जोधपुर: कल 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस के इस पावन अवसर पर कई विधालयों में छात्रों और शिक्षको के मध्य विचरों का आदान प्रदान किया गया। इस उत्सव को कई स्कूलों में बड़ा ही खुशी का माहौल था, तो वहीँ दूसरी और इस पवन मौके पर
केके कॉलोनी बासनी स्थित महावीर
बाल निकेतन स्कूल के संचालक
जगदीश पूनिया और टीचर पूनम
पंवार ने शर्मनाक हरकतकर दी।
महावीर बाल निकेतन स्कूल की शिक्षिका ने अनुशासन के नाम पर संचालक के कहने पर दो बच्चियों के बाल काट दिए। इन छात्रों का कसूर मात्र इतना था कि ये दो चोटी बनाकर नहीं आई थीं। नौ से 12 साल की ये बच्चियां रोते हुए माफी मांगती रहीं, लेकिन शिक्षिका का दिल जरा भी नहीं पसीजी।
बच्चियां जब घर पहुंची तो परिजन भी सन्न रह गए। कक्षा 7 की कविता, 5वीं की संगीता व कक्षा 4 की गीता (बदले हुए नाम) के बाल काटे गए। स्कूल प्रशासन पहले बोला कि - अनुशासन बनाए रखने के लिए बाल काटे, फिर माफी मांगने लगे नाराज परिजन बच्चियों को लेकर स्कूल संचालक पूनिया के घर पहुंचे। पूनिया पहले तो बोले- ऐसा अनुशासन बनाए रखने किया है। परिजन गुस्सा हुए तो वह माफी मांगने लगा।
बाद में परिजन शिक्षिका के घर भी पहुंचे। वहां शिक्षिका पूनम पंवार नेभी संचालक द्वारा कही हुई बात ही दोहराई। फिर गलती मानकर माफी मांगनेलगीं। उधर, परिजनों नेकहा- वेप्रशासन को शिकायत करेंगे। शिक्षक का स्थान भगवान् के सवरूप बताया गया है। लेकिन आज के गुरु में वो बात कहाँ जो पहले गुरुकुल के गुरुओ में हुआ करती थी। हालाँकि आज भी कई शिक्षक छात्रों के साथ भगवान सवरूप व्यवहार करके उनका मार्गदर्शन कर एक नई पहचान दिलाते है।
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महावीर बाल निकेतन स्कूल की शिक्षिका ने अनुशासन के नाम पर संचालक के कहने पर दो बच्चियों के बाल काट दिए। इन छात्रों का कसूर मात्र इतना था कि ये दो चोटी बनाकर नहीं आई थीं। नौ से 12 साल की ये बच्चियां रोते हुए माफी मांगती रहीं, लेकिन शिक्षिका का दिल जरा भी नहीं पसीजी।
बच्चियां जब घर पहुंची तो परिजन भी सन्न रह गए। कक्षा 7 की कविता, 5वीं की संगीता व कक्षा 4 की गीता (बदले हुए नाम) के बाल काटे गए। स्कूल प्रशासन पहले बोला कि - अनुशासन बनाए रखने के लिए बाल काटे, फिर माफी मांगने लगे नाराज परिजन बच्चियों को लेकर स्कूल संचालक पूनिया के घर पहुंचे। पूनिया पहले तो बोले- ऐसा अनुशासन बनाए रखने किया है। परिजन गुस्सा हुए तो वह माफी मांगने लगा।
बाद में परिजन शिक्षिका के घर भी पहुंचे। वहां शिक्षिका पूनम पंवार नेभी संचालक द्वारा कही हुई बात ही दोहराई। फिर गलती मानकर माफी मांगनेलगीं। उधर, परिजनों नेकहा- वेप्रशासन को शिकायत करेंगे। शिक्षक का स्थान भगवान् के सवरूप बताया गया है। लेकिन आज के गुरु में वो बात कहाँ जो पहले गुरुकुल के गुरुओ में हुआ करती थी। हालाँकि आज भी कई शिक्षक छात्रों के साथ भगवान सवरूप व्यवहार करके उनका मार्गदर्शन कर एक नई पहचान दिलाते है।