सीकर- एसके अस्पताल के मेल मेडिकल वार्ड में मंगलवार रात 10:30 बजे के करीब एक मरीज श्रवण कुमार की इलाज के दौरान मौत हो गई। श्रवण के परिजन नाराजगी के साथ मोहल्ले के अन्य लोगों को लेकर अस्पताल में एकत्रित हो गए।
उनका आरोप था कि डॉक्टर रघुनाथप्रसाद चौधरी ने चैकअप व इलाज नहीं किया। इसके चलते श्रवण मौत हो गई। उधर, डॉक्टर का कहना है कि परिजनों ने उस पर हमला कर दिया।
अस्पताल में रात 10:30 बजे शुरू हुआ विवाद, रात 3:00 बजे तक चलता रहा
इस विवाद के चलते डॉक्टरों ने रात 11:45 बजे कार्य बहिष्कार की घोषणा कर दी। कुछ ही देर में अस्पताल में अराजकता का माहौल बन गया। पुलिस अधिकारी मौके पर समझाइश में लगे रहे, लेकिन डॉक्टर मानने को तैयार ही नहीं थे। हद तो तब हो गई जब इलाज के लिए कोई मरीज यहां आ रहा था तब डॉक्टर कह रहे थे कि यहां मत आओ, थाने में जाकर अपना इलाज कराओ।
मर्तक के भाई को कमरे में किया बंद
पुलिस ने डॉक्टरों से शांति से मामला निपटाने की बात कही तो पीएमओ बोले, मरीज तो रोज ही मरते रहेंगे, प्यार-व्यार कुछ नहीं, सबक सिखाना जरूरी है। इस बीच, मृतक श्रवण कुमार के भाई को डॉक्टरों ने ड्यूटी रूम में बंद किया, गाली-गलौज और बदसलूकी भी की।
पुलिस ने मामले में हस्तक्षेप किया तो डॉक्टर भिड़ गए, कहा परिजनों को गिरफ्तार करो, यहां पर दरबार मत लगाओ, यहां तो ऐसे ही चलता रहेगा। इसके बाद दोनों पक्ष कलेक्टर के बंगले पर पहुंचे और अपनी अपनी बात कही।
परिजन लगाते रहे गुहार
वार्ड 19 निवासी श्रवण कुमार पुत्र बन्नालाल को सीने में दर्द की शिकायत हुई। दोपहर को इलाज के लिए ट्रोमा में लाया गया। यहां से मेल मेडिकल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। श्रवण की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। इस दौरान परिजन करीब डेढ़ घंटे तक डॉक्टर से इलाज की गुहार लगाते रहे, लेकिन ध्यान नहीं दिया।
रात 10:30 बजे इलाज के दौरान श्रवण की मौत हो गई। मरीज के परिजन डॉक्टर रघुनाथप्रसाद चौधरी से उलझ पड़े। झगड़े के दौरान एक परिजन ने डॉक्टर से धक्का- मुक्की भी की। पानी की बोतल फेंक दी। कुछ ही देर में अस्पताल अधीक्षक एसके शर्मा और सीएमएचओ डॉ. विष्णु मीणा भी पहुंचे।
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उनका आरोप था कि डॉक्टर रघुनाथप्रसाद चौधरी ने चैकअप व इलाज नहीं किया। इसके चलते श्रवण मौत हो गई। उधर, डॉक्टर का कहना है कि परिजनों ने उस पर हमला कर दिया।
अस्पताल में रात 10:30 बजे शुरू हुआ विवाद, रात 3:00 बजे तक चलता रहा
इस विवाद के चलते डॉक्टरों ने रात 11:45 बजे कार्य बहिष्कार की घोषणा कर दी। कुछ ही देर में अस्पताल में अराजकता का माहौल बन गया। पुलिस अधिकारी मौके पर समझाइश में लगे रहे, लेकिन डॉक्टर मानने को तैयार ही नहीं थे। हद तो तब हो गई जब इलाज के लिए कोई मरीज यहां आ रहा था तब डॉक्टर कह रहे थे कि यहां मत आओ, थाने में जाकर अपना इलाज कराओ।
मर्तक के भाई को कमरे में किया बंद
पुलिस ने डॉक्टरों से शांति से मामला निपटाने की बात कही तो पीएमओ बोले, मरीज तो रोज ही मरते रहेंगे, प्यार-व्यार कुछ नहीं, सबक सिखाना जरूरी है। इस बीच, मृतक श्रवण कुमार के भाई को डॉक्टरों ने ड्यूटी रूम में बंद किया, गाली-गलौज और बदसलूकी भी की।
पुलिस ने मामले में हस्तक्षेप किया तो डॉक्टर भिड़ गए, कहा परिजनों को गिरफ्तार करो, यहां पर दरबार मत लगाओ, यहां तो ऐसे ही चलता रहेगा। इसके बाद दोनों पक्ष कलेक्टर के बंगले पर पहुंचे और अपनी अपनी बात कही।
परिजन लगाते रहे गुहार
वार्ड 19 निवासी श्रवण कुमार पुत्र बन्नालाल को सीने में दर्द की शिकायत हुई। दोपहर को इलाज के लिए ट्रोमा में लाया गया। यहां से मेल मेडिकल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। श्रवण की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। इस दौरान परिजन करीब डेढ़ घंटे तक डॉक्टर से इलाज की गुहार लगाते रहे, लेकिन ध्यान नहीं दिया।
रात 10:30 बजे इलाज के दौरान श्रवण की मौत हो गई। मरीज के परिजन डॉक्टर रघुनाथप्रसाद चौधरी से उलझ पड़े। झगड़े के दौरान एक परिजन ने डॉक्टर से धक्का- मुक्की भी की। पानी की बोतल फेंक दी। कुछ ही देर में अस्पताल अधीक्षक एसके शर्मा और सीएमएचओ डॉ. विष्णु मीणा भी पहुंचे।