नीमकाथाना: जिन किसानों को अपने खेत यानी जमीन तक जाने के लिए रास्ते नहीं मिल पा रहे हैं, उनको खेती करने में आ रही परेशानी अब दूर किया जायेगा। प्रशासन के स्तर पर ऐसे लोगों को रास्ते दिलवाए जाएंगे इस प्रकार की परेशानी झेल रहे हैं। इसके लिए सरकार एक बार फिर से प्रदेश भर में अभियान शुरू कर दिया गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार ऐसी शिकायतें आती है कि किसान के खेत तक जाने के लिए रास्ता नहीं होता। उसके पहले खेत वाला व्यक्ति अपने जमीन की बाउंड्री कर देता है, जिससे रास्ता बंद हो जाता है। इससे किसान अपनी जमीन पर खेती नहीं कर पाता।
राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम 1956, 3(i) में रास्ते की समस्या व समाधान के मामले लंबित नहीं छोड़ने का प्रावधान बताया गया है। सरकार ने आम रास्तों की समस्या के निपटारे के लिए राजस्थान काश्तकारी अधिनियम 1955 में नई धारा 251 ए भी जोड़ी है।
क्या है अधिनियम 1956, 3(i)
एक साल पहले सरकार की ओर गांवों में बंद रास्ते खुलवाने के लिए ऐसा अभियान चलाया गया था। इससे राज्य के हजारों लोगों को फायदा हुआ था। इसके बावजूद नए सिरे से सरकार के पास रास्ते को लेकर शिकायतें आनी शुरू हो गई थी।
सरकार के पोर्टल भी इसकी शिकायतें आ रही थी, जिसको देखते हुए राज्य सरकार पिछले साल की तर्ज पर नए सिरे से इसी महीने से अभियान की शुरूआत कर दी है।
राजस्व विभाग के संयुक्त सचिव रामनिवास जाट की ओर से सभी कलेक्टरों को आदेश जारी कर दिया है। उनसे साप्ताहिक रिपोर्ट सरकार को भेजने के लिए कहा है, जिससे यह पता चल सके कि अभियान से कितने लोगों को फायदा हुआ। राजस्व विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एसडीएम के स्तर पर ऐसे विवादों का निस्तारण किया जाता है।
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गांवों में बंद रास्ते खुलवाने का यह अभियान 31 दिसंबर तक चलेगा। इसको लेकर राजस्व विभाग की ओर से प्रदेश के सभी कलेक्टरों को आदेश जारी कर दिया गया है। सभी कलेक्टरों को हर सप्ताह रिपोर्ट सरकार को भेजनी होगी।ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार ऐसी शिकायतें आती है कि किसान के खेत तक जाने के लिए रास्ता नहीं होता। उसके पहले खेत वाला व्यक्ति अपने जमीन की बाउंड्री कर देता है, जिससे रास्ता बंद हो जाता है। इससे किसान अपनी जमीन पर खेती नहीं कर पाता।
राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम 1956, 3(i) में रास्ते की समस्या व समाधान के मामले लंबित नहीं छोड़ने का प्रावधान बताया गया है। सरकार ने आम रास्तों की समस्या के निपटारे के लिए राजस्थान काश्तकारी अधिनियम 1955 में नई धारा 251 ए भी जोड़ी है।
क्या है अधिनियम 1956, 3(i)
एक साल पहले सरकार की ओर गांवों में बंद रास्ते खुलवाने के लिए ऐसा अभियान चलाया गया था। इससे राज्य के हजारों लोगों को फायदा हुआ था। इसके बावजूद नए सिरे से सरकार के पास रास्ते को लेकर शिकायतें आनी शुरू हो गई थी।
सरकार के पोर्टल भी इसकी शिकायतें आ रही थी, जिसको देखते हुए राज्य सरकार पिछले साल की तर्ज पर नए सिरे से इसी महीने से अभियान की शुरूआत कर दी है।
राजस्व विभाग के संयुक्त सचिव रामनिवास जाट की ओर से सभी कलेक्टरों को आदेश जारी कर दिया है। उनसे साप्ताहिक रिपोर्ट सरकार को भेजने के लिए कहा है, जिससे यह पता चल सके कि अभियान से कितने लोगों को फायदा हुआ। राजस्व विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एसडीएम के स्तर पर ऐसे विवादों का निस्तारण किया जाता है।