ई दिल्ली- दिल्ली-एनसीआर में इस बार दिवाली पर पटाखे नहीं बिकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने 31 अक्टूबर तक यहां पटाखे बेचने पर रोक लगा दी है। हालांकि, पटाखे फोड़ने पर यह रोक नहीं है। एक नवंबर से कुछ शर्तों के अंतर्गत ही पटाखे बेचने की इजाजत होगी।
जस्टिस एके सिकरी का तर्क
जस्टिस एके सिकरी ने कहा है कि "हम देखना चाहते हैं कि पटाखा बिक्री पर रोक से दिवाली के समय वायु प्रदूषण पर कितना असर पड़ता है। दिवाली के बाद एयर क्वालिटी रिपोर्ट को देखने के बाद आगे की सुनवाई करेंगे।" -जस्टिस एके सिकरी
आगे अब दो विकल्प और 4 दिन का समय
चार दिन बाद सुप्रीम कोर्ट में 22 अक्टूबर तक छुट्टी हो जाएगी। अदालत 13 अक्टूबर तक लगेगी।
तीन साल पहले 2015 में तीन बच्चों आरव, अर्जुन और जोया ने परिजनों के जरिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी। कहा कि दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। उन्हें साफ हवा में सांस लेने का अधिकार है।
दिवाली जैसे त्योहारों पर पटाखों की बिक्री पर रोक लगाई जाए। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पिछले साल 11 नवंबर को पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी। इस साल 12 सितंबर को इसमें छूट दी गई। पर बच्चेफिर कोर्ट पहुंच गए। इसके बाद नया आदेश आया।
जयपुर के संभागीय आयुक्त राजेश्वर सिंह का इस मामले पर क्या कहना है।
जेश्वर सिंह ने कहा कि फैसले के अध्ययन के बाद ही कुछ कह सकेंगे। 1 नवंबर से ये शर्तें होंगी लागू की जाएँगी।
बिना पटाखे दिवाली, बिना ट्री के क्रिसमस जैसी बिना पटाखे फोड़ेदिवाली मनाना ठीक वैसा ही होगा जैसे बिना ट्री के क्रिसमस और बकरे की कुर्बानी दिए बगैर बकरीद मनाना। -चेतन भगत, लेखक
दिवाली पर पटाखे फोड़ने पर पाबंदी के फैसले से परेशानी बढ़ेगी। देखादेखी अन्य पर्वों को प्रभावित करने की कोेशिश हाेगी। -शेखर गुप्ता, पत्रकार
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सुप्रीम कोर्ट ने डेढ़ से दो साल की उम्र के तीन बच्चों की याचिका पर सोमवार को अपना फैसला सुनाया। हालांकि कोर्ट ने साफ किया कि 12 सितंबर का फैसला बदला नहीं है। 1 नवंबर से वही लागू होगा। एनसीआर क्षेत्र में राजस्थान के अलवर व भरतपुर जिले के हिस्से आते हैं।जस्टिस एके सिकरी का तर्क
जस्टिस एके सिकरी ने कहा है कि "हम देखना चाहते हैं कि पटाखा बिक्री पर रोक से दिवाली के समय वायु प्रदूषण पर कितना असर पड़ता है। दिवाली के बाद एयर क्वालिटी रिपोर्ट को देखने के बाद आगे की सुनवाई करेंगे।" -जस्टिस एके सिकरी
आगे अब दो विकल्प और 4 दिन का समय
चार दिन बाद सुप्रीम कोर्ट में 22 अक्टूबर तक छुट्टी हो जाएगी। अदालत 13 अक्टूबर तक लगेगी।
- पहला विकल्प : कोर्ट के समक्ष पुनर्विचार याचिका दायर कर फैसले में बदलाव की मांग की जा सकती है
- दूसरा विकल्प : कारोबारी फैसले में संशोधन कर कुछ राहत देने की मांग कर सकते हैं। इसके लिए फौरन सुनवाई की मांग करनी होगी।
तीन साल पहले 2015 में तीन बच्चों आरव, अर्जुन और जोया ने परिजनों के जरिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी। कहा कि दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। उन्हें साफ हवा में सांस लेने का अधिकार है।
दिवाली जैसे त्योहारों पर पटाखों की बिक्री पर रोक लगाई जाए। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पिछले साल 11 नवंबर को पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी। इस साल 12 सितंबर को इसमें छूट दी गई। पर बच्चेफिर कोर्ट पहुंच गए। इसके बाद नया आदेश आया।
जयपुर के संभागीय आयुक्त राजेश्वर सिंह का इस मामले पर क्या कहना है।
जेश्वर सिंह ने कहा कि फैसले के अध्ययन के बाद ही कुछ कह सकेंगे। 1 नवंबर से ये शर्तें होंगी लागू की जाएँगी।
- साइलेंस जोन के 100 मीटर दायरे में पटाखे नहीं फोड़े जाएंगे।
- दिल्ली में जिनके पास पटाखे हैं, वो माल बेच सकेंगे या बाहर भेज सकेंगे।
- अगले आदेश तक दिल्ली- एनसीआर में दूसरे राज्यों से पटाखे नहीं आएंगे।
ट्विटर प्रतिक्रिया
बिना पटाखे दिवाली, बिना ट्री के क्रिसमस जैसी बिना पटाखे फोड़ेदिवाली मनाना ठीक वैसा ही होगा जैसे बिना ट्री के क्रिसमस और बकरे की कुर्बानी दिए बगैर बकरीद मनाना। -चेतन भगत, लेखक
दिवाली पर पटाखे फोड़ने पर पाबंदी के फैसले से परेशानी बढ़ेगी। देखादेखी अन्य पर्वों को प्रभावित करने की कोेशिश हाेगी। -शेखर गुप्ता, पत्रकार