शहीद प्रतिमा के लिए जमीन देने व नामकरण का मामला-सातवें दिन जारी रहा क्रमिक अनशन व सदबुद्धि हवन
नीमकाथाना न्यूज़- शहीद बेटे की प्रतिमा के लिए जमीन की मांग को लेकर सोमवार को शहीद पिता सांवलराम यादव ने आमरण अनशन शुरू कर दिया। पालिकाध्यक्ष त्रिलोक दीवान व कांग्रेस पार्षदों की सदबुद्धि के लिए हवन में आहुतियां डाली।
शाम 4 बजे से पालिका कार्यालय पर यादव ने आमरण अनशन शुरू कर दिया। यादव ने कहा कि पालिका के नकारात्मक व संवेदनहीन रवैये से व्यथित है। शहीद स्मारक के लिए जमीन देने के मामले में पालिकाध्यक्ष त्रिलोक दीवान का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे शहीद परिवारों को पीड़ा हुई है। जवान बिना परिवार की चिंता किए राष्ट्र की रक्षा में प्राण देता है।
पालिकाध्यक्ष को ऐसे वीरो की शहादत पर जमीन की चिंता सता रही है। विद्वेष की राजनीति करने वाले पालिकाध्यक्ष को पद पर रहने का हक नहीं। पालिका कार्यालय पर पांच सूत्रीय मांग पर चल रहा क्रमिक अनशन व धरना सातवें रोज भी जारी रहा। धरना स्थल पर शहीद पिता सांवलराम यादव व सुग्गाराम यादव ने आमरण अनशन शुरू किया।
मांगों को लेकर मुकेश सिंह, सुमेरसिंह, रोहिताश्व गुर्जर, राजपाल गुर्जर, यादव महासभा अध्यक्ष संजय यादव, पंस सदस्य सुरेश यादव, सपा जिलाध्यक्ष रामरतन यादव, विजेंद्र सिंह यादव, दिलीप सिंह, पूर्व आयकर अधिकारी हनुमान सहाय यादव, पप्पू यादव आदि लोग क्रमिक अनशन पर रहे।
शहीद सम्मान बचाओ संघर्ष समिति ने पालिकाध्यक्ष व पार्षदों द्वारा शहीदों का अपमान करने के मामले में कार्रवाई की मांग करते हुए मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन दिया। संयोजक सांवलराम यादव ने बताया कि 28 दिसंबर की बोर्ड बैठक में शहीद स्मारक के लिए जमीन देने के प्रस्ताव खारिज कर शहीदों का अपमान किया है।
प्रतिमा के लिए जमीन की मांग पर पालिका कार्यालय पर 2 जनवरी से क्रमिक अनशन व धरना चल रहा है। कोई सुनवाई नहीं होने पर आमरण अनशन शुरू किया गया है। ज्ञापन में मुख्यमंत्री से शहीदों का अपमान करने के मामले में कार्रवाई की मांग की गई है।
इन संगठनों ने की निंदा
पालिका द्वारा शहीदों का अपमान करने के मामले में पूर्व सैनिक लीग बहरोड(अलवर) के अध्यक्ष कप्तान मामचंद यादव ने निंदा की है। पालिकाध्यक्ष के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। यादव ने पालिका कार्यालय पर चल रहे प्रदर्शन को समर्थन दिया। पूर्व सैनिक लीग तहसील रामगढ़(अलवर) के अध्यक्ष सूबेदार समशेरसिंह ने भी बयानों को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए निंदा की है। युवा यादव महासभा ने भी पालिकाध्यक्ष के बयानों की निंदा की है।
कब क्या हुआ
शहीद सुनील यादव के स्मारक हेतु जमीन की मांग के लिए डेढ़ साल से मामला अटका हुआ है। स्मारक के लिए जमीन को लेकर कब क्या हुआ इसकी पूरी जानकारी। नेहरु पार्क को शहीद सुनील यादव के नाम करने व प्रतिमा के लिए स्थान देने की मांग पर प्रार्थना पत्र प्रस्तुत।
पालिका बोर्ड ने 8 अगस्त,2016 को सर्वसम्मति से गांवडी मोड पर पैराफेरी एरिये में जमीन चिन्हित कर शहीद पार्क बनाने व जमीन देने का निर्णय किया।
22 नवम्बर,2016 को पालिका ने निमोद में जमीन चिन्हीकरण के लिए तहसीलदार को पत्र भेजा। शहीद परिवार द्वारा फिर मांग करने पर 10 फरवरी,2017 को तहसीलदार को स्मरण-पत्र भेजा।
शहीद परिवार ने दबाव बनाया तो 30 मार्च ,2017 को पालिका ने तहसीलदार को नामांतरण करने व सीमाज्ञान की मांग पर पत्र भेजा। 13 अप्रैल,2017 को संभागीय आयुक्त व कलेक्टर के निर्देश पर तहसीलदार ने पालिका अधिकारियों के साथ नेहरू पार्क का मौका देखा।
तहसीलदार व पालिका जेईएन की रिपोर्ट पर नेहरु पार्क के उत्तर-पश्चिम हिस्सेमें 15 गुणा 15 फीट भूमि देने का प्रस्ताव भेजा गया। अतिरिक्त निदेशक स्वायत शासन विभाग को भी प्रस्ताव की कॉपी भेजी गई। संभागीय आयुक्त व स्वायत शासन विभाग ने मामला बोर्ड की स्वीकृति के लिए भेजा।
28 दिसंबर,2017 को बोर्ड बैठक में प्रस्ताव बहुमत के आधार पर खारिज कर दिया गया। पालिकाध्यक्ष दीवान सहित कांग्रेस पार्षदों ने पूर्व में हुए निर्णय के आधार पर कार्रवाई को मंजूरी दी। इसके बाद विवाद बढ़ता गया।
Read Also- भगतसिंह चौक की मांग को लेकर दिया ज्ञापन
नीमकाथाना न्यूज़- शहीद बेटे की प्रतिमा के लिए जमीन की मांग को लेकर सोमवार को शहीद पिता सांवलराम यादव ने आमरण अनशन शुरू कर दिया। पालिकाध्यक्ष त्रिलोक दीवान व कांग्रेस पार्षदों की सदबुद्धि के लिए हवन में आहुतियां डाली।
शाम 4 बजे से पालिका कार्यालय पर यादव ने आमरण अनशन शुरू कर दिया। यादव ने कहा कि पालिका के नकारात्मक व संवेदनहीन रवैये से व्यथित है। शहीद स्मारक के लिए जमीन देने के मामले में पालिकाध्यक्ष त्रिलोक दीवान का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे शहीद परिवारों को पीड़ा हुई है। जवान बिना परिवार की चिंता किए राष्ट्र की रक्षा में प्राण देता है।
पालिकाध्यक्ष को ऐसे वीरो की शहादत पर जमीन की चिंता सता रही है। विद्वेष की राजनीति करने वाले पालिकाध्यक्ष को पद पर रहने का हक नहीं। पालिका कार्यालय पर पांच सूत्रीय मांग पर चल रहा क्रमिक अनशन व धरना सातवें रोज भी जारी रहा। धरना स्थल पर शहीद पिता सांवलराम यादव व सुग्गाराम यादव ने आमरण अनशन शुरू किया।
मांगों को लेकर मुकेश सिंह, सुमेरसिंह, रोहिताश्व गुर्जर, राजपाल गुर्जर, यादव महासभा अध्यक्ष संजय यादव, पंस सदस्य सुरेश यादव, सपा जिलाध्यक्ष रामरतन यादव, विजेंद्र सिंह यादव, दिलीप सिंह, पूर्व आयकर अधिकारी हनुमान सहाय यादव, पप्पू यादव आदि लोग क्रमिक अनशन पर रहे।
शहीद सम्मान बचाओ संघर्ष समिति ने पालिकाध्यक्ष व पार्षदों द्वारा शहीदों का अपमान करने के मामले में कार्रवाई की मांग करते हुए मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन दिया। संयोजक सांवलराम यादव ने बताया कि 28 दिसंबर की बोर्ड बैठक में शहीद स्मारक के लिए जमीन देने के प्रस्ताव खारिज कर शहीदों का अपमान किया है।
प्रतिमा के लिए जमीन की मांग पर पालिका कार्यालय पर 2 जनवरी से क्रमिक अनशन व धरना चल रहा है। कोई सुनवाई नहीं होने पर आमरण अनशन शुरू किया गया है। ज्ञापन में मुख्यमंत्री से शहीदों का अपमान करने के मामले में कार्रवाई की मांग की गई है।
इन संगठनों ने की निंदा
पालिका द्वारा शहीदों का अपमान करने के मामले में पूर्व सैनिक लीग बहरोड(अलवर) के अध्यक्ष कप्तान मामचंद यादव ने निंदा की है। पालिकाध्यक्ष के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। यादव ने पालिका कार्यालय पर चल रहे प्रदर्शन को समर्थन दिया। पूर्व सैनिक लीग तहसील रामगढ़(अलवर) के अध्यक्ष सूबेदार समशेरसिंह ने भी बयानों को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए निंदा की है। युवा यादव महासभा ने भी पालिकाध्यक्ष के बयानों की निंदा की है।
कब क्या हुआ
शहीद सुनील यादव के स्मारक हेतु जमीन की मांग के लिए डेढ़ साल से मामला अटका हुआ है। स्मारक के लिए जमीन को लेकर कब क्या हुआ इसकी पूरी जानकारी। नेहरु पार्क को शहीद सुनील यादव के नाम करने व प्रतिमा के लिए स्थान देने की मांग पर प्रार्थना पत्र प्रस्तुत।
पालिका बोर्ड ने 8 अगस्त,2016 को सर्वसम्मति से गांवडी मोड पर पैराफेरी एरिये में जमीन चिन्हित कर शहीद पार्क बनाने व जमीन देने का निर्णय किया।
22 नवम्बर,2016 को पालिका ने निमोद में जमीन चिन्हीकरण के लिए तहसीलदार को पत्र भेजा। शहीद परिवार द्वारा फिर मांग करने पर 10 फरवरी,2017 को तहसीलदार को स्मरण-पत्र भेजा।
शहीद परिवार ने दबाव बनाया तो 30 मार्च ,2017 को पालिका ने तहसीलदार को नामांतरण करने व सीमाज्ञान की मांग पर पत्र भेजा। 13 अप्रैल,2017 को संभागीय आयुक्त व कलेक्टर के निर्देश पर तहसीलदार ने पालिका अधिकारियों के साथ नेहरू पार्क का मौका देखा।
तहसीलदार व पालिका जेईएन की रिपोर्ट पर नेहरु पार्क के उत्तर-पश्चिम हिस्सेमें 15 गुणा 15 फीट भूमि देने का प्रस्ताव भेजा गया। अतिरिक्त निदेशक स्वायत शासन विभाग को भी प्रस्ताव की कॉपी भेजी गई। संभागीय आयुक्त व स्वायत शासन विभाग ने मामला बोर्ड की स्वीकृति के लिए भेजा।
28 दिसंबर,2017 को बोर्ड बैठक में प्रस्ताव बहुमत के आधार पर खारिज कर दिया गया। पालिकाध्यक्ष दीवान सहित कांग्रेस पार्षदों ने पूर्व में हुए निर्णय के आधार पर कार्रवाई को मंजूरी दी। इसके बाद विवाद बढ़ता गया।
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