सीकर- सीकर जिले से शुरू किसान आंदोलन में हालात बेकाबू होने वाले हैं। यह आंदोलन मंदसौर के किसान आंदोलन का रूप धारण करने लगा है। आंदोलन अब केवल सीकर तक ही सीमित न रहकर पूरे शेखावाटी में फैल गया है।
प्रदेश में किसानों ने पिछले तीन दिन से 361 से ज्यादा स्थानों पर चक्का जाम कर रखा है। सीकर में जहां जाम के चलते एक व्यक्ति ट्रैक्टर के नीचे आ गया वहीं झुंझुनूं व चूरू में पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर किसानो को काबू में करना पड़ रहा है। राजस्थान के अन्य जिलों में भी किसान आंदोलन को भरपूर समर्थन मिल रहा है।
हालाँकि अभी भी किसान अपने आंदोलन को शांति पूर्ण तरीके बढ़ा कर महापड़ाव पर बैठे हैं। नीमकाथाना न्यूज़ टीम आपसे अपील करती है कि आप भी शांति बनायें रखें और शोशल मीडिया पर उड़ने वाली अफवाहों को नजरअंदाज करें।
किसान आंदोलन एक रिपोर्ट
➧ सीकर के दोसाना व धोद के बीच किसानों ने चक्का जाम कर रखा था। इस दौरान एक व्यक्ति ट्रैक्टर में बैठकर आ रहा था। जाम के कारण ट्रैक्टर का संतुलन बिगड़ गया जिससे वह ट्रैक्टर के नीचे आ गया। उसे गंभीर हालत में सीकर के एसके अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा है।
➧ चूरू जिले के रतनपुरा, बेरासर, चांदगोठी, सिधमुख एव बहल सडक़ पर जाम लगाकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया गया।
➧ मुकुंदगढ़ में किसान आंदोलन के समर्थन में मंडी इलाके में बुधवार को भी दुकानें बंद रही। गांव डूमरा में किसानों ने बाइपास जाम लगाकर प्रदर्शन किया।
➧ सादुलपुर पिलानी मार्ग पर जाम लगाए बैठे किसानों के समर्थन में एनएसयूआई छात्र भी सडक़ों पर उतर आए।
➧ झुंझुनूं के मंडावा मोड पर भी जाम लगाया गया। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करके लोगों को खदेड़ा।
➧ बेरासर बड़ा में सडक़ पर टेंट लगाकर किसानों ने खाना बनाया एवं टायर जलाकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। किसान नेता भगत सिंह ने कहा कि मांगे नहीं माने जाते तक आंदोलन जारी रखेंगे।
➧ चूरू के रतनगढ़ थाना क्षेत्र में किसानों ने मेगा हाइवे पर चैनपुरा के पास लगाया एक घंटे तक जाम लगाया। किसानों को खदेडऩे के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा।
जानिए सीकर किसान आंदोलन में कब क्या हुआ
1 सितम्बर 2017
किसानों ने अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर पहले दिन सीकर कृषि उपज मंडी समिति परिसर में महापड़ाव डाला व सभा की। इसके बाद मंडी से कलक्टे्रट तक रैली निकाल आंदोलन को तेज करने की हुंकार भरी।
2 सितम्बर 2017
दूसरे दिन भी किसानों ने महापड़ाव पर बने रहे । जिला कलक्टर ने राज्य सरकार को महापड़ाव की रिपोर्ट भेजी ।
3 सितम्बर 2017
किसानों के महापड़ाव पर सरकार की खामोशी पर कोई असर नहीं पड़ा। ऐसे में किसानों में आक्रोश बढ़ने लगा। इस दिन किसानों को व्यापारियों व माकपा का भी समर्थन मिला।
4 सितम्बर 2017
चौथे दिन किसानों ने मंडी से शहर में मुख्यमंत्री के पुतले की शवयात्रा निकाली। पूरा सीकर शहर जाम हो गया। लोगों ने पहली बार किसी रैली में इतनी भारी भीड़ देखी।
5 सितम्बर 2017
किसानों को फल-सब्जी विक्रेता, टै्रक्टर यूनियन समेत कई संगठनों का समर्थन मिला। किसानों द्वारा सीकर बंद का भी आह्वान किया गया। शाम को मशाल जुलूस निकालकर शाक्ति प्रदर्शन किया।
6 सितम्बर 2017
अब किसानो का धैर्य जवाब देने लगा था इसलिए किसानों ने सरकार को आर-पार की लड़ाई के लिए भी चेताया। दूध परिवहन यूनियन किसानों के समर्थन में दूध से भरे वाहन लेकर कृषि उपज मंडी पहुंची व किसान सभा को आंदोलन के लिए 21 हजार की मदद दी।
7 सितम्बर 2017
किसान सभा के आह्वान पर सीकर बंद रहा। दूध, सब्जी, ऑटो व मिनी बस तक सब प्रभावित हुए। इस दिन किसानों ने तीन दिन बाद चक्का जाम का ऐलान किया।
8 सितम्बर 2017
कृषि मंडी में आठवें दिन भी किसानों का महापड़ाव जारी रहा। किसानों ने एक और अहम सभा की जिसमें 11 सितम्बर को प्रस्तावित चक्का जाम की रणनीति बनाई गई। महिलाओं व युवाओं को इसकी जिम्मेदारि सौंपी गई।
9 सितम्बर 2017
किसानों के समर्थन में डीजे संचालकों ने सीकर शहर में डीजे रैली निकाली, जो खासी चर्चा का विषय भी बना रहा ।
10 सितम्बर 2017
किरोड़ी लाल मीणा व हनुमान बेनीवाल सीकर पहुंचे व सभा को सम्बोधित किया। उधर, प्रभारी मंत्री राजकुमार रिणवां, सीएमडी श्रीमत पांडे, जिला कलक्टर नरेश कुमार ठकराल व एडीएम जयप्रकाश ने सर्किट हाउस पहुंचे। किसान नेताओं से वार्ता की, जो विफल रही।
11 सितम्बर 2017
इस दिन किसान सडक़ों पर उतर आए। जिलेभर में 361 से ज्यादा जगहों पर चक्का जाम कर दिया। सीकर के साथ-साथ 6 पड़ोसी जिले भी प्रभावित हुए। सरकार से वार्ता फिर विफल।
12 सितम्बर 2017
सीकर किसान आंदोलन के समर्थन पूरा प्रदेश बंद करवाया गया। शाम पांच किसानों के प्रतिनिधिमंडल को सरकार ने वार्ता के लिए जयपुर बुलाया। वार्ता बेनतीजा रही।
13 सितम्बर 2017
किसानों ने लगातार तीसरे दिन भी चक्का जाम रखा। सरकार से दोपहर एक बजे फिर किसानों के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता शुरू हुई।
चक्का जाम कल 14 सितम्बर को भी यथावत बने रहने के आसार हैं। कर्ज माफ़ी और स्वामीनाथन पर नहीं बनी सहमति। कल 3 बजे एक और मीटिंग होने का प्रस्ताव।
यह भी पढ़ें - किसानों के 50 हजार तक के कर्ज माफी के लिए बनेगी कमेटी, आधी रात से चक्काजाम खत्म
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प्रदेश में किसानों ने पिछले तीन दिन से 361 से ज्यादा स्थानों पर चक्का जाम कर रखा है। सीकर में जहां जाम के चलते एक व्यक्ति ट्रैक्टर के नीचे आ गया वहीं झुंझुनूं व चूरू में पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर किसानो को काबू में करना पड़ रहा है। राजस्थान के अन्य जिलों में भी किसान आंदोलन को भरपूर समर्थन मिल रहा है।
हालाँकि अभी भी किसान अपने आंदोलन को शांति पूर्ण तरीके बढ़ा कर महापड़ाव पर बैठे हैं। नीमकाथाना न्यूज़ टीम आपसे अपील करती है कि आप भी शांति बनायें रखें और शोशल मीडिया पर उड़ने वाली अफवाहों को नजरअंदाज करें।
किसान आंदोलन एक रिपोर्ट
➧ सीकर के दोसाना व धोद के बीच किसानों ने चक्का जाम कर रखा था। इस दौरान एक व्यक्ति ट्रैक्टर में बैठकर आ रहा था। जाम के कारण ट्रैक्टर का संतुलन बिगड़ गया जिससे वह ट्रैक्टर के नीचे आ गया। उसे गंभीर हालत में सीकर के एसके अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा है।
➧ चूरू जिले के रतनपुरा, बेरासर, चांदगोठी, सिधमुख एव बहल सडक़ पर जाम लगाकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया गया।
➧ मुकुंदगढ़ में किसान आंदोलन के समर्थन में मंडी इलाके में बुधवार को भी दुकानें बंद रही। गांव डूमरा में किसानों ने बाइपास जाम लगाकर प्रदर्शन किया।
➧ सादुलपुर पिलानी मार्ग पर जाम लगाए बैठे किसानों के समर्थन में एनएसयूआई छात्र भी सडक़ों पर उतर आए।
➧ झुंझुनूं के मंडावा मोड पर भी जाम लगाया गया। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करके लोगों को खदेड़ा।
➧ बेरासर बड़ा में सडक़ पर टेंट लगाकर किसानों ने खाना बनाया एवं टायर जलाकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। किसान नेता भगत सिंह ने कहा कि मांगे नहीं माने जाते तक आंदोलन जारी रखेंगे।
➧ चूरू के रतनगढ़ थाना क्षेत्र में किसानों ने मेगा हाइवे पर चैनपुरा के पास लगाया एक घंटे तक जाम लगाया। किसानों को खदेडऩे के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा।
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जानिए सीकर किसान आंदोलन में कब क्या हुआ
1 सितम्बर 2017
किसानों ने अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर पहले दिन सीकर कृषि उपज मंडी समिति परिसर में महापड़ाव डाला व सभा की। इसके बाद मंडी से कलक्टे्रट तक रैली निकाल आंदोलन को तेज करने की हुंकार भरी।
2 सितम्बर 2017
दूसरे दिन भी किसानों ने महापड़ाव पर बने रहे । जिला कलक्टर ने राज्य सरकार को महापड़ाव की रिपोर्ट भेजी ।
3 सितम्बर 2017
किसानों के महापड़ाव पर सरकार की खामोशी पर कोई असर नहीं पड़ा। ऐसे में किसानों में आक्रोश बढ़ने लगा। इस दिन किसानों को व्यापारियों व माकपा का भी समर्थन मिला।
4 सितम्बर 2017
चौथे दिन किसानों ने मंडी से शहर में मुख्यमंत्री के पुतले की शवयात्रा निकाली। पूरा सीकर शहर जाम हो गया। लोगों ने पहली बार किसी रैली में इतनी भारी भीड़ देखी।
5 सितम्बर 2017
किसानों को फल-सब्जी विक्रेता, टै्रक्टर यूनियन समेत कई संगठनों का समर्थन मिला। किसानों द्वारा सीकर बंद का भी आह्वान किया गया। शाम को मशाल जुलूस निकालकर शाक्ति प्रदर्शन किया।
6 सितम्बर 2017
अब किसानो का धैर्य जवाब देने लगा था इसलिए किसानों ने सरकार को आर-पार की लड़ाई के लिए भी चेताया। दूध परिवहन यूनियन किसानों के समर्थन में दूध से भरे वाहन लेकर कृषि उपज मंडी पहुंची व किसान सभा को आंदोलन के लिए 21 हजार की मदद दी।
7 सितम्बर 2017
किसान सभा के आह्वान पर सीकर बंद रहा। दूध, सब्जी, ऑटो व मिनी बस तक सब प्रभावित हुए। इस दिन किसानों ने तीन दिन बाद चक्का जाम का ऐलान किया।
8 सितम्बर 2017
कृषि मंडी में आठवें दिन भी किसानों का महापड़ाव जारी रहा। किसानों ने एक और अहम सभा की जिसमें 11 सितम्बर को प्रस्तावित चक्का जाम की रणनीति बनाई गई। महिलाओं व युवाओं को इसकी जिम्मेदारि सौंपी गई।
9 सितम्बर 2017
किसानों के समर्थन में डीजे संचालकों ने सीकर शहर में डीजे रैली निकाली, जो खासी चर्चा का विषय भी बना रहा ।
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10 सितम्बर 2017
किरोड़ी लाल मीणा व हनुमान बेनीवाल सीकर पहुंचे व सभा को सम्बोधित किया। उधर, प्रभारी मंत्री राजकुमार रिणवां, सीएमडी श्रीमत पांडे, जिला कलक्टर नरेश कुमार ठकराल व एडीएम जयप्रकाश ने सर्किट हाउस पहुंचे। किसान नेताओं से वार्ता की, जो विफल रही।
11 सितम्बर 2017
इस दिन किसान सडक़ों पर उतर आए। जिलेभर में 361 से ज्यादा जगहों पर चक्का जाम कर दिया। सीकर के साथ-साथ 6 पड़ोसी जिले भी प्रभावित हुए। सरकार से वार्ता फिर विफल।
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12 सितम्बर 2017
सीकर किसान आंदोलन के समर्थन पूरा प्रदेश बंद करवाया गया। शाम पांच किसानों के प्रतिनिधिमंडल को सरकार ने वार्ता के लिए जयपुर बुलाया। वार्ता बेनतीजा रही।
13 सितम्बर 2017
किसानों ने लगातार तीसरे दिन भी चक्का जाम रखा। सरकार से दोपहर एक बजे फिर किसानों के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता शुरू हुई।
चक्का जाम कल 14 सितम्बर को भी यथावत बने रहने के आसार हैं। कर्ज माफ़ी और स्वामीनाथन पर नहीं बनी सहमति। कल 3 बजे एक और मीटिंग होने का प्रस्ताव।
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