जयपुर: राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में भाजपा सरकार को जबरदस्त झटका लगा है। लोकसभा की दो तथा विधानसभा की एक सीट के लिए हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी को करारी शिकस्त मिली है। इससे जहां एक ओर कांग्रेस में खुशी की लहर है, तो दूसरी ओर राजपूत करणी सेना भी भाजपा के इस हार का जश्न मना रही है।
हाल ही में देशभर में रिलीज हुई फिल्म 'पद्मावत' को लेकर करणी सेना ने विरोध जताया था और इसी सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने की मांग भी की थी। भाजपा को उपचुनाव में मिली हार पर करणी सेना ने कहा, 'यह एक पार्टी की जीत नहीं है, बल्कि यह हमारे संघर्ष समिति की विजय है। जनता ने हमारे संघर्ष को सहयोग दिया और भाजपा के खिलाफ वोटिंग की। यदि भाजपा ने अपना रवैया नहीं बदला तो आने वाले चुनाव में भी यही परिणाम मिलेगा।'
राजस्थान उपचुनाव : दो लोकसभा और एक विधानसभा सीट गयी कांग्रेस के खाते में
राजस्थान में इस वर्ष के अंत तक प्रस्तावित विधानसभा चुनावों से पहले राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा को लोकसभा की दो तथा विधानसभा की एक सीट के लिए हुए उपचुनाव में तगड़ा झटका लगा है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने अजमेर और अलवर की लोकसभा सीट और मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर बड़ी जीत हासिल की है।
निर्वाचन विभाग के प्रवक्ता के अनुसार अलवर लोकसभा सीट पर कांग्रेस के डा. करण सिंह यादव ने भाजपा के जयवंत सिंह यादव को एक लाख 96 हजार 496 मतों के अंतर से, अजमेर लोकसभा सीट पर कांग्रेस के रघु शर्मा ने भाजपा के राम स्वरूप लाम्बा को 84 हजार 414 मतों के अंतर से और मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस के विवेक धाकड़ ने भाजपा के शक्ति सिंह हांडा को 12 हजार 976 मतों से पराजित किया है।
कांग्रेस ने मांगा वसुंधरा राजे का इस्तीफा
प्रदेश कांग्रेस प्रमुख सचिन पायलट ने नैतिक आधार पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इस्तीफे की मांग की है। अजमेर और अलवर की लोकसभा सीटें और मांडलगढ़ विधानसभा सीट के लिए आये चुनाव परिणाम के बाद प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ट्विटर के जरिए दी गई प्रतिक्रिया में कहा, ‘जनता की सेवा का जो प्रण चार साल पहले लिया था, उसे पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आज तीनों निर्वाचन क्षेत्रों में जो फैसला जनता दिया है, वह सिर आंखों पर।’
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘हम राजस्थान के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं और रहेंगे। मैं भाजपा प्रत्याशियों और कार्यकर्ताओं और नेताओं का आभार व्यक्त करती हूं, जिन्होंने इन चुनावों में मेहनत की, लेकिन अब हमें और कड़ी मेहनत करने की जरूरत है।’ पिछले लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों में से एक में भी जीत हासिल नहीं हुई थी।
हाल ही में देशभर में रिलीज हुई फिल्म 'पद्मावत' को लेकर करणी सेना ने विरोध जताया था और इसी सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने की मांग भी की थी। भाजपा को उपचुनाव में मिली हार पर करणी सेना ने कहा, 'यह एक पार्टी की जीत नहीं है, बल्कि यह हमारे संघर्ष समिति की विजय है। जनता ने हमारे संघर्ष को सहयोग दिया और भाजपा के खिलाफ वोटिंग की। यदि भाजपा ने अपना रवैया नहीं बदला तो आने वाले चुनाव में भी यही परिणाम मिलेगा।'
राजस्थान उपचुनाव : दो लोकसभा और एक विधानसभा सीट गयी कांग्रेस के खाते में
राजस्थान में इस वर्ष के अंत तक प्रस्तावित विधानसभा चुनावों से पहले राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा को लोकसभा की दो तथा विधानसभा की एक सीट के लिए हुए उपचुनाव में तगड़ा झटका लगा है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने अजमेर और अलवर की लोकसभा सीट और मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर बड़ी जीत हासिल की है।
निर्वाचन विभाग के प्रवक्ता के अनुसार अलवर लोकसभा सीट पर कांग्रेस के डा. करण सिंह यादव ने भाजपा के जयवंत सिंह यादव को एक लाख 96 हजार 496 मतों के अंतर से, अजमेर लोकसभा सीट पर कांग्रेस के रघु शर्मा ने भाजपा के राम स्वरूप लाम्बा को 84 हजार 414 मतों के अंतर से और मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस के विवेक धाकड़ ने भाजपा के शक्ति सिंह हांडा को 12 हजार 976 मतों से पराजित किया है।
कांग्रेस ने मांगा वसुंधरा राजे का इस्तीफा
प्रदेश कांग्रेस प्रमुख सचिन पायलट ने नैतिक आधार पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इस्तीफे की मांग की है। अजमेर और अलवर की लोकसभा सीटें और मांडलगढ़ विधानसभा सीट के लिए आये चुनाव परिणाम के बाद प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ट्विटर के जरिए दी गई प्रतिक्रिया में कहा, ‘जनता की सेवा का जो प्रण चार साल पहले लिया था, उसे पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आज तीनों निर्वाचन क्षेत्रों में जो फैसला जनता दिया है, वह सिर आंखों पर।’
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘हम राजस्थान के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं और रहेंगे। मैं भाजपा प्रत्याशियों और कार्यकर्ताओं और नेताओं का आभार व्यक्त करती हूं, जिन्होंने इन चुनावों में मेहनत की, लेकिन अब हमें और कड़ी मेहनत करने की जरूरत है।’ पिछले लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों में से एक में भी जीत हासिल नहीं हुई थी।