नीमकाथाना- पाटन के बोपिया से रवाना होने वाला बत्तीसी संघ बुधवार को यहां से जीणमाता के लिए रवाना हुआ। इससे पूर्व पथवारी मोहल्ले में मेला भरा। श्रद्धालुओं ने पथवारी माता के दर्शन किए और मन्नत मांगी। यहां से ऊंटगाड़ियों व ट्रैक्टर-ट्रॉली से सैकड़ों भक्त जीणमाता के लिए रवाना हुए। जगह-जगह लोगों ने स्वागत किया।
संघ के श्रद्धालुओं ने रात्रि को खंडेला के समीप सील की बाड़ी में विश्राम किया। गुरुवार को संघ राणाेली के समीप रुकेगा। शुक्रवार को बत्तीसी संघ जीणमाता पहुंचेगा।
यहां छठ की रात्रि को मैया को चुनरी ओढ़ाएगा। यह परंपरा पौराणिक समय से चली आ रही है। संघ के लोग चंग की थाप पर नृत्य करते हुए मैया के दरबार में जा रहे हैं।
हरियाणा के श्रद्धालु भी शामिल होते हैं
बत्तीसी संघ में विभिन्न इलाकों के श्रद्धालु शामिल होते हैं। इसमें हरियाणा के लोग भी आते हैं। संघ पदाधिकारियों के मुताबिक करीब 32 गांव- ढाणियों के लोग जत्थे में शामिल होते हैं। इसमें पाटन, हसामपुर, सिरोही, पचलंगी, बागोली, पापड़ा, झड़ाया नगर, गणेश्वर, आगरी आदि गांवों के लोग शामिल है।
भक्तों काे शर्बत पिलाया
प्रीतमपुरी- कस्बे के दुर्गा मंदिर से जीण माता संघ एवं जीण माता सेवा समीति के कार्यकर्ताओं को ग्रामीणों ने तिलकार्चन कर माला पहनाकर रवाना किया। सभी कार्यकर्ता जीणमाता के जयकारों के साथ रवाना हुए। यह पदयात्रा 23 मार्च को जीणमाता पहुंचेगी।
सिरोही/चला- बत्तीसी संघ सुबह यहां पहुंचा। लोगों द्वारा स्वागत किया गया। ग्रामीणों ने बत्तीसी संघ के लोगों का आशीर्वाद भी लिया। झड़ाया में शर्बत पिलाया और फल वितरित किए गए। चला बस स्टैंड पर भी ग्रामीणों ने बत्तीसी संघ का स्वागत किया। चौकड़ी रोड स्थित पथवारी मंदिर में श्रद्धालुओं ने मैया के दर्शन किए।
गणेश्वर में पथवारी माता का मेला भरा
गणेश्वर| तीर्थधाम पर बुधवार को पथवारी माता का मेला भरा। इसमें दूरदराज के श्रद्धालु शामिल हुए। भक्तों ने निशान अर्पित किए। इससे पूर्वनिशान यात्रा निकाली गई जो मुख्य मार्गों से होकर मंदिर परिसर पहुंची।
भक्तों ने यहां जात- जड़ूले चढ़ाए। मेले में झांकियां भी सजाई गई। इस दौरान कैलाश कुमावत, रमेश कुमावत, रामकुवार, सुरेन्द्र, राकेश, सोनू आदि लोगों ने सेवाएं दी।
संघ के श्रद्धालुओं ने रात्रि को खंडेला के समीप सील की बाड़ी में विश्राम किया। गुरुवार को संघ राणाेली के समीप रुकेगा। शुक्रवार को बत्तीसी संघ जीणमाता पहुंचेगा।
यहां छठ की रात्रि को मैया को चुनरी ओढ़ाएगा। यह परंपरा पौराणिक समय से चली आ रही है। संघ के लोग चंग की थाप पर नृत्य करते हुए मैया के दरबार में जा रहे हैं।
हरियाणा के श्रद्धालु भी शामिल होते हैं
बत्तीसी संघ में विभिन्न इलाकों के श्रद्धालु शामिल होते हैं। इसमें हरियाणा के लोग भी आते हैं। संघ पदाधिकारियों के मुताबिक करीब 32 गांव- ढाणियों के लोग जत्थे में शामिल होते हैं। इसमें पाटन, हसामपुर, सिरोही, पचलंगी, बागोली, पापड़ा, झड़ाया नगर, गणेश्वर, आगरी आदि गांवों के लोग शामिल है।
भक्तों काे शर्बत पिलाया
प्रीतमपुरी- कस्बे के दुर्गा मंदिर से जीण माता संघ एवं जीण माता सेवा समीति के कार्यकर्ताओं को ग्रामीणों ने तिलकार्चन कर माला पहनाकर रवाना किया। सभी कार्यकर्ता जीणमाता के जयकारों के साथ रवाना हुए। यह पदयात्रा 23 मार्च को जीणमाता पहुंचेगी।
सिरोही/चला- बत्तीसी संघ सुबह यहां पहुंचा। लोगों द्वारा स्वागत किया गया। ग्रामीणों ने बत्तीसी संघ के लोगों का आशीर्वाद भी लिया। झड़ाया में शर्बत पिलाया और फल वितरित किए गए। चला बस स्टैंड पर भी ग्रामीणों ने बत्तीसी संघ का स्वागत किया। चौकड़ी रोड स्थित पथवारी मंदिर में श्रद्धालुओं ने मैया के दर्शन किए।
गणेश्वर में पथवारी माता का मेला भरा
गणेश्वर| तीर्थधाम पर बुधवार को पथवारी माता का मेला भरा। इसमें दूरदराज के श्रद्धालु शामिल हुए। भक्तों ने निशान अर्पित किए। इससे पूर्वनिशान यात्रा निकाली गई जो मुख्य मार्गों से होकर मंदिर परिसर पहुंची।
भक्तों ने यहां जात- जड़ूले चढ़ाए। मेले में झांकियां भी सजाई गई। इस दौरान कैलाश कुमावत, रमेश कुमावत, रामकुवार, सुरेन्द्र, राकेश, सोनू आदि लोगों ने सेवाएं दी।