नीमकाथाना: ग्राम गणेश्वर के राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय में शिक्षकों की कमी के चलते छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही है। इस विधालय में 17 पद स्वीकृत है,लेकिन वर्तमान में केवल 9 शिक्षक ही पढ़ा रहे है। टीचर्स की संख्या कमी के छात्र संख्या भी लगातार घट रही है।
हिंदी साहित्य, सामान्य व्याकरण व संस्कृत के प्राध्यापक के पद रिक्त पड़े है। इनके अलावा लिपिक व चतुर्थ श्रेणी कार्मिक भी नही है।
प्राचार्य रामस्वरूप बैरवा के अनुसार छात्रों के लिए पर्याप्त पुस्तकें नहीं है। स्टाफ की कमी से परेशान है। ऐसे हालात में मौजूद शिक्षक भी तनाव झेल रहे है।
करीब तीन वर्ष पहले गणेश्वर की संस्कृत स्कूल में 300 छात्र पढ़ते थे। लेकिन पिछले दो साल में यह संख्या आधी रह गई। फिलहाल यहां 170 बच्चे अध्ययन कर रहे है। पिछले सत्र में 260 बच्चों का नामांकन था।
1950 से स्थापित यह विद्यालय अनुशासन व उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम के चलते प्रदेश के श्रेष्ठ स्कूलों में शामिल है। ग्रामीण भी जल्द शिक्षक लगाने की मांग कर रहे है। जल्द शिक्षक नहीं लगाने पर छात्रों की संख्या ओर कम होगी। ग्रामीणों का कहना है कि शिक्षक नहीं होने से बच्चों का भविष्य खराब नहीं कर सकते।
source-google
इस मामले में शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को कई बार अवगत भी कराया गया। लेकिन शिक्षक नहीं लगा रहे। राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय के छात्र हर वर्ष मैरिट में आते है। फिर भी पिछले 10 वर्ष से गणित के शिक्षक नहींं है।हिंदी साहित्य, सामान्य व्याकरण व संस्कृत के प्राध्यापक के पद रिक्त पड़े है। इनके अलावा लिपिक व चतुर्थ श्रेणी कार्मिक भी नही है।
प्राचार्य रामस्वरूप बैरवा के अनुसार छात्रों के लिए पर्याप्त पुस्तकें नहीं है। स्टाफ की कमी से परेशान है। ऐसे हालात में मौजूद शिक्षक भी तनाव झेल रहे है।
करीब तीन वर्ष पहले गणेश्वर की संस्कृत स्कूल में 300 छात्र पढ़ते थे। लेकिन पिछले दो साल में यह संख्या आधी रह गई। फिलहाल यहां 170 बच्चे अध्ययन कर रहे है। पिछले सत्र में 260 बच्चों का नामांकन था।
1950 से स्थापित यह विद्यालय अनुशासन व उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम के चलते प्रदेश के श्रेष्ठ स्कूलों में शामिल है। ग्रामीण भी जल्द शिक्षक लगाने की मांग कर रहे है। जल्द शिक्षक नहीं लगाने पर छात्रों की संख्या ओर कम होगी। ग्रामीणों का कहना है कि शिक्षक नहीं होने से बच्चों का भविष्य खराब नहीं कर सकते।