आनन्दपाल सिंह के एनकाउंटर के बाद से राजपूत समाज और सरकार के बीच तनाव का बना रहा है। यह तनाव अब और गहराता जा रहा है क्योंकि अब एक ओर एनकाउंटर हुआ है जिसमें भीमसिंह सिंह भाटी को पुलिस ने मार गिराया है। राजपूत समाज इस एनकाउंटर को फर्जी बताकर हत्या करार दे रहे हैं।
गौरतलब है कि राजस्थान के एक व्यापारी से करोड़ों रुपए की लूट के मामले में भीम सिंह भाटी की गिरफ्तारी के लिए आन्ध्रप्रदेश की पुलिस जालौर के सांचोर कस्बे दबिश दी थी। शुक्रवार दोपहर आंध्रप्रदेश पुलिस ने भीमसिंह का एनकाउंटर किया।
परिजनों ने बॉडी लेने से किया इंकार
एनकाउंटर के बाद अब स्थति यह बन गई है कि उसके शव को परिजन नहीं लेने के लिए अड़ गए हैं। पुलिस अफसर बहरहाल बातचीत पर भरोसा जता रहे हैं। वहीं दूसरी और परिजनों का कहना है कि एनकाउंटर चलती गाड़ी में नहीं हुआ था, उसे रोका गया और बाद गोलियां मारी गई। भीमसिंह सिंह भाटी के परिजनों का कहना है कि भीमसिंह सरेंडर करना चाहता था लेकिन पुलिस ने गोली मार दी।
यहाँ पर आपको बता दे कि इस बारे में जालौर व राजस्थान पुलिस को भी सूचना नहीं देने की बात सामने आई है। पुलिस टीम जब भाटी की कार का पीछा कर रही थी तो एक महिला भी वाहनों की चपेट में आ गई जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
आंध्रप्रदेश पुलिस ने माना मोस्ट वांटेड
पुलिस के मुताबिक, भीमसिंह के खिलाफ आंध्रप्रदेश में लूट, मारपीट और हत्या के अनेक मामले दर्ज है । इसी के चलते भागलभीम निवासी भीमसिंह को आंध्रप्रदेश ने वांटेड कैटेगरी में था, जो काफी लम्बे समय से फरार चल रहा था।
स्थानीय पुलिस के मुताबिक आंध्र प्रदेश की पुलिस टीम ने स्थानीय पुलिस से इस बाबत कोई संपर्क नहीं किया। उन्हें एनकाउंटर की जानकारी तब लगी जब पुलिस को इलाके में फायरिंग की सूचना मिली। यह भी बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र पुलिस को भी किसी आपराधिक वारदात में भीमसिंह की तलाश थी।
भीम सिंह भाटी के खिलाफ 15 मामले दर्ज
भीनमाल पुलिस के हाथों एनकाउण्टर में मारे गए भीमसिंह उर्फ राजुसिंह पुत्र शंभुसिंह के खिलाफ भीनमाल थाने में भी 15 वारदात के मामले दर्ज है। इसलिए पुलिस ने इसे भीनमाल थाने की हिस्ट्रीशीटर लिस्ट में शामिल कर रखा था। पुलिस निरीक्षक कैलाशचन्द्र मीणा के मुताबिक भीमसिंह उर्फ राजुसिंह के खिलाफ लूट, मारपीट, वाहन चोरी, प्राणघातक हमला और अवैध हथियार सहित 15 मामले दर्ज है।
भीम सिंह के खिलाफ मामले एक नजर में
2014 में भीमसिंह महाराष्ट्र पुलिस पर झाब थानेा क्षेत्र में फायरिंग की थी, तब पुलिस ने उसे अवैध देशी कट्टे के साथ गिरफ्तार किया था। आरोपी के खिलाफ 2009 में एक, 2010 में तीन, 2011 में दो, 2012 में चार, 2013 में दो व 2014 में विभिन्न धाराओं में तीन मामले दर्ज है।
.
बहरहाल, राजपूत समाज इस मामले को लेकर संगठित हो रहा है। सरकार और लोगो के बीच तनाव भी काफी बढ़ता जा रहा है। राजपूतो की माँग है कि आन्ध्रा पुलिस के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाए। जिसमें सियासी दखलअंदाजी भी होने की संभावना जतायी जा रही है। आगे क्या होता है यह तो वक्त ही बताएगा पर एक बात सच है कि जिले सहित भीनमाल में सुस्त पडी जातिगत सियासत में गर्माहट आना तय माना जा रहा है।
Source-Marwad patrika
परिजनों ने बॉडी लेने से किया इंकार
एनकाउंटर के बाद अब स्थति यह बन गई है कि उसके शव को परिजन नहीं लेने के लिए अड़ गए हैं। पुलिस अफसर बहरहाल बातचीत पर भरोसा जता रहे हैं। वहीं दूसरी और परिजनों का कहना है कि एनकाउंटर चलती गाड़ी में नहीं हुआ था, उसे रोका गया और बाद गोलियां मारी गई। भीमसिंह सिंह भाटी के परिजनों का कहना है कि भीमसिंह सरेंडर करना चाहता था लेकिन पुलिस ने गोली मार दी।
यहाँ पर आपको बता दे कि इस बारे में जालौर व राजस्थान पुलिस को भी सूचना नहीं देने की बात सामने आई है। पुलिस टीम जब भाटी की कार का पीछा कर रही थी तो एक महिला भी वाहनों की चपेट में आ गई जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
Source- Google
राजपूत समाज और लोगो ने एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए दोषी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए जालौर हाईवे जाम कर धरने पर बैठ गए। तनाव की सूचना पर जालौर एसपी सहित आला अफसर मौके पर पहुंचे। धरने पर बैठे लोगों को अफसरों ने समझाइश की। लेकिन वे नहीं मानें।आंध्रप्रदेश पुलिस ने माना मोस्ट वांटेड
पुलिस के मुताबिक, भीमसिंह के खिलाफ आंध्रप्रदेश में लूट, मारपीट और हत्या के अनेक मामले दर्ज है । इसी के चलते भागलभीम निवासी भीमसिंह को आंध्रप्रदेश ने वांटेड कैटेगरी में था, जो काफी लम्बे समय से फरार चल रहा था।
स्थानीय पुलिस के मुताबिक आंध्र प्रदेश की पुलिस टीम ने स्थानीय पुलिस से इस बाबत कोई संपर्क नहीं किया। उन्हें एनकाउंटर की जानकारी तब लगी जब पुलिस को इलाके में फायरिंग की सूचना मिली। यह भी बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र पुलिस को भी किसी आपराधिक वारदात में भीमसिंह की तलाश थी।
भीम सिंह भाटी के खिलाफ 15 मामले दर्ज
भीनमाल पुलिस के हाथों एनकाउण्टर में मारे गए भीमसिंह उर्फ राजुसिंह पुत्र शंभुसिंह के खिलाफ भीनमाल थाने में भी 15 वारदात के मामले दर्ज है। इसलिए पुलिस ने इसे भीनमाल थाने की हिस्ट्रीशीटर लिस्ट में शामिल कर रखा था। पुलिस निरीक्षक कैलाशचन्द्र मीणा के मुताबिक भीमसिंह उर्फ राजुसिंह के खिलाफ लूट, मारपीट, वाहन चोरी, प्राणघातक हमला और अवैध हथियार सहित 15 मामले दर्ज है।
भीम सिंह के खिलाफ मामले एक नजर में
2014 में भीमसिंह महाराष्ट्र पुलिस पर झाब थानेा क्षेत्र में फायरिंग की थी, तब पुलिस ने उसे अवैध देशी कट्टे के साथ गिरफ्तार किया था। आरोपी के खिलाफ 2009 में एक, 2010 में तीन, 2011 में दो, 2012 में चार, 2013 में दो व 2014 में विभिन्न धाराओं में तीन मामले दर्ज है।
.
बहरहाल, राजपूत समाज इस मामले को लेकर संगठित हो रहा है। सरकार और लोगो के बीच तनाव भी काफी बढ़ता जा रहा है। राजपूतो की माँग है कि आन्ध्रा पुलिस के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाए। जिसमें सियासी दखलअंदाजी भी होने की संभावना जतायी जा रही है। आगे क्या होता है यह तो वक्त ही बताएगा पर एक बात सच है कि जिले सहित भीनमाल में सुस्त पडी जातिगत सियासत में गर्माहट आना तय माना जा रहा है।