Sikar- अपर सेशन न्यायाधीश क्रम संख्या-4 सुरेंद्र पुरोहित ने बुधवार को पत्नी को जलाकर मारने का प्रयास करने के आराेपी पति रमेश स्वामी को छह साल के साधारण कारावास और 10 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है।
अपर लोक अभियोजक रमेश पारीक ने बताया कि प्रकरण के तथ्यों के अनुसार 28 मई 2013 को ज्योति ने एसके अस्पताल में इलाज के दौरान पुलिस को बयान दिया कि चार साल पूर्व उसकी शादी रमेश स्वामी पुत्र सत्यनारायण स्वामी निवासी स्वामियों का माेहल्ला, वार्ड 14 सीकर के साथ हुई थी।
शादी के बाद उसका पति व अन्य लोग दहेज की मांग करने लगे। इस दौरान उसके एक लड़का व एक लड़की हो गई। इसके बाद भी पति दहेज की मांग को लेकर परेशान करने के साथ मारपीट करता रहा। पति रमेश, देवर रोशन व एक अन्य महिला गुड्डी ने 27 मई 2013 को शाम पांच बजे पीड़िता ज्योति को पकड़ लिया।
पति ने उसके शरीर पर केरोसिन तेल छिड़क दिया। महिला गुड्डी ने माचिस की तिल्ली निकाल कर आग लगा दी। सास विमला तथा मोहल्ले के पड़ोसी वकील ने उसे एसके अस्पताल में भर्ती करवाया। यहां बयान में पीड़िता ने बताया कि तीनों ने एकराय होकर दहेज की मांग को लेकर उसे जलाया।
पीड़िता के पर्चा बयानों के आधार पर महिला पुलिस थाना सीकर में मामला दर्ज किया गया। प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से 21 गवाहों के मौखिक बयान करवाए गए तथा दस्तावेज व साक्ष्य के रूप में 13 दस्तावेज प्रस्तुत किए गए।
मुलजिम ने अपने बयान में घटना के दौरान स्वयं के घर में नहीं होना बताया लेकिन बचाव में कोई गवाह के बयान नहीं करवाए। इस पर अपर सेशन न्यायाधीश क्रम संख्या-4 सुरेंद्र पुरोहित ने एक आरोपी रमेश स्वामी को भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के अपराध में दोष सिद्ध किया जाकर 6 वर्ष के साधारण कारावास एवं 10 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड अदा नहीं करने पर एक माह का साधारण कारावास अतिरिक्त भुगतना होगा।
अपर लोक अभियोजक रमेश पारीक ने बताया कि प्रकरण के तथ्यों के अनुसार 28 मई 2013 को ज्योति ने एसके अस्पताल में इलाज के दौरान पुलिस को बयान दिया कि चार साल पूर्व उसकी शादी रमेश स्वामी पुत्र सत्यनारायण स्वामी निवासी स्वामियों का माेहल्ला, वार्ड 14 सीकर के साथ हुई थी।
शादी के बाद उसका पति व अन्य लोग दहेज की मांग करने लगे। इस दौरान उसके एक लड़का व एक लड़की हो गई। इसके बाद भी पति दहेज की मांग को लेकर परेशान करने के साथ मारपीट करता रहा। पति रमेश, देवर रोशन व एक अन्य महिला गुड्डी ने 27 मई 2013 को शाम पांच बजे पीड़िता ज्योति को पकड़ लिया।
पति ने उसके शरीर पर केरोसिन तेल छिड़क दिया। महिला गुड्डी ने माचिस की तिल्ली निकाल कर आग लगा दी। सास विमला तथा मोहल्ले के पड़ोसी वकील ने उसे एसके अस्पताल में भर्ती करवाया। यहां बयान में पीड़िता ने बताया कि तीनों ने एकराय होकर दहेज की मांग को लेकर उसे जलाया।
पीड़िता के पर्चा बयानों के आधार पर महिला पुलिस थाना सीकर में मामला दर्ज किया गया। प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से 21 गवाहों के मौखिक बयान करवाए गए तथा दस्तावेज व साक्ष्य के रूप में 13 दस्तावेज प्रस्तुत किए गए।
मुलजिम ने अपने बयान में घटना के दौरान स्वयं के घर में नहीं होना बताया लेकिन बचाव में कोई गवाह के बयान नहीं करवाए। इस पर अपर सेशन न्यायाधीश क्रम संख्या-4 सुरेंद्र पुरोहित ने एक आरोपी रमेश स्वामी को भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के अपराध में दोष सिद्ध किया जाकर 6 वर्ष के साधारण कारावास एवं 10 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड अदा नहीं करने पर एक माह का साधारण कारावास अतिरिक्त भुगतना होगा।