नीमकाथाना- राजस्थान प्रदेश निजी कॉलेज संघ का अरावली शिक्षण संस्थान में शुक्रवार को अधिवेशन होगा। अधिवेशन में निजी कॉलेज संघ ‘उच्च शिक्षा में एक राज्य एक नियम” विषय के प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे।
निदेशक कैलाश रोहिलाण ने बताया कि अधिवेशन में प्रदेश भर से निजी कॉलेजों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। कॉलेज संचालन में आ रही परेशानियों पर भी अधिवेशन में चर्चा की जाएगी।
झुंझुनूं व सीकर जिले में निजी कॉलेजों के सामने पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी यूनिवर्सिटी की संबद्धता को लेकर परेशानी आ रही है। उच्च शिक्षा में एक राज्य एक नियम का प्रस्ताव रखा जाएगा। सरकार से भी दूसरी यूनिवर्सिटी के आधार पर सीकर व झुंझुनूं जिले में संबद्धता जारी करने की मांग रखी जाएगी।
शेखावाटी यूनिवर्सिटी ने एण्डोमेंट फंड की वृद्धि की गई है। इससे प्रत्येक कॉलेज को एक से दो करोड़ जमा कराने होंगे। इतनी बड़ी राशि जमा करवाना कॉलेज संचालकों के लिए संभव नहीं हैं।
यूजीसी नियमों के आधार पर तीन वर्ष बाद इसे हटा देना चाहिए, लेकिन यूनिवर्सिटी प्रतिवर्ष राशि मांग रही है। एफिलेशन व अन्य शुल्क पिछले चार-पांच सालों में दस गुना बढ़ा दिया गया है।
इसका सीधा असर छात्रों पर पड़ा है। अनापत्ति प्रमाण-पत्र के नाम पर राज्य सरकार प्रतिवर्ष तीस हजार रुपए शुल्क वसूलती है। इससे छात्रों पर अतिरिक्त भार आता है। अधिवेशन में प्रदेश के सभी जिलों से निजी कॉलेज संघ प्रतिनिधि शामिल होंगे।
- सचिन पत्रकार
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निदेशक कैलाश रोहिलाण ने बताया कि अधिवेशन में प्रदेश भर से निजी कॉलेजों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। कॉलेज संचालन में आ रही परेशानियों पर भी अधिवेशन में चर्चा की जाएगी।
झुंझुनूं व सीकर जिले में निजी कॉलेजों के सामने पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी यूनिवर्सिटी की संबद्धता को लेकर परेशानी आ रही है। उच्च शिक्षा में एक राज्य एक नियम का प्रस्ताव रखा जाएगा। सरकार से भी दूसरी यूनिवर्सिटी के आधार पर सीकर व झुंझुनूं जिले में संबद्धता जारी करने की मांग रखी जाएगी।
शेखावाटी यूनिवर्सिटी ने एण्डोमेंट फंड की वृद्धि की गई है। इससे प्रत्येक कॉलेज को एक से दो करोड़ जमा कराने होंगे। इतनी बड़ी राशि जमा करवाना कॉलेज संचालकों के लिए संभव नहीं हैं।
यूजीसी नियमों के आधार पर तीन वर्ष बाद इसे हटा देना चाहिए, लेकिन यूनिवर्सिटी प्रतिवर्ष राशि मांग रही है। एफिलेशन व अन्य शुल्क पिछले चार-पांच सालों में दस गुना बढ़ा दिया गया है।
इसका सीधा असर छात्रों पर पड़ा है। अनापत्ति प्रमाण-पत्र के नाम पर राज्य सरकार प्रतिवर्ष तीस हजार रुपए शुल्क वसूलती है। इससे छात्रों पर अतिरिक्त भार आता है। अधिवेशन में प्रदेश के सभी जिलों से निजी कॉलेज संघ प्रतिनिधि शामिल होंगे।
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