नीमकाथाना: ग्राम गोविंदपुरा में बनी ग्रेवल सड़क के निर्माण में ग्रामसेवकव व सरपंच पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। इस मामले पर ग्रामीणों ने संपर्क पोर्टल पर शिकायत भी दर्ज की है। अब जांच के डर से चार महीने बाद ग्रेवल सड़क पर टैंकरों से पानी डालकर रोलर चलाया जा रहा है।
पोर्टल पर की शिकायत में ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि ग्रेवल सड़क निर्माण में अनियमितता बरती गई है, और सड़क निर्माण कार्य तय मापदंडों के अनुसार नहीं किया गया है। पंचायत ने भी अधूरे निर्माण का भुगतान उठा लिया।
शिकायतकर्ता शीशराम यादव का कहना है कि ग्रेवल सड़क को नियमानुसार 14 फीट चौड़ा करना था, लेकिन आठ फीट ही चौड़ा ही किया गया। इसको लेकर ग्रामीणों में काफी रोष है। ग्रामीण विभागीय जांच की मांग कर रहे हैं।
मामले पर बीडीओ सुमेरसिंह के मुताबिक अधूरी बनी ग्रेवल सड़क का भुगतान उठाने की जानकारी मेरे नहीं है। ऐसा पाया जाता है तो मामले में जांच करवाई जाएगी।
आधे रास्ते में तो कंकरीट ही नहीं डाली गई:
देवी मंदिर से गोविंदपुरा तक नरेगा के तहत बनी तीन किमी ग्रेवल सड़क अधूरी है। समतलीकरण भी नहीं किया गया। यहां कई जगह कंकरीट ही नहीं डाली गई। संपर्क पोर्टल पर शिकायत की। पंचायत समिति अधिकारियों ने एक बार जांच की, लेकिन जांच को ग्रामीण फौरी कार्रवाई बता रहे हैं।
सामग्री खरीद में गड़बड़ी की आशंका:
नरेगा के तहत बन रही ग्रेवल सड़क के निर्माण पर 7.26 लाख रुपए का श्रमिकों को भुगतान किया गया। वहीं 4.79 लाख की सामग्री खरीद ली फिर भी सड़क पूरी नहीं बन सकी। इसमें गड़बड़ी की आशंका है। मामले में सरपंच धन्नीदेवी का कहना है कि कई जगह खेत मालिकों ने सड़क नहीं बनाने दी। उनके विरोध के चलते ही सड़क अधूरी है।
source-neemkathana bhaskar
दरअसल यहां देवी मंदिर से गोविंदपुरा तक नरेगा के तहत ग्रेवल सड़क स्वीकृत की गई । ग्रेवल सड़क के लिए तकरीबन 12.09 लाख का बजट था। उक्त राशि का भुगतान भी उठा लिया गया।पोर्टल पर की शिकायत में ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि ग्रेवल सड़क निर्माण में अनियमितता बरती गई है, और सड़क निर्माण कार्य तय मापदंडों के अनुसार नहीं किया गया है। पंचायत ने भी अधूरे निर्माण का भुगतान उठा लिया।
शिकायतकर्ता शीशराम यादव का कहना है कि ग्रेवल सड़क को नियमानुसार 14 फीट चौड़ा करना था, लेकिन आठ फीट ही चौड़ा ही किया गया। इसको लेकर ग्रामीणों में काफी रोष है। ग्रामीण विभागीय जांच की मांग कर रहे हैं।
मामले पर बीडीओ सुमेरसिंह के मुताबिक अधूरी बनी ग्रेवल सड़क का भुगतान उठाने की जानकारी मेरे नहीं है। ऐसा पाया जाता है तो मामले में जांच करवाई जाएगी।
आधे रास्ते में तो कंकरीट ही नहीं डाली गई:
देवी मंदिर से गोविंदपुरा तक नरेगा के तहत बनी तीन किमी ग्रेवल सड़क अधूरी है। समतलीकरण भी नहीं किया गया। यहां कई जगह कंकरीट ही नहीं डाली गई। संपर्क पोर्टल पर शिकायत की। पंचायत समिति अधिकारियों ने एक बार जांच की, लेकिन जांच को ग्रामीण फौरी कार्रवाई बता रहे हैं।
सामग्री खरीद में गड़बड़ी की आशंका:
नरेगा के तहत बन रही ग्रेवल सड़क के निर्माण पर 7.26 लाख रुपए का श्रमिकों को भुगतान किया गया। वहीं 4.79 लाख की सामग्री खरीद ली फिर भी सड़क पूरी नहीं बन सकी। इसमें गड़बड़ी की आशंका है। मामले में सरपंच धन्नीदेवी का कहना है कि कई जगह खेत मालिकों ने सड़क नहीं बनाने दी। उनके विरोध के चलते ही सड़क अधूरी है।