Neem Ka Thana- प्रदेश में प्रायोगिक तौर पर शुरू की गई सोलर पंप योजना से पानी की किल्लत वाले गांव-ढाणियों में पेयजल उपलब्ध करवाने की यह महत्वाकांक्षी योजना लिए डेढ़ साल बाद भी शुरू नहीं हो पाई है।
इस योजना के अंतर्गत नीमकाथाना, श्रीमाधोपुर, व खंडेला के 22 गांव-ढाणियों में सोलर पंप से पानी पहुंचाने के लिए तक़रीबन 25 लाख की रकम की मंजूरी दी गई थी। इस बड़े प्रोजेक्ट के तहत डिवीजन में 18 ट्यूबवैल भी खोदे गये थे, जिनमें 4 असफल रहे। बाकी के 14 ट्यूबवैल में सोलर पंप नहीं लगने की वजह से लोगों को योजना का पानी नहीं मिला।
इस बड़ी योजना में विधानसभा क्षेत्रवार विधायकों की अभिशंसा पर सोलर पंप प्रोजेक्ट लगाने थे। जिससे पेयजल संकटग्रस्त क्षेत्रों में हो रही पानी की किल्लत को पानी पहुंचाकर दूर किया जा सके। कंपनी ने इस पर सर्वे भी कर लिया लेकिन इसके बाद काम शुरू नहीं हो सका।
सोलर पंप लगाने में निर्माता फर्मद्वारा ढिलाई करने पर विभागीय स्तर पर कार्रवाई शुरू की गई है। प्रोजेक्ट पर आगे कोई काम नहीं किया गया और वह अधूरा का अधूरा ही रह गया जिससे इन गांव-ढाणियों में पानी का संकट भी बढ़ गया है।
विधायकों की अभिशंसा पर लगे पांच-पांच ट्यूबवैल
इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत नीमकाथाना, श्रीमाधोपुर व खंडेला विधायकों की अभिशंषा पर पांच-पांच ट्यूबवैल लगाए गये। ड्रिलिंग डिवीजन लेवल पर एवं सोलर पंप रीजनल लेवल पर होने हैं। अधिकांश जगहों पर निर्माता कंपनी ने काम शुरू तक नहीं किया।
यह योजना पहले चरण में ही अपना दम तोड़ने लगी हैं। योजना का उद्देश्य पेयजल सप्लाई को सोलर सिस्टम से जोड़ना था। जिससे ग्रामीणों तक पानी पहुंचाया जा सके। नीमकाथाना डिवीजन के इन गांवों में ट्यूबवैल भी बनें हैं। लेकिन अभी तक सोलर पंप नहीं लगने से योजना शुरू नहीं हो सकी।
इन गांवों में सोलर पंप प्रोजेक्ट नही
नीमकाथाना विस- भगेगा में एससी मोहल्ला, प्रीतमपुरी में ढाणी घासीयान, बासड़ी खुर्द में छापर के एससी मोहल्ला, झिराना, रायपुर पाटन के काचरेडा में ढाणी चौथाला एससी मोहल्ला, मौठूका में ढाणी पापडिया, डोकन में भगेश्वर।
श्रीमाधोपुर व खंडेला विस- जुगलपुरा की ढाणी लांबा की, पनिहारवास की ढाणी नायक, टोडा की ढाणी कालपाला, थोई की ढाणी लीला वाली, मुण्डरू की ढाणी बेरावाली, रींगस सीमारला के कोलवा, रींगस आभावास की ढाणी अहीरों वाली।
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इस योजना के अंतर्गत नीमकाथाना, श्रीमाधोपुर, व खंडेला के 22 गांव-ढाणियों में सोलर पंप से पानी पहुंचाने के लिए तक़रीबन 25 लाख की रकम की मंजूरी दी गई थी। इस बड़े प्रोजेक्ट के तहत डिवीजन में 18 ट्यूबवैल भी खोदे गये थे, जिनमें 4 असफल रहे। बाकी के 14 ट्यूबवैल में सोलर पंप नहीं लगने की वजह से लोगों को योजना का पानी नहीं मिला।
इस बड़ी योजना में विधानसभा क्षेत्रवार विधायकों की अभिशंसा पर सोलर पंप प्रोजेक्ट लगाने थे। जिससे पेयजल संकटग्रस्त क्षेत्रों में हो रही पानी की किल्लत को पानी पहुंचाकर दूर किया जा सके। कंपनी ने इस पर सर्वे भी कर लिया लेकिन इसके बाद काम शुरू नहीं हो सका।
सोलर पंप लगाने में निर्माता फर्मद्वारा ढिलाई करने पर विभागीय स्तर पर कार्रवाई शुरू की गई है। प्रोजेक्ट पर आगे कोई काम नहीं किया गया और वह अधूरा का अधूरा ही रह गया जिससे इन गांव-ढाणियों में पानी का संकट भी बढ़ गया है।
विधायकों की अभिशंसा पर लगे पांच-पांच ट्यूबवैल
इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत नीमकाथाना, श्रीमाधोपुर व खंडेला विधायकों की अभिशंषा पर पांच-पांच ट्यूबवैल लगाए गये। ड्रिलिंग डिवीजन लेवल पर एवं सोलर पंप रीजनल लेवल पर होने हैं। अधिकांश जगहों पर निर्माता कंपनी ने काम शुरू तक नहीं किया।
यह योजना पहले चरण में ही अपना दम तोड़ने लगी हैं। योजना का उद्देश्य पेयजल सप्लाई को सोलर सिस्टम से जोड़ना था। जिससे ग्रामीणों तक पानी पहुंचाया जा सके। नीमकाथाना डिवीजन के इन गांवों में ट्यूबवैल भी बनें हैं। लेकिन अभी तक सोलर पंप नहीं लगने से योजना शुरू नहीं हो सकी।
इन गांवों में सोलर पंप प्रोजेक्ट नही
नीमकाथाना विस- भगेगा में एससी मोहल्ला, प्रीतमपुरी में ढाणी घासीयान, बासड़ी खुर्द में छापर के एससी मोहल्ला, झिराना, रायपुर पाटन के काचरेडा में ढाणी चौथाला एससी मोहल्ला, मौठूका में ढाणी पापडिया, डोकन में भगेश्वर।
श्रीमाधोपुर व खंडेला विस- जुगलपुरा की ढाणी लांबा की, पनिहारवास की ढाणी नायक, टोडा की ढाणी कालपाला, थोई की ढाणी लीला वाली, मुण्डरू की ढाणी बेरावाली, रींगस सीमारला के कोलवा, रींगस आभावास की ढाणी अहीरों वाली।