दो बहनों की शादी, फेरों के बाद एक की बिगड़ी तबीयत, इलाज के दौरान मौत, बड़ी बहन की विदाई के बाद छोटी बहन का किया अंतिम संस्कार
अजीतगढ़: बुर्जा की ढाणी में रविवार रात को दो बहनों की शादी हुई। सुबह विदाई होनी थी। लेकिन सोमवार को छोटी बहन की डोली उठने के बजाय उठी अर्थी। जानकारी के मुताबिक बुर्जा की ढाणी निवासी कजोड़मल बलाई की बड़ी बेटी कौशल्या (21) व छोटी बेटी संतोष (20) की रविवार को शादी थी। शाम करीब आठ बजे शाहपुरा के चिमनपुरा निवासी बाबूलाल बलाई अपने दोनों बेटों की बारात लेकर गांव पहुंचे। बेटे विनोद का संतोष से व विक्रम का कौशल्या के साथ रिश्ता तय हुआ था।
गांव में बारात आने पर परिजनों व ग्रामीणों ने बारातियों का स्वागत किया। रात करीब 11 बजे फेरे शुरू हो गए, जो रात ढाई बजे संपन्न हुए। फेरों के दौरान संतोष को चक्कर खाकर गिर पड़ी तथा बुखार की शिकायत हुई। रात करीब तीन बजे तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर परिजन संतोष को अजीतगढ़ के गीतांजली अस्पताल लेकर पहुंचे। सुबह करीब पांच बजे संतोष ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।
बड़ी बहन को बताया-संतोष की तबीयत खराब है, इलाज चल रहा है
संतोष की मौत की खबर से पूरा परिवार टूट गया। शादी की खुशियाँ कुछ ही देर में मातम में बदल गई। संतोष की मौत के बारे में बड़ी बेटी कौशल्या को नहीं बताया गया। बड़ी बेटी को विदा करना था, इसलिए परिजनों ने आंसुओं को दबाए रखा।
बड़ी बेटी कौशल्या बार-बार छोटी बहन संतोष के बारे में पूछ रही थी। परिजनों द्वारा उसे बताया कि संतोष की उसकी तबियत खराब है, उसे अस्पताल में भर्ती कर लिया गया है, और इलाज चल रहा है।
सोमवार सुबह करीब आठ बजे कौशल्या की विदाई की गई। इस दौरान संतोष की अर्थी को घर के बाहर दूसरे स्थान पर रखा। बड़ी बेटी की डोली विदा होने के बाद छोटी बेटी संतोष की अर्थी को घर में लाया गया। पूरे गांव में मातम छा गया। संतोष की मौत के बारे में सुनकर गांव व आस पास की ढाणियों के सैकड़ों लोग कजोड़मल के घर एकत्रित हो गए।
सोमवार दाेपहर करीब तीन बजे संतोष का अंतिम संस्कार हुआ। जिसमें बड़ी संख्या में गांव के लोग मौजूद रहे। छोटे भाई महेंद्र उर्फ राेहिताश ने बहन संतोष को मुखाग्नि दी। कजोड़मल के संतोष के अलावा तीन पुत्री व दो बेटे कानाराम व महेंद्र हैं। कजोड़मल ईट-भट्टों पर मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करते हैं। पहले दो बेटियों की शादी कर चुका व दो बेटियों की शादी रविवार को थी। ग्रामीणों ने बताया कि कजोड़मल काफी समय से बेटियों की शादी में जुटे हुए थे।
अजीतगढ़: बुर्जा की ढाणी में रविवार रात को दो बहनों की शादी हुई। सुबह विदाई होनी थी। लेकिन सोमवार को छोटी बहन की डोली उठने के बजाय उठी अर्थी। जानकारी के मुताबिक बुर्जा की ढाणी निवासी कजोड़मल बलाई की बड़ी बेटी कौशल्या (21) व छोटी बेटी संतोष (20) की रविवार को शादी थी। शाम करीब आठ बजे शाहपुरा के चिमनपुरा निवासी बाबूलाल बलाई अपने दोनों बेटों की बारात लेकर गांव पहुंचे। बेटे विनोद का संतोष से व विक्रम का कौशल्या के साथ रिश्ता तय हुआ था।
गांव में बारात आने पर परिजनों व ग्रामीणों ने बारातियों का स्वागत किया। रात करीब 11 बजे फेरे शुरू हो गए, जो रात ढाई बजे संपन्न हुए। फेरों के दौरान संतोष को चक्कर खाकर गिर पड़ी तथा बुखार की शिकायत हुई। रात करीब तीन बजे तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर परिजन संतोष को अजीतगढ़ के गीतांजली अस्पताल लेकर पहुंचे। सुबह करीब पांच बजे संतोष ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।
बड़ी बहन को बताया-संतोष की तबीयत खराब है, इलाज चल रहा है
संतोष की मौत की खबर से पूरा परिवार टूट गया। शादी की खुशियाँ कुछ ही देर में मातम में बदल गई। संतोष की मौत के बारे में बड़ी बेटी कौशल्या को नहीं बताया गया। बड़ी बेटी को विदा करना था, इसलिए परिजनों ने आंसुओं को दबाए रखा।
बड़ी बेटी कौशल्या बार-बार छोटी बहन संतोष के बारे में पूछ रही थी। परिजनों द्वारा उसे बताया कि संतोष की उसकी तबियत खराब है, उसे अस्पताल में भर्ती कर लिया गया है, और इलाज चल रहा है।
सोमवार सुबह करीब आठ बजे कौशल्या की विदाई की गई। इस दौरान संतोष की अर्थी को घर के बाहर दूसरे स्थान पर रखा। बड़ी बेटी की डोली विदा होने के बाद छोटी बेटी संतोष की अर्थी को घर में लाया गया। पूरे गांव में मातम छा गया। संतोष की मौत के बारे में सुनकर गांव व आस पास की ढाणियों के सैकड़ों लोग कजोड़मल के घर एकत्रित हो गए।
सोमवार दाेपहर करीब तीन बजे संतोष का अंतिम संस्कार हुआ। जिसमें बड़ी संख्या में गांव के लोग मौजूद रहे। छोटे भाई महेंद्र उर्फ राेहिताश ने बहन संतोष को मुखाग्नि दी। कजोड़मल के संतोष के अलावा तीन पुत्री व दो बेटे कानाराम व महेंद्र हैं। कजोड़मल ईट-भट्टों पर मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करते हैं। पहले दो बेटियों की शादी कर चुका व दो बेटियों की शादी रविवार को थी। ग्रामीणों ने बताया कि कजोड़मल काफी समय से बेटियों की शादी में जुटे हुए थे।