सीकर- एसके अस्पताल के डॉक्टरो ने तो सारी हदें ही पार कर दी। उनके पास शर्म नाम की कोई चीज ही नहीं बची है। लोग डॉक्टरो का दूसरा रूप भगवान मानते आये है लेकिन कल एसके अस्पताल में उनका दूसरा ही रूप नजर आया।
नशा मुक्ति के लिए आयोजित रैली को हरी झंडी दिखाने आए सीएमएचओ डॉ. विष्णु मीणा के साथ अस्पताल के डाक्टरों ने धक्का-मुक्की ही नहीं की बल्कि उनकी कार्यक्रम में उपस्थति को तो पूरी तरह से ही गलत ठहरा दिया ।
इसी दौरान पीएमओ डॉ. एसके शर्मा गश खाकर जमीन पर गिर गए। उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया। डिप्टी कंट्रोलर डॉ. हरिसिंह व विधायक रतन जलधारी ने सीएमएचओ व डॉक्टरों को अलग कराया। इसके बाद डॉक्टरों ने जो नाटक किया वो शर्मनाक था।
डाक्टरों ने कार्य का बहिष्कार घोषित कर दिया और 5 घंटे तक कार्य नहीं किया। एसके अस्पताल से गुरुवार को नशा मुक्ति रैली को विधायक रतनलाल जलधारी, सीएमएचओ और कलेक्टर नरेश ठकराल को हरी झंडी दिखानी थी। सीएमएचओ और विधायक सुबह नौ बजे अस्पताल पहुंच गए।
कलेक्टर का इंतजार किया जा रहा था। इस बीच वहां एसके अस्पताल सेवारत चिकित्सक इकाई के अध्यक्ष डॉ. मनीष शर्मावहां पहुंचे। उनके साथ डॉ. जितेंद्र भूरिया भी थे। वे कलेक्टर से आरोपियों की गिरफ्तारी के संबंध में चर्चा करना चाहते थे। इस दौरान विधायक रतनलाल जलधारी और सीएमएचओ के बीच भी नोकझोंक हुई। कलेक्टर ने मामले को शांत कराया।
5 घंटे तक किया कार्य का बहिष्कार
नशा मुक्ति के लिए आयोजित रैली को हरी झंडी दिखाने आए सीएमएचओ डॉ. विष्णु मीणा के साथ अस्पताल के डाक्टरों ने धक्का-मुक्की ही नहीं की बल्कि उनकी कार्यक्रम में उपस्थति को तो पूरी तरह से ही गलत ठहरा दिया ।
इसी दौरान पीएमओ डॉ. एसके शर्मा गश खाकर जमीन पर गिर गए। उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया। डिप्टी कंट्रोलर डॉ. हरिसिंह व विधायक रतन जलधारी ने सीएमएचओ व डॉक्टरों को अलग कराया। इसके बाद डॉक्टरों ने जो नाटक किया वो शर्मनाक था।
डाक्टरों ने कार्य का बहिष्कार घोषित कर दिया और 5 घंटे तक कार्य नहीं किया। एसके अस्पताल से गुरुवार को नशा मुक्ति रैली को विधायक रतनलाल जलधारी, सीएमएचओ और कलेक्टर नरेश ठकराल को हरी झंडी दिखानी थी। सीएमएचओ और विधायक सुबह नौ बजे अस्पताल पहुंच गए।
कलेक्टर का इंतजार किया जा रहा था। इस बीच वहां एसके अस्पताल सेवारत चिकित्सक इकाई के अध्यक्ष डॉ. मनीष शर्मावहां पहुंचे। उनके साथ डॉ. जितेंद्र भूरिया भी थे। वे कलेक्टर से आरोपियों की गिरफ्तारी के संबंध में चर्चा करना चाहते थे। इस दौरान विधायक रतनलाल जलधारी और सीएमएचओ के बीच भी नोकझोंक हुई। कलेक्टर ने मामले को शांत कराया।
5 घंटे तक किया कार्य का बहिष्कार
- सुबह 9.00 बजे : मंगलवार को व्यक्ति की मौत के मामले में डॉक्टरों से मारपीट करने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर हड़ताल पर चले गए। दिनभर मरीजों को छोड़कर पीएमओ चैम्बर में रणनीति बनाते रहे।
- दोपहर 12.45 बजे : पुलिस ने सूचना दी कि दो आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। इसलिए मरीजों का इलाज शुरू कर दें। डॉक्टरों ने कहा कि गिरफ्त में लिए दोनों आरोपियों को हम देखेंगे, इसके बाद काम पर लौटने का फैसला होगा। पुलिस ने दोनों आरोपियों को दिखाने की सहमति दे दी।
- 1.00 बजे : डॉ. जितेंद्र भूरिया और डॉ. विकास अग्रवाल कोतवाली पहुंचे। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों और डॉक्टरों का आमना-सामना कराया। इसके बाद वे दोनों कोतवाली से लौटकर पीएमओ चैंबर पहुंचे। मारपीट के आरोपियों की गिरफ्तारी की पुष्टि की।
- 2.00 बजे : डॉक्टरों ने इसके बाद कार्य बहिष्कार छोड़कर आउटडोर में पहुंचने का फैसला किया। इसके बाद आउटडोर में मरीजों का चैकअप शुरू किया।
- भरोसा : भरोसा टूट चुका हैं। क्योंकि-4200 मरीजों को बिना इलाज के लौटना पड़ा।
- उम्मीद : उम्मीद नहीं बची है। क्योंकि-दो दिन में तीन मरीजों की जान चली गई।
- सम्मान : अब शायद ही मरीज कर पाए। क्योंकि-लगातार मरीजों की मौत के बाद भी जिद पर अड़े रहे।
- धर्म : डॉक्टर धर्म निभाने की कसम तोड़ चुके हैं। मरीजों काे तड़पता छोड़ कार्यबहिष्कार कर रहे हैं।
- डॉक्टर क्यों भूल जाते हैं : 1 डॉक्टर तैयार करने में जनता से टैक्स में मिले 70 लाख रु. खर्च होते हैं।
Source- Dainik Bhaskar