कैंटीन को कैशलेस बनाने के फायदे और नुकसान
कैंटीन को कैशलेस बनाने का फायदा:
कैशलेस व स्वयं का एटीएम अनिवार्य करने से कार्ड धारियों के जेब में पैसे नहीं भी होंगे तो भी एटीएम की मदद से सामान खरीदने में आसानी होगी। जेब में में पैसे रखने की आवश्यकता नहीं होगी इससे पैसे खोने का डर भी नहीं रहेगा।
खाते में पैसे होने के बावजूद पहले ग्राहकों को सामान खरीदने के बाद एटीएम मशीन से पैसे लेने बाहर जाना पड़ता था। ऐसे में कई बार लोगों को दुबारा कैंटीन की लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ता था। जिस कार्ड धारी का स्मार्ट कार्ड होगा, उसी का एटीएम कार्ड अनिवार्य होने से कार्ड के गलत इस्तेमाल पर अंकुश लग जाएगा।
कैंटीन को कैशलेस बनाने का नुकसान:
चिकारा कैंटीन के स्मार्ट कार्ड पूर्व सैनिकों के लिए बने हुए हैं। 40 साल से अधिक उम्र वाले इन पूर्व सैनिकों को कैंटीन तक पहुंचने तथा लाइन में लगने से परेशानी होती है। इसके चलते वह अपने परिजनों के साथ अपना कार्ड भिजवाते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। पूर्व सैनिक को खुद ही खरीदारी के लिए कैंटीन जाना पड़ेगा। हालांकि 75 साल से अधिक उम्र तथा अनफिट पूर्व सैनिकों के लिए कैंटीन कार्ड के साथ ऑथोरिटी लेटर जारी किया जाता है। लेटर जारी होने के बाद ही किसी अन्य को उनके कार्ड से सामान दिया जा सकता है।
शेखावाटी के सीकर, नीमकाथाना, चिड़ावा व झुंझुनूं में स्थित चार एक्स सर्विस मैन कैंटीनों में करीबन 49500 कार्ड धारी हैं। इन कैंटीनों में महीने में करीबन आठ करोड़ का टर्न ओवर है। सीकर में 12 हजार से ज्यादा कार्डधारियों का ढाई करोड़ का टर्न ओवर है। इसी प्रकार नीमकाथाना में 9500, झुंझुनूं में 20 हजार तथा चिड़ावा में आठ हजार के करीबन कार्डधारी हैं।