Neem Ka Thana: प्रदेश में पहली बार मार्च 2017 में नया माइनिंग नियम लागू होने के बाद खदानों की ई-नीलामी हुई। नीमकाथाना की आठ खदानों की बोली 1509 प्रतिशत से अधिक रही। एक खदान की बोली तो 1951 प्रतिशत अधिक रही।
अधिक बोली लगने से सरकार को राॅयल्टी भी अधिक मिलेगी। सरकार ने माइनिंग रूल्स में संशोधन कर ई-नीलामी का प्रावधान जोड़ा था। ई-नीलामी में शामिल सभी आठ खदानें घाटा-गुवार की नीमकाथाना की सभी आठ खदानें घाटा-गुवार गांव की हैं।
एएमई अनिल गुप्ता के मुताबिक इन खदानों की स्टार्ट बेस बिड 100 से 521 रखी गई थी। माइनिंग विभाग ने चेजा-पत्थर की खदानों के आठ अलग-अलग प्लॉट बनाए थे। ई-नीलामी में प्लॉट नंबर 3 के लिए सबसे अधिक 1951 प्रतिशत बोली लगी।
घाटा-गुवार गांव की आठ चेजा-पत्थर खदानों की बोली इस तरह रही। प्लॉट नंबर एक-1675 प्रतिशत, प्लॉट नंबर 2-1651, प्लॉट नंबर 3-1951, प्लॉट नंबर 4-1831, प्लॉट नंबर 5-1750, प्लॉट नंबर 6-1607, प्लॉट नंबर 7-1501 एवं प्लॉट नंबर 10-1611 प्रतिशत अधिक बोली रही।
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राजस्थान में नीमकाथाना माइनिंग जोन की खदानों की बोली अधिक रहने से अधिकारी भी उत्साहित हैं। एएमई अनिल गुप्ता ने बताया कि ई-नीलामी में नीमकाथाना की आठ चेजा पत्थर की खदानों को शामिल किया गया था।अधिक बोली लगने से सरकार को राॅयल्टी भी अधिक मिलेगी। सरकार ने माइनिंग रूल्स में संशोधन कर ई-नीलामी का प्रावधान जोड़ा था। ई-नीलामी में शामिल सभी आठ खदानें घाटा-गुवार की नीमकाथाना की सभी आठ खदानें घाटा-गुवार गांव की हैं।
एएमई अनिल गुप्ता के मुताबिक इन खदानों की स्टार्ट बेस बिड 100 से 521 रखी गई थी। माइनिंग विभाग ने चेजा-पत्थर की खदानों के आठ अलग-अलग प्लॉट बनाए थे। ई-नीलामी में प्लॉट नंबर 3 के लिए सबसे अधिक 1951 प्रतिशत बोली लगी।
घाटा-गुवार गांव की आठ चेजा-पत्थर खदानों की बोली इस तरह रही। प्लॉट नंबर एक-1675 प्रतिशत, प्लॉट नंबर 2-1651, प्लॉट नंबर 3-1951, प्लॉट नंबर 4-1831, प्लॉट नंबर 5-1750, प्लॉट नंबर 6-1607, प्लॉट नंबर 7-1501 एवं प्लॉट नंबर 10-1611 प्रतिशत अधिक बोली रही।