श्रीमाधोपुर: स्थानीय रोडवेज डिपो की खस्ताहाल रोडवेज बसों को सड़कों पर दौड़ाया जा रहा है। आए दिन ऐसी बसें कहीं भी खराब होकर खड़ी हो जाती हैं। जिसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। रोडवेज डिपो में 85 बसें हैं। इनमें से दो गाडियां लंबे समय से ब्रेक डाउन हैं। संचालित होने वाली गाड़ियों मेंसे कई बसें खस्ताहाल में हैं। इससे रोडवेज बसों में सफर करना आसान नहीं है। कोई बस रास्ते मेंपंक्चर हो जाए या टायर फट जाए तो उस बस को रास्ते में वहीं पर ही रोकना पड़ता है। कई बसों में स्टेपनी के अभाव में टायर बदलना भी संभव नहीं हो पाता।
ज्यादातर खस्ताहाल बसें, यात्रियों को परेशानी डिपो की ज्यादातर बसों की हालत खस्ता है। पिछले तीन महीनों में 17 बसें कंडम हालत में थी। महज सात को कंडम घोषित किया गया। वहीं 10 बसों की कंडम हालत होने के बावजूद इन्हें जबरन चलाया जा रहा है। इस संबंध में जब रोडवेज चीफ अब्दुल कलाम से बात की गई तो उनका कहना था कि अनुबंधित गाड़ियां विभाग से नहीं मिलने के कारण मजबूरी में 10 कंडम बसों को चलाना पड़ रहा है।
सवारियां होती हैं परेशान
राजस्थान रोडवेज की स्थिति कंडम और पुरानी बसों के कारण और ज्यादा दयनीय हो रही है। अधिकतर बसें खराब होने का खामियाजा सवारियों को भुगतना पड़ता है। इसी महीने 10 अगस्त को सुबह सात बजकर 20 मिनट पर श्रीमाधोपुर डिपो की बस सवारियों को लेकर श्रीमाधोपुर से जयपुर के लिए रवाना हुई। जयपुर के पास बस खराब हो गई। इसी दिन दूसरी बस वर्कशाॅप में ही खराब होने के कारण जयपुर से झुंझुनूं का शेड्यूडल फेल हो गया। दोनों बसों के खराब होने के कारण जहां जयपुर में यात्रियों को परेशान होना पड़ा।
कस्बे के बस स्टैंड पर कई बार ऐसी स्थिति बनती रहती है। आए दिन यात्री परेशान होते हैं।
इस पुरे मामले पर रोडवेज बस स्टैंड चीफ अब्दुल कलाम का कहनाहै कि करीब आधा दर्जन से ज्यादा बसों की कमी है तथा नई बसों के आने पर जो 10 बसें खस्ताहाल स्थिति में चल रही हैं। उन बसों को कंडम घोषित कर दिया जाएगा। रोडवेज बस स्टैंड परिसर से अगर निजी बसें सवारियां उठा रही हैं मामले में कार्रवाई की जाएगी।
टेक्निकल मैकेनिक के पद रिक्त चल रहे हैं
श्रीमाधोपुर रोडवेज आगार में टेक्निकल मैकेनिक का पद काफी दिनों से रिक्त है। ऐसे में टेक्निकल मैकेनिक नहीं होने के कारण भी बसों के रखरखाव में परेशानी आ रही है। वर्कशॉप में 75 कर्मचारियों में से महज 23 पदस्थापित हैं। बसों के पार्ट्स भी पर्याप्त मात्रा में नहीं होने के कारण ज्यादा खराब बसों को सेंट्रल वर्कशॉप जोधपुर भेजना पड़ रहा है।
इससे बसों का शेड्यूल भी आए दिन प्रभावित हो रहा है। बस स्टैंड से निजी बसें बैठाती हैं सवारियां रोडवेज बस स्टैंड परिसर में रोडवेज डिपो की लापरवाही सामने आ रही है। जहां निजी बसों का रोडवेज बस स्टैंड सीमा में प्रवेश वर्जित है, लेकिन श्रीमाधोपुर बस डिपो परिसर से निजी बसों द्वारा सवारियां बैठाई जा रही हैं। इससे रोडवेज को राजस्व का घाटा हो रहा है।
डिपो में बसों की संख्या घटकर हुई 83
रोडवेज निगम के श्रीमाधोपुर डिपो में पहले से ही बसों की कमी होने के कारण क्षेत्र के लोगों को बेहतर सुविधाओं के लिए तरसना पड़ रहा है। पूर्व में बसों की संख्या करीब एक सौ थी। इनमें से पांच मिनी बसें स्थानांतरित होने तथा पिछले साल दिसंबर से लेकर अब तक 12 बसों के कंडम होने के बाद यात्रियों की परेशानी में बढ़ोतरी होना तय है। मुख्य मार्गों के चक्करों की संख्या भी घट गई है।
Source- Neemkathana Bhaskar
File photo- Neemkathana Bhaskar
ज्यादातर खस्ताहाल बसें, यात्रियों को परेशानी डिपो की ज्यादातर बसों की हालत खस्ता है। पिछले तीन महीनों में 17 बसें कंडम हालत में थी। महज सात को कंडम घोषित किया गया। वहीं 10 बसों की कंडम हालत होने के बावजूद इन्हें जबरन चलाया जा रहा है। इस संबंध में जब रोडवेज चीफ अब्दुल कलाम से बात की गई तो उनका कहना था कि अनुबंधित गाड़ियां विभाग से नहीं मिलने के कारण मजबूरी में 10 कंडम बसों को चलाना पड़ रहा है।
सवारियां होती हैं परेशान
राजस्थान रोडवेज की स्थिति कंडम और पुरानी बसों के कारण और ज्यादा दयनीय हो रही है। अधिकतर बसें खराब होने का खामियाजा सवारियों को भुगतना पड़ता है। इसी महीने 10 अगस्त को सुबह सात बजकर 20 मिनट पर श्रीमाधोपुर डिपो की बस सवारियों को लेकर श्रीमाधोपुर से जयपुर के लिए रवाना हुई। जयपुर के पास बस खराब हो गई। इसी दिन दूसरी बस वर्कशाॅप में ही खराब होने के कारण जयपुर से झुंझुनूं का शेड्यूडल फेल हो गया। दोनों बसों के खराब होने के कारण जहां जयपुर में यात्रियों को परेशान होना पड़ा।
कस्बे के बस स्टैंड पर कई बार ऐसी स्थिति बनती रहती है। आए दिन यात्री परेशान होते हैं।
इस पुरे मामले पर रोडवेज बस स्टैंड चीफ अब्दुल कलाम का कहनाहै कि करीब आधा दर्जन से ज्यादा बसों की कमी है तथा नई बसों के आने पर जो 10 बसें खस्ताहाल स्थिति में चल रही हैं। उन बसों को कंडम घोषित कर दिया जाएगा। रोडवेज बस स्टैंड परिसर से अगर निजी बसें सवारियां उठा रही हैं मामले में कार्रवाई की जाएगी।
टेक्निकल मैकेनिक के पद रिक्त चल रहे हैं
श्रीमाधोपुर रोडवेज आगार में टेक्निकल मैकेनिक का पद काफी दिनों से रिक्त है। ऐसे में टेक्निकल मैकेनिक नहीं होने के कारण भी बसों के रखरखाव में परेशानी आ रही है। वर्कशॉप में 75 कर्मचारियों में से महज 23 पदस्थापित हैं। बसों के पार्ट्स भी पर्याप्त मात्रा में नहीं होने के कारण ज्यादा खराब बसों को सेंट्रल वर्कशॉप जोधपुर भेजना पड़ रहा है।
इससे बसों का शेड्यूल भी आए दिन प्रभावित हो रहा है। बस स्टैंड से निजी बसें बैठाती हैं सवारियां रोडवेज बस स्टैंड परिसर में रोडवेज डिपो की लापरवाही सामने आ रही है। जहां निजी बसों का रोडवेज बस स्टैंड सीमा में प्रवेश वर्जित है, लेकिन श्रीमाधोपुर बस डिपो परिसर से निजी बसों द्वारा सवारियां बैठाई जा रही हैं। इससे रोडवेज को राजस्व का घाटा हो रहा है।
डिपो में बसों की संख्या घटकर हुई 83
रोडवेज निगम के श्रीमाधोपुर डिपो में पहले से ही बसों की कमी होने के कारण क्षेत्र के लोगों को बेहतर सुविधाओं के लिए तरसना पड़ रहा है। पूर्व में बसों की संख्या करीब एक सौ थी। इनमें से पांच मिनी बसें स्थानांतरित होने तथा पिछले साल दिसंबर से लेकर अब तक 12 बसों के कंडम होने के बाद यात्रियों की परेशानी में बढ़ोतरी होना तय है। मुख्य मार्गों के चक्करों की संख्या भी घट गई है।
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