मुख्य बस स्टैंड पर नियमों को ताक में रखकर बनाए गए कॉम्पलेक्सों ने बढ़ाई समस्या, मुख्य सड़क पर वाहनों को निकलने में परेशानी होती है।
कांवट कस्बे में करीब चार पांच वर्षों से मुख्य बस स्टैंड पर नियमों को ताक में रखकर बिना तामीर स्वीकृति के बहुमंजिला व्यावसायिक काॅम्पलेक्सों का अवैध निर्माण कार्य करने की होड़ लग रही है।
पीडब्ल्यूडी के अनुसार मुख्य सड़क मार्ग से 42 फीट तक निर्माण कार्य करना अवैध है, जबकि बस स्टैंड पर कई काॅम्पलेक्स तो मुख्य सड़क से महज चार-पांच फीट की दूरी पर ही खड़े किए गए हैं। मुख्य बस स्टैंड पर बने इन अवैध व्यावसायिक काॅंम्पलेक्स मालिकों ने बेतरतीब तरीके से जगह रोककर दुकानों के सामने भी सड़क सीमा में अवैध सीढ़ियों का निर्माण कर दिया।
इससे मुख्य सड़क पर वाहनों को निकलने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है। घंटाघर के इर्द-गिर्द अस्थाई अतिक्रमण का जमावड़ा रहता है। इससे दिन में बार बार जाम लगने की परेशानी रहती है।
प्रशासन की कारवाई का इंतजार
हाईकोर्ट द्वारा कस्बे के मुख्य बस स्टैंड व सरकारी भूमियों से अतिक्रमण हटाने के आदेश को लेकर ग्रामीण प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा की जाने वाली कार्रवाई का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि कस्बे में बढ़ते अतिक्रमण से आमजन व्यथित है। बस स्टैंड पर अवैध अतिक्रमण के कारण एम्बुलेंस, प्रसूता वाहनों सहित अन्य आपातकालीन वाहनों का भी निकलना कई बार दूभर हो जाता है।
नोपार्किंग बोर्ड बने महज दिखावा
ग्राम पंचायत द्वारा कुछ महीनों पूर्व यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने को लेकर मुख्य बस स्टैंड पर कई जगह नोपार्किंग जोन मानते हुए बोर्ड लगवाये गए थे, लेकिन ग्राम पंचायत सरपंच की उदासीन कार्यप्रणाली के चलते नोपार्किंग जोन में भी बेतरतीब तरीके से वाहन चालक अपने वाहनों को खड़ा कर रहे हैं। ऐसे में ग्राम पंचायत द्वारा लगाए गए नोपार्किंग बोर्ड महज दिखावटी साबित हो रहे हैं।
अतिक्रमण को लेकर दायर याचिका की सुनवाई 9 फरवरी को
संरपच मीना सैनी का कहना है बस स्टैंड पर बन रहे अवैध काॅंम्पलेक्सों से आमजन व यातायात वाहन संचालकों को गंभीर परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है। अतिक्रमण हटाने के लिए हाईकोर्ट जयपुर में जनहित याचिका दर्ज करवाई गई है, जिसकी नौ फरवरी को सुनवाई की जानी है। हाईकोर्ट का निर्देश मिलते ही बस स्टैंड से बिना किसी भेदभाव के निष्पक्षता से अवैध अतिक्रमण को हटवाया जाएगा।
कांवट कस्बे में करीब चार पांच वर्षों से मुख्य बस स्टैंड पर नियमों को ताक में रखकर बिना तामीर स्वीकृति के बहुमंजिला व्यावसायिक काॅम्पलेक्सों का अवैध निर्माण कार्य करने की होड़ लग रही है।
पीडब्ल्यूडी के अनुसार मुख्य सड़क मार्ग से 42 फीट तक निर्माण कार्य करना अवैध है, जबकि बस स्टैंड पर कई काॅम्पलेक्स तो मुख्य सड़क से महज चार-पांच फीट की दूरी पर ही खड़े किए गए हैं। मुख्य बस स्टैंड पर बने इन अवैध व्यावसायिक काॅंम्पलेक्स मालिकों ने बेतरतीब तरीके से जगह रोककर दुकानों के सामने भी सड़क सीमा में अवैध सीढ़ियों का निर्माण कर दिया।
इससे मुख्य सड़क पर वाहनों को निकलने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है। घंटाघर के इर्द-गिर्द अस्थाई अतिक्रमण का जमावड़ा रहता है। इससे दिन में बार बार जाम लगने की परेशानी रहती है।
प्रशासन की कारवाई का इंतजार
हाईकोर्ट द्वारा कस्बे के मुख्य बस स्टैंड व सरकारी भूमियों से अतिक्रमण हटाने के आदेश को लेकर ग्रामीण प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा की जाने वाली कार्रवाई का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि कस्बे में बढ़ते अतिक्रमण से आमजन व्यथित है। बस स्टैंड पर अवैध अतिक्रमण के कारण एम्बुलेंस, प्रसूता वाहनों सहित अन्य आपातकालीन वाहनों का भी निकलना कई बार दूभर हो जाता है।
नोपार्किंग बोर्ड बने महज दिखावा
ग्राम पंचायत द्वारा कुछ महीनों पूर्व यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने को लेकर मुख्य बस स्टैंड पर कई जगह नोपार्किंग जोन मानते हुए बोर्ड लगवाये गए थे, लेकिन ग्राम पंचायत सरपंच की उदासीन कार्यप्रणाली के चलते नोपार्किंग जोन में भी बेतरतीब तरीके से वाहन चालक अपने वाहनों को खड़ा कर रहे हैं। ऐसे में ग्राम पंचायत द्वारा लगाए गए नोपार्किंग बोर्ड महज दिखावटी साबित हो रहे हैं।
अतिक्रमण को लेकर दायर याचिका की सुनवाई 9 फरवरी को
संरपच मीना सैनी का कहना है बस स्टैंड पर बन रहे अवैध काॅंम्पलेक्सों से आमजन व यातायात वाहन संचालकों को गंभीर परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है। अतिक्रमण हटाने के लिए हाईकोर्ट जयपुर में जनहित याचिका दर्ज करवाई गई है, जिसकी नौ फरवरी को सुनवाई की जानी है। हाईकोर्ट का निर्देश मिलते ही बस स्टैंड से बिना किसी भेदभाव के निष्पक्षता से अवैध अतिक्रमण को हटवाया जाएगा।