नीमकाथाना: ग्राम गुहाला में चल रहे अतिक्रमण हटावो अभियान में लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। गुरुवार को आक्रोशित ग्रामीणों ने कार्रवाई का जमकर विरोध किया। दर्जनों लोग हाथों में पत्थर लेकर जेसीबी के सामने खड़े हो गए। विरोध के चलते प्रशासन को कार्रवाई को बीच में रोकना पड़ा। पुलिस व अधिकारी बैरंग लौट गए।
ग्रामीणों का आरोप है कि अतिक्रमण तोड़ने में प्रशासन द्वारा पक्षपात किया जा रहा है। रसूखदारों का निर्माण नहीं तोड़ा जा रहा। इससे लोगों में काफी रोष है। इस मामले में सरपंच को भी खरी खोटी सुनाई गई ।
दरअसल गुहाला में अतिक्रमण एक बड़ी समस्या है। यहां तकरीबन चार महीने पहले चिकित्सा राज्यमंत्री बंशीधर बाजिया ने गौरव पथ का शिलान्यास किया था। जो कि बाजार से बस स्टैंड तक बनना है। लेकिन इसमें अतिक्रमण बाधक बना हुआ है, जिसमें कई पुरानी हवेलियां भी है।
जिला कलेक्टर के निर्देशन में गुहाला में चार दिनों से अतिक्रमण हटाने का काम चल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि रास्ते में कई जगह नपती के मुताबिक निर्माण नहीं तोड़ा गया है। इसी को लेकर ग्रामीण विवाद कर रहे हैं। लोगों की मांग है की कार्यवाही निष्पक्ष की जाए।
बाजार से बस स्टैंड तक 24 फिट चौड़ा गौरव पथ बनना प्रस्तावित है। लेकिन रास्ता करीब 13 फिट का ही है, जिसमें गौरव पथ का निर्माण संभव नहीं है। एसडीएम जेपी गौड़ ने यहां नपती की कार्रवाई की थी। उस दौरान लोगों ने खुद ही निर्माण तोड़ने पर सहमति दी थी। लेकिन अब इसका विरोध किया जा रहा है।
ग्रामीणों का आरोप है कि अतिक्रमण तोड़ने में प्रशासन द्वारा पक्षपात किया जा रहा है। रसूखदारों का निर्माण नहीं तोड़ा जा रहा। इससे लोगों में काफी रोष है। इस मामले में सरपंच को भी खरी खोटी सुनाई गई ।
दरअसल गुहाला में अतिक्रमण एक बड़ी समस्या है। यहां तकरीबन चार महीने पहले चिकित्सा राज्यमंत्री बंशीधर बाजिया ने गौरव पथ का शिलान्यास किया था। जो कि बाजार से बस स्टैंड तक बनना है। लेकिन इसमें अतिक्रमण बाधक बना हुआ है, जिसमें कई पुरानी हवेलियां भी है।
जिला कलेक्टर के निर्देशन में गुहाला में चार दिनों से अतिक्रमण हटाने का काम चल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि रास्ते में कई जगह नपती के मुताबिक निर्माण नहीं तोड़ा गया है। इसी को लेकर ग्रामीण विवाद कर रहे हैं। लोगों की मांग है की कार्यवाही निष्पक्ष की जाए।
बाजार से बस स्टैंड तक 24 फिट चौड़ा गौरव पथ बनना प्रस्तावित है। लेकिन रास्ता करीब 13 फिट का ही है, जिसमें गौरव पथ का निर्माण संभव नहीं है। एसडीएम जेपी गौड़ ने यहां नपती की कार्रवाई की थी। उस दौरान लोगों ने खुद ही निर्माण तोड़ने पर सहमति दी थी। लेकिन अब इसका विरोध किया जा रहा है।