पुलिस मामले की गंभीरता नहीं भांप पाई, दो जवान पहुंचे, जिन्हें उपद्रवियों ने घेर लिया, बाद में कोतवाली से जाब्ता पहुंचा वो भी हथियारों से लैस नहीं था, एएसपी ने माना-चूक हो गई
नीमकाथाना न्यूज़ - फतेहपुर रोड पर गुरुवार शाम को बस व बाइक की टक्कर से एक युवक की मौत के मामले में उपद्रवियों ने बस को फूंक दिया। पथराव किया, पुलिस को पीटा। पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। विवाद इतना ज्यादा बढ़ गया, इसकी वजह रही कि पुलिस समय पर नहीं पहुंची। घटनास्थल से पुलिस लाइन की दूरी करीब 3 किमी है। 3 किमी का सफर तय करने में आखिर पुलिस को आधा घंटा क्यों लग गया, इसी सवाल का जवाब जानने के लिए मीडिया ने पड़ताल की।
मीडिया ने एएसपी तेजपाल से बात की। उन्होंने माना कि पुलिस से मामले की गंभीरता समझने में चूक हो गई। एएसपी डॉ. तेजपाल ने बताया कि सामान्य तौर पर हादसा होने के बाद पुलिसकर्मी मौके पर जाते हैं। साउथ चौकी से दो पुलिसकर्मी मौके पर पहुंच गए थे। जिन्हें उपद्रवियों ने घेर लिया।
फिर चौकी प्रभारी शिवराज सिंह मय चौकी जाप्ता मौके पर पहुंचे। जिन्होंने चालक सुरेश सैन को उपद्रवियों से बचाया। चौकी प्रभारी के सिर में चोट लग गई। बाद में कंट्रोल रूम को सूचना मिली कि फतेहपुर रोड पर उपद्रवी अनहोनी को अंजाम दे सकते हैं। इसके बाद कोतवाली पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई। अंदाजा नहीं था कि उपद्रवी बस जला सकते हैं, ऐसे में पुलिसकर्मी पूरी तरह से हथियारों से लैस नहीं थे और वे हालात पर नियंत्रण नहीं कर पाए।
हर स्तर पर चूकी पुलिस और देखते ही देखते ही काबू से बाहर हो गया मामला
मामला चाहे सड़क दुर्घटना का हो या आगजनी, हत्या या दो समुदायों के बीच झगड़े का, सूचना मिलते ही आला अधिकारियों को मौके पर पहुंचना चाहिए। इससे फोर्सव निचले अधिकारियों का मनोबल बढ़ता है। आमजन में भी विश्वास बढ़ता है। घटनाक्रम के 10 से 15 मिनट के भीतर ही पर्याप्त पुलिस जाब्ते को मौके पर पहुंचना चाहिए। हर थाने में रिजर्व में वर्दी में जाब्ता रखना चाहिए। - महावीर जांगिड़, सेवानिवृत आरपीएस
अवश्य पढ़ें - फतेहपुर मामला पार्ट 2
source - Dainik Bhaskar
नीमकाथाना न्यूज़ - फतेहपुर रोड पर गुरुवार शाम को बस व बाइक की टक्कर से एक युवक की मौत के मामले में उपद्रवियों ने बस को फूंक दिया। पथराव किया, पुलिस को पीटा। पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। विवाद इतना ज्यादा बढ़ गया, इसकी वजह रही कि पुलिस समय पर नहीं पहुंची। घटनास्थल से पुलिस लाइन की दूरी करीब 3 किमी है। 3 किमी का सफर तय करने में आखिर पुलिस को आधा घंटा क्यों लग गया, इसी सवाल का जवाब जानने के लिए मीडिया ने पड़ताल की।
मीडिया ने एएसपी तेजपाल से बात की। उन्होंने माना कि पुलिस से मामले की गंभीरता समझने में चूक हो गई। एएसपी डॉ. तेजपाल ने बताया कि सामान्य तौर पर हादसा होने के बाद पुलिसकर्मी मौके पर जाते हैं। साउथ चौकी से दो पुलिसकर्मी मौके पर पहुंच गए थे। जिन्हें उपद्रवियों ने घेर लिया।
फिर चौकी प्रभारी शिवराज सिंह मय चौकी जाप्ता मौके पर पहुंचे। जिन्होंने चालक सुरेश सैन को उपद्रवियों से बचाया। चौकी प्रभारी के सिर में चोट लग गई। बाद में कंट्रोल रूम को सूचना मिली कि फतेहपुर रोड पर उपद्रवी अनहोनी को अंजाम दे सकते हैं। इसके बाद कोतवाली पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई। अंदाजा नहीं था कि उपद्रवी बस जला सकते हैं, ऐसे में पुलिसकर्मी पूरी तरह से हथियारों से लैस नहीं थे और वे हालात पर नियंत्रण नहीं कर पाए।
हर स्तर पर चूकी पुलिस और देखते ही देखते ही काबू से बाहर हो गया मामला
- शाम 5:30 बजे : हादसे के बाद उपद्रवियों ने रोडवेज को घेर लिया। चालक नेबस के गेट लॉक कर लिया
- शाम 5:35 बजे साउथ पुलिस चौकी को सूचना मिली।
- शाम 5.40 बजे चौकी कांस्टेबल रतन कुमार व राजेश जाट मौके पर आए। इन्होंने समझाने का प्रयास किया, लेकिन लोगों ने दोनों कांस्टेबल को घेर कर अभद्रता व मारपीट की।
यह हुई चूक : घटनास्थल पर दूर से भारी भीड़ को देखकर स्थिति को भांप नहीं सके। समय पर अधिकारियों को अवगत नहीं कराया। - शाम 5:50 बजे: चौकी प्रभारी शिवराज सिंह मय जाप्ता मौके पर पहुंचे। समझाइश का प्रयास किया, लेकिन लोग नहीं माने। भीड़ नेबस चालक सुरेश को पीटना शुरू किया। पुलिसकर्मी शिवराज सिंह, रतन व राजेश नेबस चालक को भीड़ सेबचाया। भीड़ नेतीनों पुलिसकर्मियों को पीटा।
यह हुई चूक: घटना के 20 मिनट बाद मौके पर पहुंचे। इस समय भी सिर्फ चौकी का जाप्ता साथ था। कोतवाली पुलिस थाने का पूरा जाप्ता तक मौके पर मौजूद नहीं था। - शाम 6:00 बजे: कोतवाल महावीर सिंह, सीओ सीटी गिरधारी लाल शर्मा मय जाप्ता मौके पर पहुंचे। घायल पुलिसकर्मियों को अस्पताल पहुंचाया। इधर, उपद्रवियों ने पुलिस व दूसरेवाहनों पर पथराव शुरू कर दिया। पुलिस ने हल्का बल प्रयाेग किया।
यह रही चूक: कोतवाल व सीअो सिटी पूरे जाप्ते के साथ आए। लेकिन पूरी पुलिस टीम हथियारों से लैस नहीं थी। सिर्फ डंडों के सहारे उपद्रवियों से मुकाबला कर रहे थे। - शाम 6:10 बजे : एएसपी डॉ. तेजपाल मौके पर पहुंचे। इससे पहले 6:05 बजे उपद्रवियों नेबस को आग के हवाले कर दिया। सदर, उद्योगनगर व पुलिस लाइन का जाप्ता भी मौके पर पहुंच गया। एएसपी के निर्देश पर स्थित नियंत्रण के लिए आंसू गैस के गोले दागे गए। उपद्रवी ज्यादा आक्रोशित हो गए और पुलिस पर चारों तरफ से पथराव शुरू कर दिया।
यह रही चूक: एएसपी डॉ. तेजपाल घटनास्थल पर पांच मिनट देरी से पहुंचे। तब तक उपद्रवियों ने बस को अाग के हवाले कर दिया था। फिर एएसपी ने भीड़ को नियंत्रण में करने के लिए आंसू गैस छोड़ने व लाठी चार्ज करने के निर्देश दिए। - शाम 6:20 बजे: कोबरा टीम, रानोली थाना, महिला थाना, सीओ कार्यालय, एसपी कार्यालय व सभी चौकियों का पूरा जाप्ता मौके पर पहुंच गया। मौके पर करीब 200 पुलिसकर्मियों का जाप्ता मौजूद रहा। उपद्रवियों को नियंत्रण करने के लिए पुलिस ने लाठी चार्जकिया और आंसू गैस के गोले दागे।
यह रही चूक: घटनास्थल पर हजारों लोगों की भीड़ पुलिस व दूसरे वाहनों पर पथराव कर रही थी। ऐसे में जाप्ते में महज 200 पुलिसकर्मी थे। जो हर तरफ से मुकाबला करने की स्थिति में नहीं थे। भीड़ ने पुलिस पर चारों तरफ से पथराव जारी रखा। - 6:30 से 8:30 बजे: इन दो घंटे में पुलिस व उपद्रवी आमने सामने रहे। पुलिसकर्मी उपद्रवियों पर आंसू गैस के गोले दागते रहे और लाठीचार्ज कर पकड़ते रहे। रात करीब साढ़े आठ बजे स्थित नियंत्रण में आई। पुलिसकर्मियों ने उपद्रवियों को पकड़ना शुरू कर दिया।
मामला चाहे सड़क दुर्घटना का हो या आगजनी, हत्या या दो समुदायों के बीच झगड़े का, सूचना मिलते ही आला अधिकारियों को मौके पर पहुंचना चाहिए। इससे फोर्सव निचले अधिकारियों का मनोबल बढ़ता है। आमजन में भी विश्वास बढ़ता है। घटनाक्रम के 10 से 15 मिनट के भीतर ही पर्याप्त पुलिस जाब्ते को मौके पर पहुंचना चाहिए। हर थाने में रिजर्व में वर्दी में जाब्ता रखना चाहिए। - महावीर जांगिड़, सेवानिवृत आरपीएस
अवश्य पढ़ें - फतेहपुर मामला पार्ट 2
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