100 की स्पीड में लोक परिवहन ने सवारियों के लिए रोडवेज को तीन बार ओवरटेक किया, चौथी बार सामने आ रहे ट्रोले से भिड़ी, 11 की मौत
सीकर- रोलसाहबसर व गोविंदपुरा के बीच मावलियों की ढाणी स्टैंड पर बुधवार सुबह 8.10 बजे लोक परिवहन बस और ट्रोले की भिड़ंत में पति-पत्नी सहित 11 लोगों की मौत हो गई। जबकि 23 घायल हो गए। तीन गंभीर घायलों को जयपुर रैफर कर दिया गया है।
लोक परिवहन बस सवारियों के लिए रोडवेज को ओवरटेक कर रही थी। इसी बीच ट्रोले से भिड़ंत हो गई। लोक परिवहन बस के ड्राइवर और ट्रोला ड्राइवर की भी मौके पर ही मौत हो गई। चालक वाली साइड से बस पूरी तरह खत्म हो गई। वहीं ट्रोले के दो टुकड़े हो गए। घायलों को फतेहपुर के धानुका अस्पताल ले जाया गया। जहां 11 लोगों को मृत घोषित कर दिया गया। 23 घायलों में से 12 को सीकर रैफर किया गया। इनमें से तीन को जयपुर रैफर किया।
रोडवेज और लोक परिवहन बस सुबह रतनगढ़ से रवाना हुई थी। यहां से सवारी लेने के बाद लोक परिवहन बस ने रोडवेज को तीन बार ओवरटेक किया। बीरमसर स्टैंड पर रोडवेज नहीं रुकी। यहां पर भी लोक परिवहन ने सवारी ली। रोडवेज आगे निकल गई थी। लोक परिवहन बस तेज स्पीड से रोलसाबसर स्टैंड पर रोडवेज से पहले पहुंच गई। यहां से सवारी लेकर वह फतेहपुर बस स्टैंड पर रोडवेज को ओवरटेक करना चाह रही थी।
चौथी बार ओवरटेक करते वक्त लोक परिवहन बस ट्रोले से भिड़ गई। घटनास्थल मावलियों की ढाणी स्टैंड पर हाईवे पर सड़क के बीच एक भी डिवाइडर नहीं है।
कलेक्टर नरेश ठकराल ने बताया कि मौके पर जांच और सवारियों से बातचीत में चला है कि लोक परिवहन बस लगातार ओवरटेक कर रही थी। रोडवेज करीब 80 किलोमीटर की रफ्तार से चल रही थी। लोक परिवहन 100 किमी की स्पीड में चल रही थी। आरटीओ को जांच के निर्देश दिए हैं।
लोक परिवहन की ओवरस्पीड बस, खतरनाक मोड़, हादसा तो होना ही था।
हादसे की वजह : भास्कर ने सीसीटीवी खंगाले, फाइलें निकाली, पता चला-लोक परिवहन बस अनफिट थी, अफसरों ने तीन बार परमिट बढ़ाकर 88 से 328 किलोमीटर रूट की अनुमति दे दी
तीन अफसरों ने नहीं निभाई अपनी जिम्मेदारी
कलेक्टर : निर्देश देकर भूले, नहीं की मॉनिटरिंग
नवंबर 2017 की यातायात प्रबंधन समिति की मीटिंग में लोक परिवहन बसों की जांच के लिए कलेक्टर ठकराल ने निर्देश दिए थे। इस दौरान रोडवेज ने लोक परिवहन बस सेवा के नाम से फर्जीवाड़ेमें चल रही 23 बसों का सर्वे करवाकर सूची कलेक्टर व परिवहन विभाग को सौंपी, लेकिन कोई सख्त कार्रवाई नहीं की।
एसपी : हाईवे मोबाइल और इंटर सेप्टर पर गंभीर नहीं रहे एसपी
राजमार्गपर वाहनों की जांच के लिए हाईवे मोबाइल पुलिस तैनात हैं। इसके अलावा इंटर सेप्टर पर भी वाहनों की रफ्तार की जांच का जिम्मा है। लोक परिवहन बसें 80 से 110 किमी की रफ्तार में दौड़ रही है। लेकिन एसपी राठौड़ विनीत कुमार ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। रसूखदारों की सिफारिश से अफसर गाड़ी छोड़ देते हैं।
आरटीओ : शिकायतों के बावजूद नहीं की जांच
रोडवेज द्वारा लोक परिवहन के नाम पर अवैध बसों की सूची सौंपे जाने के बाद भी आरटीओ भजनलाल रोलन ने कार्रवाई नहीं की। एक्सीडेंट से पहले भी गाड़ी फिटनेस लायक नहीं थी। यह फोटो में साफ तौर पर दिख रहा है। सवाल यह है कि स्पीड गवर्नर लगाने के बावजूद बसें ओवर स्पीड कैसे हैं, यानी परिवहन विभाग भी जांच नहीं करता।
इनकी हुई मौत
हादसे में सरदारशहर के वार्ड 39 निवासी सीताराम व उनकी पत्नी कमला प्रजापत, सरदारशहर निवासी बरकत अली, उदासर निवासी मनीराम चारण, सरदारशहर निवासी सिराजुद्दीन, रतनगढ़ स्थित ठिठावता निवासी नोपाराम मेघवाल, रतनगढ़ निवासी शकील काजी, चैनपुरा निवासी राजेंद्र माली, सोनपालसर निवासी आशीष पारीक, सरदारशहर स्थित कवलासर निवासी बस चालक सुरेंद्र सिंह हैं। हादसे में ट्रोला चालक महेश कुमार जाट निवासी थोई की भी मौत हो गई।
सीकर- रोलसाहबसर व गोविंदपुरा के बीच मावलियों की ढाणी स्टैंड पर बुधवार सुबह 8.10 बजे लोक परिवहन बस और ट्रोले की भिड़ंत में पति-पत्नी सहित 11 लोगों की मौत हो गई। जबकि 23 घायल हो गए। तीन गंभीर घायलों को जयपुर रैफर कर दिया गया है।
लोक परिवहन बस सवारियों के लिए रोडवेज को ओवरटेक कर रही थी। इसी बीच ट्रोले से भिड़ंत हो गई। लोक परिवहन बस के ड्राइवर और ट्रोला ड्राइवर की भी मौके पर ही मौत हो गई। चालक वाली साइड से बस पूरी तरह खत्म हो गई। वहीं ट्रोले के दो टुकड़े हो गए। घायलों को फतेहपुर के धानुका अस्पताल ले जाया गया। जहां 11 लोगों को मृत घोषित कर दिया गया। 23 घायलों में से 12 को सीकर रैफर किया गया। इनमें से तीन को जयपुर रैफर किया।
रोडवेज और लोक परिवहन बस सुबह रतनगढ़ से रवाना हुई थी। यहां से सवारी लेने के बाद लोक परिवहन बस ने रोडवेज को तीन बार ओवरटेक किया। बीरमसर स्टैंड पर रोडवेज नहीं रुकी। यहां पर भी लोक परिवहन ने सवारी ली। रोडवेज आगे निकल गई थी। लोक परिवहन बस तेज स्पीड से रोलसाबसर स्टैंड पर रोडवेज से पहले पहुंच गई। यहां से सवारी लेकर वह फतेहपुर बस स्टैंड पर रोडवेज को ओवरटेक करना चाह रही थी।
चौथी बार ओवरटेक करते वक्त लोक परिवहन बस ट्रोले से भिड़ गई। घटनास्थल मावलियों की ढाणी स्टैंड पर हाईवे पर सड़क के बीच एक भी डिवाइडर नहीं है।
कलेक्टर नरेश ठकराल ने बताया कि मौके पर जांच और सवारियों से बातचीत में चला है कि लोक परिवहन बस लगातार ओवरटेक कर रही थी। रोडवेज करीब 80 किलोमीटर की रफ्तार से चल रही थी। लोक परिवहन 100 किमी की स्पीड में चल रही थी। आरटीओ को जांच के निर्देश दिए हैं।
- मरने वाले 10 चूरू जिले के, लोक परिवहन बस चालक की भी मौत
- मृतक ट्रोला चालक थोई इलाके का था, हादसे में 23 घायल, 3 गंभीर
- मृतकों के परिजनों को 50 हजार व गंभीर घायलों को 10 हजार की सहायता
Video-
Posted by Sunny Dasfi on Tuesday, January 2, 2018
लोक परिवहन की ओवरस्पीड बस, खतरनाक मोड़, हादसा तो होना ही था।
- रोडवेज ने सड़क के नीचे उतार ली -
हादसा और बड़ा हो सकता था, यदि रोडवेज चालक ने बस को सड़क के नीचे नहीं उतारा होता। क्योंकि-ओवरटेक करते वक्त लोक परिवहन बस रोडवेज से भी टच हुई थी। - खतरनाक मोड़ भी था -
जिस रास्तेपर यह हादसा हुआ। उस पर खतरनाक मोड़ भी था और चढ़ाई भी। इसके बाद भी लोक परिवहन बस ने लापरवाही की। ड्राइवर साइड की तरफ बैठे ज्यादातर लोगों की मौत हो गई। - आठ किमी दूर था फतेहपुर | दुर्घटना स्थल से फतेहपुर मात्र आठ किमी है। सुबह सीकर और जयपुर जाने वाली सवारियों की संख्या काफी अधिक होती है। इन्हीं सवारियों के लालच में 11 लोगों की मौत हो गई।
- हाईवे पेट्रोलिंग पुलिस नहीं थी -
हैरानी यह है कि चूरू से लेकर फतेहपुर तक हाइवे पुलिस ने लोक परिवहन बस को नहीं रोका। थाने का जाब्ता कहां था। यह अभी भी सवाल है कि इंटरसेप्टर क्या कर रही थी। - डिजिटल एक्सरे मशीन खराब -
धानुका अस्पताल में ट्रोमा में लाखोें रुपए की डिजिटल एक्सरे मशीन सालों से खराब है। घायलों का एक्सरे नहीं हो पाए। लोगों ने कलेक्टर से शिकायत की। घायलों को जयपुर रैफर करना पड़ा।
हादसे की वजह : भास्कर ने सीसीटीवी खंगाले, फाइलें निकाली, पता चला-लोक परिवहन बस अनफिट थी, अफसरों ने तीन बार परमिट बढ़ाकर 88 से 328 किलोमीटर रूट की अनुमति दे दी
तीन अफसरों ने नहीं निभाई अपनी जिम्मेदारी
कलेक्टर : निर्देश देकर भूले, नहीं की मॉनिटरिंग
नवंबर 2017 की यातायात प्रबंधन समिति की मीटिंग में लोक परिवहन बसों की जांच के लिए कलेक्टर ठकराल ने निर्देश दिए थे। इस दौरान रोडवेज ने लोक परिवहन बस सेवा के नाम से फर्जीवाड़ेमें चल रही 23 बसों का सर्वे करवाकर सूची कलेक्टर व परिवहन विभाग को सौंपी, लेकिन कोई सख्त कार्रवाई नहीं की।
एसपी : हाईवे मोबाइल और इंटर सेप्टर पर गंभीर नहीं रहे एसपी
राजमार्गपर वाहनों की जांच के लिए हाईवे मोबाइल पुलिस तैनात हैं। इसके अलावा इंटर सेप्टर पर भी वाहनों की रफ्तार की जांच का जिम्मा है। लोक परिवहन बसें 80 से 110 किमी की रफ्तार में दौड़ रही है। लेकिन एसपी राठौड़ विनीत कुमार ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। रसूखदारों की सिफारिश से अफसर गाड़ी छोड़ देते हैं।
आरटीओ : शिकायतों के बावजूद नहीं की जांच
रोडवेज द्वारा लोक परिवहन के नाम पर अवैध बसों की सूची सौंपे जाने के बाद भी आरटीओ भजनलाल रोलन ने कार्रवाई नहीं की। एक्सीडेंट से पहले भी गाड़ी फिटनेस लायक नहीं थी। यह फोटो में साफ तौर पर दिख रहा है। सवाल यह है कि स्पीड गवर्नर लगाने के बावजूद बसें ओवर स्पीड कैसे हैं, यानी परिवहन विभाग भी जांच नहीं करता।
इनकी हुई मौत
हादसे में सरदारशहर के वार्ड 39 निवासी सीताराम व उनकी पत्नी कमला प्रजापत, सरदारशहर निवासी बरकत अली, उदासर निवासी मनीराम चारण, सरदारशहर निवासी सिराजुद्दीन, रतनगढ़ स्थित ठिठावता निवासी नोपाराम मेघवाल, रतनगढ़ निवासी शकील काजी, चैनपुरा निवासी राजेंद्र माली, सोनपालसर निवासी आशीष पारीक, सरदारशहर स्थित कवलासर निवासी बस चालक सुरेंद्र सिंह हैं। हादसे में ट्रोला चालक महेश कुमार जाट निवासी थोई की भी मौत हो गई।