नीमकाथाना न्यूज़- 32 करोड़ की पुर्नगठित शहरी पेयजल स्कीम में बनी गोडावास टंकी से गोडावास गांव जाखड़ कॉलोनी को जोड़ने की मांग पर ग्रामीणों का प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी रहा। पेयजल टंकी व पंप हाऊस पर ग्रामीणों का कब्जा रहा।
इसके चलते दो दिनों से शहर के कई हिस्सों में पानी सप्लाई नहीं हो रहा। ग्रामीणों ने मांग पूरी नहीं होने तक गोडावास टंकी से पानी सप्लाई नहीं होने देने की चेतावनी दी है। पानी के लिए महिलाओं ने टंकी पर डेरा डाले रखा।
सूचना पर पहुंचे एईएन सत्यवीर यादव व जेईएन राजेन्द्र मीणा का घेराव किया। उनकी मांग थी कि गांव की जमीन पर टंकी बनी है तो पानी पर पहला हक भी उनका होना चाहिए। गोड़ावास व जाखड़ कॉलोनी को पानी नहीं दिया गया तो शहर तक पानी नहीं जाने देंगे। करीब दो घंटे तक महिलाओं का प्रदर्शन चला। इस दौरान अधिकारियों ने ग्रामीणों व महिलाओं को समझाने के प्रयास किये।
पानी की मांग पर बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने विधि एवं मानवाधिकार कांग्रेस के प्रदेश सचिव मनीराम जाखड़ के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में टंकी से गोडावास गांव, जाखड कॉलोनी, कोटडा रोड़ एवं नयाबास रोड़ के निवासियों को जोड़ने की मांग रखी गई है।
पानी नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है। ज्ञापन देने वालों में एडवोकेट मनीराम जाखड़, सुभाष लोचिब, मुकेश सामोता, सुरेश मंगावा, रोहिताश सेठी, रामसिंह, डॉ.जवाहर सिंह, प्रेमचंद आदि लोग शामिल थे। इनका कहना है कि गांव में टंकी बनाते वक्त पानी देने का वादा किया गया था, अब अधिकारी पीछे हट रहे हैं। इसी को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है।
गोड़ावास पहले ही जनता दल योजना से जुड़ा है, नई स्कीम का प्लान बनाया जा रहा है
पीएचईडी एक्सईएन मदनलाल मीणा ने कहा कि गोडावास पहले ही जनता दल योजना से जुड़ा हुआ है। रेल लाइन के कारण शहरी पुर्नगठित योजना की टंकी से जोड़ा जाना संभव नहीं हैं।
विधायक प्रेमसिंह बाजौर ने भी गोडावास के लिए टंकी व ट्यूबवैल बनाने के निर्देश दिए थे। ग्रामीणों से वार्ता भी हुई थी। अब ग्रामीणों का प्रदर्शन जायज नहीं हैं। दो दिन से पानी सप्लाई नहीं करने देने पर कार्रवाई करेंगे। कंपनी अधिकारी व कार्मिक भी मामले में कानूनी कार्रवाई करेंगे।
सहायक अभियंता सत्यवीर यादव ने कहा ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया गया। लोगों ने महिलाओं को आगे कर रखा है। रेलवे क्रासिंग के कारण मांग पूरी किया जाना संभव नहीं हैं। पूरे प्रकरण की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को देंगे।
योजना से वंचित क्षेत्रों में भी नाराजगी
32 करोड़ की पुर्नगठित शहरी पेयजल योजना के तहत नई लाइन से वंचित रहे क्षेत्र के लोगों में भी नाराजगी बढ़ने लगी है। कई हिस्सों में पानी नहीं आने से लोग परेशान है। बिना हैंडपंप व बूस्टर के घरों में पानी नहीं आता। अधिकारी सभी हिस्सों में प्रेशर से पानी पहुंचाने का दावा कर रहे हैं। योजना में पानी सप्लाई शुरू होने के साथ ही विरोध भी होने लगा है। अभी कई कॉलोनियों में सप्लाई लाइन नहीं डाली गई।
इसके चलते दो दिनों से शहर के कई हिस्सों में पानी सप्लाई नहीं हो रहा। ग्रामीणों ने मांग पूरी नहीं होने तक गोडावास टंकी से पानी सप्लाई नहीं होने देने की चेतावनी दी है। पानी के लिए महिलाओं ने टंकी पर डेरा डाले रखा।
सूचना पर पहुंचे एईएन सत्यवीर यादव व जेईएन राजेन्द्र मीणा का घेराव किया। उनकी मांग थी कि गांव की जमीन पर टंकी बनी है तो पानी पर पहला हक भी उनका होना चाहिए। गोड़ावास व जाखड़ कॉलोनी को पानी नहीं दिया गया तो शहर तक पानी नहीं जाने देंगे। करीब दो घंटे तक महिलाओं का प्रदर्शन चला। इस दौरान अधिकारियों ने ग्रामीणों व महिलाओं को समझाने के प्रयास किये।
पानी की मांग पर बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने विधि एवं मानवाधिकार कांग्रेस के प्रदेश सचिव मनीराम जाखड़ के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में टंकी से गोडावास गांव, जाखड कॉलोनी, कोटडा रोड़ एवं नयाबास रोड़ के निवासियों को जोड़ने की मांग रखी गई है।
पानी नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है। ज्ञापन देने वालों में एडवोकेट मनीराम जाखड़, सुभाष लोचिब, मुकेश सामोता, सुरेश मंगावा, रोहिताश सेठी, रामसिंह, डॉ.जवाहर सिंह, प्रेमचंद आदि लोग शामिल थे। इनका कहना है कि गांव में टंकी बनाते वक्त पानी देने का वादा किया गया था, अब अधिकारी पीछे हट रहे हैं। इसी को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है।
गोड़ावास पहले ही जनता दल योजना से जुड़ा है, नई स्कीम का प्लान बनाया जा रहा है
पीएचईडी एक्सईएन मदनलाल मीणा ने कहा कि गोडावास पहले ही जनता दल योजना से जुड़ा हुआ है। रेल लाइन के कारण शहरी पुर्नगठित योजना की टंकी से जोड़ा जाना संभव नहीं हैं।
विधायक प्रेमसिंह बाजौर ने भी गोडावास के लिए टंकी व ट्यूबवैल बनाने के निर्देश दिए थे। ग्रामीणों से वार्ता भी हुई थी। अब ग्रामीणों का प्रदर्शन जायज नहीं हैं। दो दिन से पानी सप्लाई नहीं करने देने पर कार्रवाई करेंगे। कंपनी अधिकारी व कार्मिक भी मामले में कानूनी कार्रवाई करेंगे।
सहायक अभियंता सत्यवीर यादव ने कहा ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया गया। लोगों ने महिलाओं को आगे कर रखा है। रेलवे क्रासिंग के कारण मांग पूरी किया जाना संभव नहीं हैं। पूरे प्रकरण की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को देंगे।
योजना से वंचित क्षेत्रों में भी नाराजगी
32 करोड़ की पुर्नगठित शहरी पेयजल योजना के तहत नई लाइन से वंचित रहे क्षेत्र के लोगों में भी नाराजगी बढ़ने लगी है। कई हिस्सों में पानी नहीं आने से लोग परेशान है। बिना हैंडपंप व बूस्टर के घरों में पानी नहीं आता। अधिकारी सभी हिस्सों में प्रेशर से पानी पहुंचाने का दावा कर रहे हैं। योजना में पानी सप्लाई शुरू होने के साथ ही विरोध भी होने लगा है। अभी कई कॉलोनियों में सप्लाई लाइन नहीं डाली गई।