नीमकाथाना न्यूज़ - स्मार्टसिटी की तर्ज पर अब प्रदेशभर की सभी ग्राम पंचायतों में ज्यादा आबादी वाले गांवों को स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित किया जाएगा। सीएम की बजट घोषणा के अनुसार तीन हजार से ज्यादा आबादी वाले 183 गांवों का स्मार्ट विलेज योजना में चयन हुआ है।
योजना लागू होते ही जिला प्रशासन ने गांवों में विभिन्न योजनाओं के तहत जारी बजट से विकास कार्य शुरू कर दिए। योजना के तहत गांवों में वाई-फाई की सुविधा के साथ शिक्षा, चिकित्सा, पेयजल, सड़क, साफ-सफाई, इंटरनेट आदि सुविधाओं का भी प्राथमिकता से विस्तार किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि वित्तीय वर्ष 2017- 18 के बजट भाषण में सीएम वसुंधरा राजे ने तीन हजार की आबादी तक के गांवों को स्मार्टविलेज बनाने की घोषणा की थी। योजना के तहत पीडब्ल्यूडी, पीएचईडी, सहकारिता, ऊर्जा, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, कृषि आदि विभागों को गांवों के समग्र विकास के लिए विभागीय बजट से प्राथमिकता से कार्य कराने के आदेश जारी किए गए थे। स्मार्ट विलेज योजनांतर्गत चयनित गांवों का चहुंमुखी विकास होगा।
इन गांवों में आधुनिक सुविधा व संसाधन विकसित करने के लिए प्रमुख विभागों की विभिन्न योजनाओं में उपलब्ध वित्तीय एवं अन्य संसाधनों को कन्वर्जेंस किया जाएगा।
इसमें पंचायतीराज की एफएफसी, एसएफसी, महानरेगा, स्वच्छ भारत मिशन, एसएलडब्यूएम, ग्रामीण विकास की सीमांत क्षेत्र विकास, डांग, एसपीएमआरएम, सहकारिता, एमजेएसए, ऊर्जा, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, शिक्षा, चिकित्सा, पशुपालन, जन सवास्थ्य अभियांत्रिकी आदि विभागों की योतनाओं की सहभागिता रहेगी।
सामुदायिक शौचालय, सार्वजनिक पार्क जैसी सुविधाएं भी होंगी
स्मार्ट विलेज में लाखों की लागत से सामुदायिक शौचालय, जल निकासी प्रबंधन एवं पक्की गलियां, सार्वजनिक पार्क, खेल मैदान विथ ओपन जिम, चरागाह विकास के लिए खाई या मिट्टी की चारदीवारी, ग्रामीण गौरव पथ एवं मुख्य मार्ग पर सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था, एलईडी लाइट या सोलर लाइट का प्रबंधन प्रमुख होगा।
दो मुख्य मार्गों को स्वराज मार्ग के नाम से विकसित करने, महानरेगा कैटेगरी-बी के तहत खेत समतलीकरण, खेत तलाई, फलदार पौधरोपण, फार्म पौंड, केटलशेड वर्मी कंपोस्ट पिट बनाने, ई-पुस्तकालय नॉलेज सेंटर, अटल सेवा केंद्र ग्राम के मुख्य स्थान पर वाई-फाई सुविधा, सीनियर सैकंडरी स्कूल, प्राथमिक उपस्वास्थ्य केंद्र, पशु चिकित्सा केंद्र, दुग्ध उत्पादन समितियों का गठन और स्वच्छ पेयजल आदि की व्यवस्था प्राथमिकता से की जाएगी।
जिला परिषद के सीईओ सुखवीरसिंह का कहना है कि ...
तय मापदंडों के अनुसार जिले में 3000 से ज्यादा आबादी वाले 183 गांवों का स्मार्ट विलेज के लिए चयन किया गया है। सभी विभागों ने सामंजस्यता से इन गांवों में प्राथमिकता पारदर्शिता के साथ मूलभूत सुविधाओं के साथ समग्र विकास के कार्यशुरू कर दिए है। योजनाओं में प्राप्त बजट से गांवों का समग्र विकास किया जाएगा।
योजना लागू होते ही जिला प्रशासन ने गांवों में विभिन्न योजनाओं के तहत जारी बजट से विकास कार्य शुरू कर दिए। योजना के तहत गांवों में वाई-फाई की सुविधा के साथ शिक्षा, चिकित्सा, पेयजल, सड़क, साफ-सफाई, इंटरनेट आदि सुविधाओं का भी प्राथमिकता से विस्तार किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि वित्तीय वर्ष 2017- 18 के बजट भाषण में सीएम वसुंधरा राजे ने तीन हजार की आबादी तक के गांवों को स्मार्टविलेज बनाने की घोषणा की थी। योजना के तहत पीडब्ल्यूडी, पीएचईडी, सहकारिता, ऊर्जा, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, कृषि आदि विभागों को गांवों के समग्र विकास के लिए विभागीय बजट से प्राथमिकता से कार्य कराने के आदेश जारी किए गए थे। स्मार्ट विलेज योजनांतर्गत चयनित गांवों का चहुंमुखी विकास होगा।
इन गांवों में आधुनिक सुविधा व संसाधन विकसित करने के लिए प्रमुख विभागों की विभिन्न योजनाओं में उपलब्ध वित्तीय एवं अन्य संसाधनों को कन्वर्जेंस किया जाएगा।
इसमें पंचायतीराज की एफएफसी, एसएफसी, महानरेगा, स्वच्छ भारत मिशन, एसएलडब्यूएम, ग्रामीण विकास की सीमांत क्षेत्र विकास, डांग, एसपीएमआरएम, सहकारिता, एमजेएसए, ऊर्जा, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, शिक्षा, चिकित्सा, पशुपालन, जन सवास्थ्य अभियांत्रिकी आदि विभागों की योतनाओं की सहभागिता रहेगी।
सामुदायिक शौचालय, सार्वजनिक पार्क जैसी सुविधाएं भी होंगी
स्मार्ट विलेज में लाखों की लागत से सामुदायिक शौचालय, जल निकासी प्रबंधन एवं पक्की गलियां, सार्वजनिक पार्क, खेल मैदान विथ ओपन जिम, चरागाह विकास के लिए खाई या मिट्टी की चारदीवारी, ग्रामीण गौरव पथ एवं मुख्य मार्ग पर सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था, एलईडी लाइट या सोलर लाइट का प्रबंधन प्रमुख होगा।
दो मुख्य मार्गों को स्वराज मार्ग के नाम से विकसित करने, महानरेगा कैटेगरी-बी के तहत खेत समतलीकरण, खेत तलाई, फलदार पौधरोपण, फार्म पौंड, केटलशेड वर्मी कंपोस्ट पिट बनाने, ई-पुस्तकालय नॉलेज सेंटर, अटल सेवा केंद्र ग्राम के मुख्य स्थान पर वाई-फाई सुविधा, सीनियर सैकंडरी स्कूल, प्राथमिक उपस्वास्थ्य केंद्र, पशु चिकित्सा केंद्र, दुग्ध उत्पादन समितियों का गठन और स्वच्छ पेयजल आदि की व्यवस्था प्राथमिकता से की जाएगी।
जिला परिषद के सीईओ सुखवीरसिंह का कहना है कि ...
तय मापदंडों के अनुसार जिले में 3000 से ज्यादा आबादी वाले 183 गांवों का स्मार्ट विलेज के लिए चयन किया गया है। सभी विभागों ने सामंजस्यता से इन गांवों में प्राथमिकता पारदर्शिता के साथ मूलभूत सुविधाओं के साथ समग्र विकास के कार्यशुरू कर दिए है। योजनाओं में प्राप्त बजट से गांवों का समग्र विकास किया जाएगा।