डॉ. अजय चौधरी को सीकर सीएमएचओ लगाया, 11 डॉक्टरों पर अभी फैसला नही
नीमकाथाना न्यूज़ - सेवारत चिकित्सकों और रेजीडेंट्स की 12 दिन से चल रही हड़ताल बुधवार रात समाप्त हो गई। प्रदेश सरकार के चार मंत्रियों और डॉक्टरों के बीच झालाना के परिवार कल्याण संस्थान में सुबह 11:30 से रात 8:30 बजे तक चली 8 दौर की मैराथन बैठक चली।
इसमें चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ, परिवहन मंत्री युनूस खान, सहकारिता मंत्री अजयसिंह किलक, चिकित्सा राज्य मंत्री बंशीधर बाजिया शामिल रहे। बैठक में सेवारत चिकित्सकों की 23 और रेजीडेंट्स की 7 मांगों सहित कुल 30 मांगों पर सहमति बन गई। भाजपा अध्यक्ष अशोक परनामी ने हड़ताल समाप्त होने की घोषणा की।
इससे पहले सेवारत चिकित्सक संघ अध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी का तबादला करौली से निरस्त कर उन्हें सीकर सीएमएचओ के पद पर लगाया गया। हालांकि, 11 अन्य डॉक्टरों के तबादलों पर कोई फैसला बाकी है।
पूर्वचिकित्सा मंत्री बोले- जब समझौता ही होना था तो लोगों को मरने क्यों दिया गया? मैं स्पीकर से मिलकर विधायकी से इस्तीफा दूंगा सरकार व डॉक्टरों के बीच हुए समझौते को लेकर पूर्वचिकित्सा मंत्री और नवलगढ़ के विधायक राजकुमार शर्मा ने कहा कि अगर सरकार और डॉक्टरों के बीच यही समझौता होना था तो इतने दिनों तक अस्पतालों में मरीजों को क्यों मरने दिया? मैं आहत हूं, इन मौतों का जिम्मेदार कौन है? ये समझौता क्यों किया गया? अब ये डॉक्टर और नेता किस बात की मिठाई खा रहे हैं? मुझे इस राजनीति में नहीं रहना, मैं विधानसभा अध्यक्ष से मिलकर अपना इस्तीफा दे दूंगा।
गौरतलब है कि 12 दिनों की हड़ताल में प्रदेशभर में 305 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
रेजीडेंट्स की 7 मांगें भी मानी गईं
नीमकाथाना न्यूज़ - सेवारत चिकित्सकों और रेजीडेंट्स की 12 दिन से चल रही हड़ताल बुधवार रात समाप्त हो गई। प्रदेश सरकार के चार मंत्रियों और डॉक्टरों के बीच झालाना के परिवार कल्याण संस्थान में सुबह 11:30 से रात 8:30 बजे तक चली 8 दौर की मैराथन बैठक चली।
इसमें चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ, परिवहन मंत्री युनूस खान, सहकारिता मंत्री अजयसिंह किलक, चिकित्सा राज्य मंत्री बंशीधर बाजिया शामिल रहे। बैठक में सेवारत चिकित्सकों की 23 और रेजीडेंट्स की 7 मांगों सहित कुल 30 मांगों पर सहमति बन गई। भाजपा अध्यक्ष अशोक परनामी ने हड़ताल समाप्त होने की घोषणा की।
इससे पहले सेवारत चिकित्सक संघ अध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी का तबादला करौली से निरस्त कर उन्हें सीकर सीएमएचओ के पद पर लगाया गया। हालांकि, 11 अन्य डॉक्टरों के तबादलों पर कोई फैसला बाकी है।
पूर्वचिकित्सा मंत्री बोले- जब समझौता ही होना था तो लोगों को मरने क्यों दिया गया? मैं स्पीकर से मिलकर विधायकी से इस्तीफा दूंगा सरकार व डॉक्टरों के बीच हुए समझौते को लेकर पूर्वचिकित्सा मंत्री और नवलगढ़ के विधायक राजकुमार शर्मा ने कहा कि अगर सरकार और डॉक्टरों के बीच यही समझौता होना था तो इतने दिनों तक अस्पतालों में मरीजों को क्यों मरने दिया? मैं आहत हूं, इन मौतों का जिम्मेदार कौन है? ये समझौता क्यों किया गया? अब ये डॉक्टर और नेता किस बात की मिठाई खा रहे हैं? मुझे इस राजनीति में नहीं रहना, मैं विधानसभा अध्यक्ष से मिलकर अपना इस्तीफा दे दूंगा।
गौरतलब है कि 12 दिनों की हड़ताल में प्रदेशभर में 305 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
रेजीडेंट्स की 7 मांगें भी मानी गईं
- पीजी थिसिस एवं एक्जाम की जांच प्रणाली पूर्व की तरह पीजी प्रवेश बैच 2016 व 2017 तक यथावत रखने के संदर्भ में यूएस अग्रवाल की अध्यक्षता में कमेटी का गठन।
- रेजीडेंट्स को पीजी अवधि के दौरान 25 जनवरी 2018 तक रिवाइज करने के लिए फिक्सेशन एवं रिवाइज एलपीसी जारी करने के लिए कर्मचारियों की तरह 7वें वेतन आयोग के अनुसार लाभ का नकद भुगतान करने के लिए आवश्यक प्रस्ताव वित्त विभाग के भेजे जाएंगे।
- रेजीडेंट्स के स्टाइपंड के बेसिक में बढ़ोतरी के प्रकरण पुनर्विचार के लिए केबिनेट उप समिति को भेजे जाएंगे।
- सीनियर रेजीडेंसी की अधिकतम आयु 40 वर्ष की बाध्यता के संबंध में आयु सीमा बढ़ाने के लिए सरकार एमसीआई को प्रस्ताव भेजेगी
- रेजीडेंट्स डॉक्टर्स को हॉस्टल या ट्रांजिट क्वाटर्स या जीएडी क्वाटर्स या एचआरए के संबंध में चरणबद्ध तरीके से हॉस्टल क्षमता बढ़ाने व जीएडी को लिखने के प्रयास होंगे।
- सरकार ने अप्रैल 2014 से अप्रैल 2018 के बीच की पूर्व समझौतों में अटकी डीएसीपी (समयबद्ध पदोन्नति के एरियर) के लिए कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया।
- एडिशनल डायरेक्टर प्रशासन का पद पूर्व की तरह रिक्त रखा जाएगा। सरकार ने घोषणा की कि रेजीडेंट्स की मांगें उनके एजेंडे में नहीं थी, फिर भी मान ली गई है।
- अगस्त से दिसंबर तक डॉक्टरों द्वारा लिए गए सामूहिक अवकाश (हड़ताल) को पीएल में समायोजित जाने पर सहमति बनी।
- एकल पारी पर फैसला मुख्यमंत्री करेंगी।
- स्वास्थ्य निदेशालय में एडिशनल डायरेक्टर (राजपत्रित ) के पद पर चिकित्सा अधिकारी को ही लगाया जाएगा। गिरीश पाराशर को एडिशनल डायरेक्टर प्रशासन के पद पर लगाया गया है, उनको चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से तबादला करने के डीओपी से आदेश जारी करवाए जाएंगे।
- 12 नवंबर को हुए समझौते को अक्षरशः लागू किया जाएगा। डॉक्टरों के खिलाफ रेस्मा या अन्य स्तर पर की गई कार्रवाई के मामले सरकार वापस लेगी।