नीमकाथाना- शहीद जगदीश प्रसाद जाट को सम्मान के साथ नम: आखों से अंतिम विदाई दी गई। झालरा गाँव के निवासी शहीद जगदीश प्रसाद जाट बीएसएफ में हवलदार की पोस्ट पर पाणीसागर, त्रिपुरा में तैनात थे।
जगदीश 30 को जनवरी कंपकपाती सर्द रात में ऊँचे पहाड़ों पर ड्यूटी कर रहे थे उसी दौरान आकस्मिक हार्टअटैक से शहीद हुए। जिनकी पार्थिव देह आज 2 फरवरी को सुबह उनके गाँव झालरा में पहुँची। जगदीश प्रसाद के शहीद होने की खबर मिलते ही सारे गांव में गमनीन माहौल हो गया।
आज दोपहर सैकड़ों की संख्या में नीमकाथाना क्षेत्र के लोगों और ग्रामवासियों ने शहीद को श्रद्धांजली दी तथा शहीद परिवार का ढांढस बंधाया ।
सैन्य अधिकारियों ने तहसीलदार, जनप्रतिनिधियों तथा ग्रामीणों की मौजूदगी में शहीद पुत्र तथा भाई को तिरंगा सौंपा ।
दस दिन पहले बने थे नाना, 3 फरवरी को आ रहे थे छुट्टी
शहीद परिजनों ने बताया कि अभी 10 दिन पहले ही बड़ी बेटी के पुत्री जन्मोत्सव की खबर मिली थी, जिस पर लगभग 6 महीने बाद 3 फरवरी को छुट्टी पर घर आ रहे थे।
लेकिन विधाता को कुछ और ही मंजूर था। शहीद के दो पुत्र और दो पुत्रियाँ जिनका विवाह 3 साल पहले नीमकाथाना के ढाणी गुमान सिंह में हुआ था।
जगदीश 30 को जनवरी कंपकपाती सर्द रात में ऊँचे पहाड़ों पर ड्यूटी कर रहे थे उसी दौरान आकस्मिक हार्टअटैक से शहीद हुए। जिनकी पार्थिव देह आज 2 फरवरी को सुबह उनके गाँव झालरा में पहुँची। जगदीश प्रसाद के शहीद होने की खबर मिलते ही सारे गांव में गमनीन माहौल हो गया।
आज दोपहर सैकड़ों की संख्या में नीमकाथाना क्षेत्र के लोगों और ग्रामवासियों ने शहीद को श्रद्धांजली दी तथा शहीद परिवार का ढांढस बंधाया ।
सैन्य अधिकारियों ने तहसीलदार, जनप्रतिनिधियों तथा ग्रामीणों की मौजूदगी में शहीद पुत्र तथा भाई को तिरंगा सौंपा ।
दस दिन पहले बने थे नाना, 3 फरवरी को आ रहे थे छुट्टी
शहीद परिजनों ने बताया कि अभी 10 दिन पहले ही बड़ी बेटी के पुत्री जन्मोत्सव की खबर मिली थी, जिस पर लगभग 6 महीने बाद 3 फरवरी को छुट्टी पर घर आ रहे थे।
लेकिन विधाता को कुछ और ही मंजूर था। शहीद के दो पुत्र और दो पुत्रियाँ जिनका विवाह 3 साल पहले नीमकाथाना के ढाणी गुमान सिंह में हुआ था।