नीमकाथाना में ग्रामीणों ने कहा -अवैध खनन व जलदोहन नहीं रुका तो 23 मार्च से बड़ा आंदोलन
नीमकाथाना अवैध खनन व जलदोहन के विरोध में ग्रामीणों ने एसडीएम व माइनिंग कार्यालय पर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। नीमकाथाना व पाटन इलाके में खनन व जलदोहन रोकने की मांग पर महिलाएं भी प्रदर्शन में शामिल हुई। उनका कहना था कि खनन माफियाओं के दबाव में प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा है।
इलाके में पॉल्यूशन, खनन व जलदोहन से स्थिति बिगड़ने लगी है। खेती खत्म हो गई है। गांवों में रहना मुश्किल हो गया है। रास्तेव सड़क टूट गई है। परेशान ग्रामीणों को धमकाया जा रहा है।
अवैध ब्लास्टिंग से कई जगह मकानों में दरारे आई हैं। पीयूसीएल के कैलाश मीणा व पंस सदस्य जयराम सिंह नेबताया कि अवैध खनन व जलदोहन नहीं रूकने पर 23 मार्च से नीमकाथाना में बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे। दिल्ली में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे आंदोलन शुरू करेंगे।
वहीं नीमकाथाना से उनके समर्थन में अपनी मांगों पर ग्रामीण अनशन शुरू करेंगे। ग्रामीणों ने नदियों में चल रहे अवैध बजरी वॉसिंग प्लांटों को बंद कराने की भी मांग रखी। आठ सूत्रीय मांगों पर मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम जेपी गौड़ को ज्ञापन दिया गया। इससे पहले ग्रामीणों ने माइनिंग ऑफिस पर नारेबाजी कर अवैध खनन बंद कराने की मांग रखी। करीब आधा घंटे तक नारेबाजी हुई।
एनजीटी के आदेशों की पालना भी नहीं हो रही :
प्रदर्शनकारियों नेबताया कि पुलिस व प्रशासन खनन माफियाओं का साथ दे रहा है। शिकायत पर कार्रवाई नहीं हो रही। एनजीटी व हाईकोर्ट के आदेशों की पालना नहीं हो रही हैं।
खदानों से निकलने वाले ओवरलोड वाहनों से सड़कें टूट गई हैं। नदी, बांधव बहाव क्षेत्रों में अवैध खनन हो रहा है। जलदोहन रोकने के एनजीटी के आदेशों पर भी कार्रवाई नहीं हुई। पंस सदस्य जयराम सिंह ने कहा कि प्रशासन कार्रवाई नहीं करेगा तो मामले को एनजीटी व हाईकोर्ट में फिर चुनौती देंगे।
प्रदर्शन में महावा सरपंच रामसहाय गुर्जर, पंस सदस्य जयराम सिंह, पीयूसीएल सदस्य कैलाश मीणा, रतनसिंह, मनोज सिंह, सुरेश स्वामी, माल सिंह, तेजसिंह, योगेन्द्र सिंह, राकेश सिंह, महेन्द्र सिंह, संतोष, किरणदेवी, मनफुली, केलादेवी, केशरसिंह, प्रहलाद सिंह, महावीर सिंह, भूपसिंह शामिल हुए।
नीमकाथाना अवैध खनन व जलदोहन के विरोध में ग्रामीणों ने एसडीएम व माइनिंग कार्यालय पर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। नीमकाथाना व पाटन इलाके में खनन व जलदोहन रोकने की मांग पर महिलाएं भी प्रदर्शन में शामिल हुई। उनका कहना था कि खनन माफियाओं के दबाव में प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा है।
इलाके में पॉल्यूशन, खनन व जलदोहन से स्थिति बिगड़ने लगी है। खेती खत्म हो गई है। गांवों में रहना मुश्किल हो गया है। रास्तेव सड़क टूट गई है। परेशान ग्रामीणों को धमकाया जा रहा है।
अवैध ब्लास्टिंग से कई जगह मकानों में दरारे आई हैं। पीयूसीएल के कैलाश मीणा व पंस सदस्य जयराम सिंह नेबताया कि अवैध खनन व जलदोहन नहीं रूकने पर 23 मार्च से नीमकाथाना में बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे। दिल्ली में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे आंदोलन शुरू करेंगे।
वहीं नीमकाथाना से उनके समर्थन में अपनी मांगों पर ग्रामीण अनशन शुरू करेंगे। ग्रामीणों ने नदियों में चल रहे अवैध बजरी वॉसिंग प्लांटों को बंद कराने की भी मांग रखी। आठ सूत्रीय मांगों पर मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम जेपी गौड़ को ज्ञापन दिया गया। इससे पहले ग्रामीणों ने माइनिंग ऑफिस पर नारेबाजी कर अवैध खनन बंद कराने की मांग रखी। करीब आधा घंटे तक नारेबाजी हुई।
एनजीटी के आदेशों की पालना भी नहीं हो रही :
प्रदर्शनकारियों नेबताया कि पुलिस व प्रशासन खनन माफियाओं का साथ दे रहा है। शिकायत पर कार्रवाई नहीं हो रही। एनजीटी व हाईकोर्ट के आदेशों की पालना नहीं हो रही हैं।
खदानों से निकलने वाले ओवरलोड वाहनों से सड़कें टूट गई हैं। नदी, बांधव बहाव क्षेत्रों में अवैध खनन हो रहा है। जलदोहन रोकने के एनजीटी के आदेशों पर भी कार्रवाई नहीं हुई। पंस सदस्य जयराम सिंह ने कहा कि प्रशासन कार्रवाई नहीं करेगा तो मामले को एनजीटी व हाईकोर्ट में फिर चुनौती देंगे।
प्रदर्शन में महावा सरपंच रामसहाय गुर्जर, पंस सदस्य जयराम सिंह, पीयूसीएल सदस्य कैलाश मीणा, रतनसिंह, मनोज सिंह, सुरेश स्वामी, माल सिंह, तेजसिंह, योगेन्द्र सिंह, राकेश सिंह, महेन्द्र सिंह, संतोष, किरणदेवी, मनफुली, केलादेवी, केशरसिंह, प्रहलाद सिंह, महावीर सिंह, भूपसिंह शामिल हुए।